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इंडियन ज्वेलरी डिजाइन का दुनिया में दबदबा मुंबई की ज्वेलरी के डिजाइन दमदार, शिल्प शानदार और शैली शोभायमान

Aabhushan Times



मुंबई ज्वेलरी का हब है तथा यहां की ज्वेलरी की सबसे खास बात केवल यही है कि उसके डिजाइन का दुनिया भर में कोई तोड़ नहीं है। हर डिजाइन के पीछे एक कहानी है तथा हर कहानी का अपना महत्व। इसी डिजाइन की कलात्मकता की वजह से वैश्विक स्तर पर हर देश में  भारतीय ज्वेलरी को काफी सराहा जाता है।

ज्वेलरी एक ऐसी खूबसूरत चीज है हर किसी की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है। इसीलिए कहते हैं कि ज्वेलरी न केवल पहनने वाले की सुंदरता को बढ़ाती है, बल्कि यह उसकी खासियत को भी दर्शाती है। ज्वेलरी के विभिन्न डिजाइन और उनकी विविधता की लंबी रैंज ने इसे एक ऐसा खास एइटम बना दिया है, जिसमें जितनी भी गहराई में जाए, कम लगता है तथा जो हर किसी की पसंद के अनुसार बाजार में उपलब्ध हो। आज भारत में लगभग 10 करोड़ से ज्यादा ज्वेलरी के डिजाइंस उपलब्ध है, तथा थोड़े में कहें, तो जिस तरह से दुनिया में हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से अलग है, उसी तरह से हर ज्वेलरी दूसरी ज्वेलरी से अलग है। इसका एक ही सबसे खास कारण है कि ज्वेलर, ज्वेलरी डिजाइनर तथा ज्वेलरी के हर खरीददार का पहला ध्यान सिर्फ उसकी ज्वेलरी के डिजाइन पर होता है, तथा वही ज्वेलर तथा ज्वेलरी डिजाइनर सबसे ज्यादा सफल होता है, जिसकी ज्वेलरी जरा हट के होती है। इसकी खास बात यह है कि ज्वेलरी की दुनिया बड़ी आकर्षक हैं, तो ज्वेलरी की डिजाइन की दुनिया भी बड़ी आकर्षक है। मुंबई ज्वेलरी इंडस्ट्री का राजधानी है तथा ज्वेलरी के डिजाइन की उर्व भूमि का दर्जा भी इसे शहर को हासिल है। हमारे ज्वेलर एक से एक डिजाइन प्रस्तुत कर रहे हैं कि दुनिया में कहीं बी वैसी ज्वेलरी हमें देखने को नहीं मिलती। विशेष तौर से नई पीढ़ी के ज्वेलर हर तरह के ज्वेलरी डिजाइन में कुछ न कुछ नएपन के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं, इसी कारण दुनिया भर में मुंबई की ज्वेलरी इंडस्ट्री की धाक लगातार बढ़ती जा रही है। जो ज्वेलरी जितनी जटिल, उतनी ही उसकी कीमत ज्यादा। बेहद मेहनत से विभिन्न रूप - स्वरूप में तैयार की गई ज्वेलरी सभी को लुभाती है, तो उसका लालित्य ज्वेलरी की दुनिया में कस्टमर्स के टेस्ट के अनुरूप कई तरह की शैलियां प्रदान करता है, जिसमें बेहतरीन डिज़ाइन वाली ज्वेलरी सर्वोपरि हैं। ज्वेलरी डिज़ाइन की अपनी अलग दुनिया है, जो हर ज्वेलरी की ज्वेलरी को मार्केट में एक दूसरे से भिन्न बनाती है। मगर, जो ज्वेलरी दुनिया के दिलों को लुभाती हैं और उसे पहनने वाले के स्टाइल स्टेटमेंट को बढ़ाती हैं, वही ज्वेलरी बाजार में सबसे ज्यादा बिकती है। इसी कारण ज्वेलरी में कस्टमर से लेकर निर्माता तथा डिजाइनर से लेकर सेल्र तक सभी का पहला झध्यान ज्वेलरी की डिटजाइन पर ही रहता है कि उसकी ज्वेलरी सबसे अलग हो, ताकी सबसे पहले पसंद आए, तथा सबसे ज्यादा बिक्री हो। इसके लिए ज्वेलर और ज्वेलरी डिजाइनर कुछ खास करते हैं, वे ज्वेलरी डिजाइन के आकार - प्रकार तय करते हैं, ज्वेलरी डिजाइन में निपुण कारीगरों को चुनते हैं तथा अपनी ज्वेलरी के डिजाइंस को सर्वोपरि साबित करते हैं।


