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अक्षय तृतीया और वेडिंग सीजन गोल्ड लाख के पार मगर सेल बरकरार

  • Aabhushan Times
  • May 17
  • 7 min read


- राकेश लोढ़ा भारत में अक्षय तृतीया और वेडिंग सीजन ऐसा पर्वकाल है, जो न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक संबंधों और आर्थिक गतिविधियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। विशेषकर गोल्ड की खरीदारी के लिए भी जाना जाता है। अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला यह दिन समृद्धि, स्थायी धन और शुभता का प्रतीक माना जाता है। अक्षय शब्द का अर्थ है जो कभी नष्ट न हो, और यही कारण है कि इस दिन गोल्ड-सिल्वर खरीदना शुभ और दीर्घकालिक निवेश का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद शुरू होने वाला वेडिंग सीजन भी गोल्ड की मांग को और बढ़ाता है, क्योंकि भारतीय संस्कृति में शादी-वेडिंग में गोल्ड के ज्वेलरी का विशेष महत्व है। तो, चलिए, बात करते हैं इस बार की अक्षय तृतीया 2025 और वर्तमान में चल रहे वेडिंग सीजन में गोल्ड की सेल, इसके कारणों, तुलनाओं और भविष्य के अनुमानों पर, जो कि हालात के संदर्भ में जानना बेहद जरूरी है।


अक्षय तृतीया पर पहले से कम बिका गोल्ड

सन 2025 में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई गई, और इस दिन देशभर में गोल्ड और सिल्वर की सेल में उल्लेखनीय गतिविधि देखी गई। ऑल इंडिया जैम एंड ज्वेलरी डॉमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी), ऑल इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (इबजा) एवं ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन सहित विभिन्न  ट्रेड एसोसिएशन, बाजार के विशेषज्ञों तथा मार्केट रिसर्चट रिपोर्ट्स के अनुमानों के अनुसार, इस दिन लगभग 12 टन गोल्ड (मूल्य - करीब 12 हजार करोड़ रुपये) और 400 टन सिल्वर (मूल्य - करीब 4 हजार करोड़ रुपये) की सेल हुई, जिसका कुल कारोबार 16 हजार करोड़ रुपये रहा। हालांकि, कुछ स्रोत गोल्ड व सिल्वर की सेल में कमी की ओर इशारा करते हैं, कि इस बार अक्षय तृतीया पर देश में 20 टन गोल्ड (18,000 करोड़ रुपये) बिका, जिसमें मुंबई में 2.5 टन (2,350 करोड़ रुपये) शामिल था। गोल्ड की रेट इस बार रिकॉर्ड स्तर पर थीं, जो 99,500 से 99,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच रहीं, जो 2024 की अक्षय तृतीया (72,300 रुपये) की तुलना में 37.6 प्रतिशत अधिक थीं। रेट में यह उछाल उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित करता है, फिर भी पिछली बार 100 ग्राम गोल्ड खरीदने वालों ने इस बार केवल 50 ग्राम खरीदा, तो 10 ग्राम खरीदने वालों ने 2 या 5 ग्राम खरीदीद करेक ही अक्षय तृतीया मनाई। फिर भी, माना जा रहा है कि सांस्कृतिक महत्व और निवेश की भावना के कारण अक्षय तृतीया  पर खरीदारी में उत्साह बना रहा।


वेडिंग सीजन और गोल्ड की सेल

अक्षय तृतीया के बाद भारत में वेडिंग सीजन शुरू होता है, जो गोल्ड की मांग को और बढ़ाता है। भारतीय परिवारों में शादी के अवसर पर दुल्हन को गोल्ड के ज्वेलरी देना एक पुरानी परंपरा है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के अनुसार, वेडिंग सीजन और अक्षय तृतीया की शुभता के कारण इस दौरान गोल्ड-सिल्वर की खरीदारी में अच्छा उछाल देखा गया। वेडिंग सीजन में मांग मुख्य रूप से भारी ज्वेलरी, जैसे मंगलसूत्र, हार, और चूडिय़ों पर रहती है। हालांकि, इस बार उपभोक्ताओं ने उच्च रेट के कारण हल्के वजन के ज्वेलरी, 18 या 14 कैरेट गोल्ड, और लैब-ग्रोन डायमंड्स की ओर रुख किया और कम वेट व कम कैरेट के ज्वेलरी की मांग में वृद्धि हुई, क्योंकि उपभोक्ता अपने बजट के अनुसार खरीदारी कर रहे थे। इसके अलावा, सिल्वर सेक्टर में सिल्वर ज्वेलरी में अलावा सिल्वर आइटम्स और डायमंड ज्वेलरी सेक्टर में लैब ग्रोन डायमंड की सेल में हल्की सी तेजी देखी गई।