दक्षिण मुंबई का झवेरी बाजार व दागीना बाजार समय के साथ जिस तरह से अपने आसपास के सटी गलियों तथा सडक़ों के तांबा कांटा, भूलेश्वर, कालबादेवी, वि_लवाड़ी, धनजी स्ट्रीट आदि में पैल गया है, उसी तरह से ज्वेलरी के डिजाइन पारंपरिक का सौंदर्यशास्त्र भी अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाते हुए अत्याधुनिक तरीकों और असामान्य सामग्रियों के साथ साथ विस्तर लेकर नई नई किस्म की ज्वेलरी बनाता जा रहा है। ज्वेलरी में आखिर मेटल और डायमंड या रत्न के अलावा होता ही क्या है, केवल उसके डिजाइन पर ही उसकी सेल निर्भर करती है। ज्वेलरी के हर गेटअप के साथ उसकी डिजाइन ही सभी को जमती है। लेकिन फिर भी दुनिया के लगभग हर घर में दादी - नानी के गोल्ड के भारी भरकम हार देखने को मिलते हैं, जो दशकों से परिवारों के पास सहेजकर रखे हुए हैं। दादी - नानी के वे भारी भरकम हार हमारी परंपरा और परिवार की विरासत के प्रतीक हैं, और तत्कालीन कलात्मकता के प्रतीक भी हैं। लेकिन आज के युवाओं को भारी भरकम ज्वेलरी के बजाय लाइट वेट मॉडर्न ज्वेलरी ज्यादा पसंद आती है, जिनमें चमकते हुए डायमंड या मिनिमलिस्ट डिजाइन का उपयोग किया गया हो। ज्वेलरी के डिजाइनों में आ रहे तेज बदलाव के पीछे की वजह कंज्यूमर और ज्वेलरी इंडस्ट्री के लिए बहुत मायने रखती है।  यह पारंपरिक गोल्ड ज्वेलरी से न्यू एज डायमंड्स तक का बदलाव सिर्फ स्टाइल में बदलाव नहीं है। दरअसल डिजाइनों में ये गहरे बदलाव लोगों की वित्तीय प्राथमिकताओं और संपत्ति के बारे में तेजी से बदलते रवैये, तथा जनरेशनल की सोच को दिखाते है।


ज्वेलरी डिजाइन की आकर्षक दुनिया की ऐसी हैं, जहां रचनात्मकता की कोई सीमा नहीं है और लुभावना लालित्य ही उसका सर्वोच्च कला बिंदु है। विभिन्न प्रकार के ज्वेलरी डिजाइनों के पीछे की जटिल कलात्मकता का ही उन्हें कालातीत क्लासिक्स से लेकर अवांट-गार्डे क्रिएशन तक की राह पर खड़ा करती है। चाहे आप पारखी हों या नौ सिखिए, बेहतरीन ज्वेलरी की शिल्पकला और आकर्षण से मंत्रमुग्ध होने से बच नहीं सकते। जब हम किसी ज्वेलर की तारीफ कर रहे होते हैं, तो दरअसल, ज्वेलरी डिजाइनर की ही तारीफ कर रहे होते हैं, क्योंकि बाकी तो गोल्ड है या सिल्वर है। इसमें तो उसका डिजाइन ही हमें लुभाता है। उन बेहतरीन कही जाने वाली ज्वेलरी के पीछे के मास्टरमाइंड होते हैं डिजाइनर, जो हमारे मन के अनुरूप गोल्ड या सिल्वर में सजावट भर कर उसको सजाते हैं और व्यक्तिगत शैली का प्रतीक बनाते हैं। ये डिजाइनर हर डिजाइन पर गहन विचार-मंथन करते हैं, स्कैच बनाते हैं और खूबसूरत डिजाइन तैयार करते हैं जो प्रत्येक ग्राहक की पसंद के अनुसार तैयार किए जाते हैं। ये कारीगर कीमती धातुओं और आभूषणों में सौंदर्य के प्रति अपने जुनून और बारीकियों पर सावधानीपूर्वक ध्यान देते हैं, जिससे वे पहनने योग्य कला के शानदार कृतित्व में बदल जाते हैं।


भारतीय ज्वेलरी की दुनिया भर में धाक लगातार बढ़ते रहने के पीछे के कारण सही मायने में देखें, तो ज्वेलर तो केवल ज्वेलरी बेचते हैं, और मुनाफा कमाते हैं। लेकिन ज्वेलरी के डिजाइनर, जिनका कहीं नाम तक नहीं होता, उनमें तकनीकी कौशल से परे, ग्राहकों की इच्छाओं के को पकडऩे और उनके सपनों को सुंदरता के मूर्त रूपों में ढालने की एक सहज क्षमता होती है। वे अपने ग्राहकों की भावनाओं के साथ मिलकर काम करते हैं, उनकी पसंद और आकांक्षाओं को ध्यान से देखते – पढ़ते - सुनते हैं, ताकि ऐसी खास ज्वेलरी तैयार की जा सकें जो हर व्यक्ति के व्यक्तिगत स्तर को निखार सके। बाजार में हम देखते हैं कि विभिन्न ज्वेलरी डिजाइन में प्रत्येक शैली का अपना एक विशेष आकर्षण और अर्थ होता है। ज्वेलरी केवल एक वस्तु नहीं; यह विशिष्टता, संस्कृति और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का प्रतिबिंब है। यह कलाकार की रचना के साहसिक प्रयोग और पारंपरिक डिजाइनों के सावधानीपूर्वक शिल्प कौशल का सच है। जब हम  विभिन्न प्रकार के ज्वेलरी डिजाइनों में गहराई से उतरेंगे और प्रत्येक शैली को समझेंगे, तो हर ज्वेलरी डिजाइन के पीछे एक कहानी तैयार मिलेगी। 