पिछले कुछ सालों के मुकाबले 2025 की ज्वेलरी सेल

पिछले कुछ वर्षों की तुलना में 2025 की अक्षय तृतीया पर ज्वेलरी की सेल में मूल्य के हिसाब से वृद्धि देखी गई, लेकिन मात्रा में कमी आई। निम्नलिखित तुलना इस अंतर को स्पष्ट करती है। सन 2022 में गोल्ड केरेट 52,700 रुपये प्रति 10 ग्राम थे, और मांग अधिक थी क्योंकि रेट कम थे। सन 2023 मेंरेट बढक़र 61,800 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गए, फिर भी खरीदारी में उत्साह बना रहा। सन 2024 मेंरेट 72,300 रुपये प्रति 10 ग्राम थे, और सेल मात्र मे 20 टन के स्तर पर स्थिर रही। इस साल 2025 में गोल्ड के रेट जीएसटी के साथ 99 हजार से 99,900 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचे, और सेल मात्रा में 12-20 टन के बीच रही, लेकिन मूल्य में 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। कुछ व्यापारिक संगठनों की ओर से दावा किया गया कि इस बार सेल में 6 टन की गिरावट आई, और दक्षिण भारत को छोडक़र अन्य क्षेत्रों में सेल 30 प्रतिशत कम रही। हालांकि, एक बड़ी ज्वेलरी कंपनी पीएन गाड़गिल का दावा है कि उनके ब्रांड् ने इस बार इक्षय तृतीया पर रिकॉर्ड 139.53 करोड़ रुपये की सेल दर्ज की, जिसमें गोल्ड की सेल 34 प्रतिशत, डायमंड की 23 प्रतिशत, और सिल्वर की 114 प्रतिशत बढ़ी। लेकिन छोटे ज्वेलर्स तथा अनब्रांडेड ज्वेलरी के कारोबार करने वालों की सेल कम रही, यह तथ्य है।


गोल्ड की सेल कम होने के कारण और ज्वेलर्स की उम्मीद

सन 2025 जारी है और इस साल में गोल्ड की सेल मात्रा में कमी के कई कारण हैं। जिनमें गोल्ट के हाई रेट सबसे बड़ा कारण है। गोल्ड केरेट 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गए हैं, जिसने उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता को प्रभावित किया। इसके साथ ही उपभोक्ता का आर्थिक मामलों में बदलता व्यवहार भी एक खास कारण है। लोग भारी ज्वेलरी के बजाय हल्के डिजाइनों, डिजिटल गोल्ड, या गोल्ड ईटीएफ की ओर रुख कर रहे थे। एक सबसे बड़ा कारण इंटरनेशनल लेवल पर हो रही आर्थिक अनिश्चितता भी महत्वपूर्ण कारण है। वैश्विक आर्थिक स्थिति, जैसे अमेरिका-चीन व्यापारिक तनाव और डॉलर की मजबूती, वैश्विक स्तर पर कई देसों के बीच युद्ध के हालात जैसे कुछ कारणों ने रेट में उतार-चढ़ाव को बढ़ाया। इस बार अक्षय तृतीया तथा वेडिंग सीजन को देखते हुए ज्वेलर्स ने ग्राहकी की इस कमी को दूर करने के लिए कई रणनीतियां अपनाईं, जैसे मेकिंग चार्ज पर छूट, पुराने गोल्ड पर 100 प्रतिशत एक्सचेंज ऑफर, और लकी ड्रॉ जैसे प्रोत्साहन। हालांकि, माना जा रहा है कि गोल्ड व सिल्वर केरेट में स्थिरता आने पर उपभोक्ता फिर से खरीदारी शुरू कर रहे हैं। ज्वेलर्स को उम्मीद है कि वेडिंग सीजन समाप्त होने के बाद आने वाले त्यौहारी सीजन जैसे गणोशोत्सव, राक्षाबंधन, नवरात्रि, धनतेरस और दीपावली में ज्वेलरी की मांग बढ़ेगी।


आईआईजेएस व जीजेएस की एग्जिबिशन के प्रभाव

जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (जीजेईपीसी) का इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी शो तृतीया (आईआईजेएस तृतीया) एग्जिबिशन तथा जेम एंड ज्वेलरी डॉमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) के 'हमारा अपना शो जीजेएस जैसे ज्वेलरी एग्जिबिशन के आयोजन ज्वेलरी उद्योग में सेल बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये एग्जिबिशन ज्वेलर्स को अपने नए डिजाइनों, ऑफर्स, और प्रोडक्ट्स को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करती हैं। 2025 में आईआईजेएस तृतीया ने हल्के वजन के ज्वेलरी, लैब-ग्रोन डायमंड्स, और सिल्वर ज्वेलरी पर ध्यान केंद्रित किया, जो उच्च रेट के बीच उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं के अनुरूप था। जीजेसी के चेयरमैन राजेश रोकड़े के अनुसार, ऐसे आयोजनों ने दक्षिण भारत और महाराष्ट्र जैसे क्षेत्रों में खरीदारी को बढ़ावा दिया। तनिष्क, सेन्को गोल्ड, और पीसी चंद्रा, कल्याण, मलबार, खजाना, टीबीजेड जैसे ब्रांड़ेड्स ने एग्जिबिशन में आकर्षक छूट और डिजाइनों की पेशकश की, जिससे उपभोक्ताओं का ध्यान आकर्षित हुआ। इन आयोजनों ने विशेष रूप से युवा उपभोक्ताओं को स्टडेड ज्वेलरी और डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्पों की ओर आकर्षित किया।


गोल्ड के रेट और अगले साल की संभावनाएं

गोल्ड की रेट 2025 में 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुकी हैं, जो उपभोक्ता व्यवहार और सेल पर गहरा असर डाल रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अगले साल (2026) की अक्षय तृतीया तक सामान्य हालात में गोल्ड केरेट 1.05 से 1.10 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकते हैं। यदि भू-राजनीतिक तनाव या आर्थिक अस्थिरता बढ़ती है, तो ये रेट 1.20 से 1.30 हजार तक भी पहुंच सकते हैं। दूसरी ओर, यदि अमेरिका-चीन व्यापार तनाव कम होता है, और दुनिया भर के देशों के बीच आर्थिक व सामरिक हालात सुधरते हैं, तो गोल्ड केरेट 75 हजार रुपये तक नीटे भी गिर सकते हैं, जिसकी संभावना बेहद कम है।


ज्वेलर्स को उम्मीद है कि हमारे भारत देश में गोल्ड व सिल्वर के परंपरागत सांस्कृतिक महत्व, आर्थिक जरूरतों तथा सहेजने की भावना व निवेश के बेहतरीन विकल्प के कारण गोल्ड की मांग बनी रहेगी। डिजिटल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ में बढ़ती रुचि से भी सेल को समर्थन मिलेगा। साथ ही, वेडिंग सीजन और त्योहारों में हल्के ज्वेलरी और वैकल्पिक निवेश विकल्पों की मांग बढ़ सकती है। इस साल की अक्षय तृतीया पर जो सेल हुई वो बीती बात हो गई, लेकिन उसके बाद का वेडिंग सीजन भारत में गोल्ड की सेल के लिए महत्वपूर्ण अवसर हैं। सन 2025 में हाई रेट के बावजूद 16,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, हालांकि सेल में कमी देखी गई। उपभोक्ता के आर्थिक हालात में बदलाव के कारण हल्के वजन कीज्वेलरी और डिजिटल गोल्ड की ओर रुझान, ने बाजार को नई दिशा दी। आआईजेएस तृतीया व जीजेएस एग्जिबिशन जैसे आयोजनों ने सेल को बढ़ावा दिया, और ज्वेलर्स को अगले साल भी मांग में सुधार की उम्मीद है।




चेतन मेहता - लक्ष्मी डायमंड्स

अक्षय तृतीया के दौरान हमारे देश में अन्य हिस्सों के मुकाबले दक्षिण भारत में ज्वेलरी की सेल बहुत अच्छी रही। हालांकि, भारत के बाकी हिस्सों में लाइट वेट ज्वेलरी की सेल बनी रही, जबकि उसके तुलनात्मक रूप से हेवी ज्वेलरी की डीमांड कम रही। वेडिंग सीजन में सेल बढऩे की उम्मीद है।








कांतिलाल शाह - अंसा ज्वेलर्स प्रा. लि.

अक्षय तृतीया तो केवल एक दिन है, लेकिन इसी दिन से ज्वेलरी की सेल का सीजन शुरू होता है। यह सीजन है वेडिंग का, इसलिए इस बार अक्षय तृतीया पर, कॉरपोरेट मल्टी चेन स्टोर ने भले ही अच्छा प्रदर्शन किया हो, पर रीटेल शोरूम तथा ज्वेलरी के छोटे बिजनेसमेन का साल भी ठीक ही रहा।







मनसुख कोठारी - वसुपती ज्वेलर्स

अभी गोल्ड के रेट 1 लाख के आसपास घूम रहे हैं, तो ऐसे में भले ही अक्षय तृतीया हो, या कोई और दिन, ग्राहक कोई दिल खोल कर तो खरीददारी करेंगे नहीं, यह सभी ने मान लिया है। गोल्ड में रेट लिहाज से कुल मांग पिछले साल के बराबर ही रहेगी, ऐसा माना जा रहा है।







मुलचंद तलेसरा - श्री वर्धमान ज्वेलर्स

रेट बढऩे के कारण कुल मिलाकर गोल्ड ज्वेलरी की बिक्री में कम से कम 20 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, अक्षय तृतीया पर हल्के वजन की ज्वेलरी तथा कम कैरेट के गोल्ड व सिल्वर कॉइंस की अच्छी मांग रही। कुल मिलाकर गोल्ड के हाई रेट्स ही ज्वेलरी की साल में सुस्त मांग का कारण हैं।


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