ज्वेलरी डिजाइन में सदियों पुरानी पारंपरिक तकनीकें भी शामिल हैं जो पीढिय़ों से चले आ रहे हैं। ये डिजाइन, जिनमें समृद्ध ज्वेलरी सेटिंग और सुंदर फिलिग्री वर्क शामिल हैं, संसार की कालातीत सुंदरता और हमारे समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास को दर्शाते हैं, जिसमें गोल्ड ज्वेलरी के बेहतरीन प्रकार शामिल हैं, तो सिल्वर ज्वेलरी की कलात्मकता भी दर्शाते हैं। पारंपरिक ज्वेलरी डिजाइन चाहे पीकॉक, लॉयन, स्पैरो, हंस जैसे प्रतीकात्मक रूपांकनों से सजे हों या अप्सरा, यक्ष, किन्नर, देवी, देवताओं या भगवान की मूर्तियों जैसे धार्मिक अर्थों से ओतप्रोत हों, ये डिजाइन हमारे शिल्प कौशल में संस्कृति, धर्म और विरासत की स्थायी शक्ति का प्रमाण हैं। मुंबई के ज्वेलरी मार्केट में हम देखते हैं कि किसी कंपनी की ज्वेलरी में पीकॉक के डिजाइन उसकी ब्रांडिंग के सबसे बड़े सेल का कारण है। किसी की ज्वेलरी में राजसी वैभव झलकता है, तो किसी की ज्वेलरी में देवी-देवताओं की प्रतिमाएं ही देखने को मिलती है। इस तरह की ज्वेलरी की दुनिया में, पारंपरिक ज्वेलरी डिजाइन हमारी जड़ों से जुड़ाव की भावना को प्रदर्शित करते हैं और शिल्प कौशल में पाई जाने वाली स्थायी सांस्कृतिक सुंदरता की याद दिलाते हैं जो पीढिय़ों से लगातार चली आ रही है।


आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में आज 10 करोड़ से भी ज्यादा ज्वेलरी के डिजाइन मौजूद हैं। राजमहलों से लेकर गरीब की झोपड़ी तक हर प्रकार के डिजाइन से सजी संवरी ज्वेलरी देखनो को मिल जाएगी। ज्वेलरी के ये डिजाइन, जो समकालीन टेस्ट को आकर्षित करते हैं, बोल्ड आकृतियों और स्पष्ट रेखाओं की विशेषता रखते हैं। मुंबई का ज्वेलरी मार्केट इंडियन ज्वेलरी इंडस्ट्री का हब है तथा निष्कर्ष यही है कि ज्वेलरी डिजाइन की दुनिया परंपरागत संस्कार, संस्कृति व इतिहास की अभिनव कला और अभिव्यक्ति का एक आकर्षक ताना-बाना है। चाहे कोई पारंपरिक डिजाइनों के कालातीत आकर्षण में अटका हो या समकालीन शैलियों की अत्याधुनिक रचनात्मकता से आकर्षित हों, ज्वेलरी के क्षेत्र में हर किसी के लिए कुछ न कुछ है। खासकर मुंबई की ज्वेलरी इंडस्ट्री में डिजाइन की रचनात्मकता, शिल्प, शैली, दृष्टिकोण बेहद अलग है, और यही मुंबई की ज्वेलरी इंडस्ट्री को दुनिया भर में बेताज बादशाह बनाए हुए हैं।



पंकज जगावत-शांती गोल्ड इंटरनेशनल लि. देश भर में पीकॉक ज्वेलरी को काफी पसंद किया जा रहा है। हमने जब पीकॉक के डिजाइन पर ज्वेलरी का क्रिएशन शुरू किया था, तो हमेंम इसका अंदाज ता कि इसे बेहद पसंद किया जाएगा। उसी तरह से हर एक डिजाइन का अपना महत्व है।





राजुभाई कोठारी-आर कोठारी एण्ड कं. ज्वेलर्स भारतीय ज्वेलरी डिजाइनों का दुनिया भर में हमेशा से दबदबा रहा है। आजकल मार्केट में लाइट वेट ज्वेलरी के डिजाइन आजकल सबसे ज्यादा चल रहे हैं, जो आधुनिक उपभोक्ता के बदलते टेस्ट तथा उसकी भावनाओं के अनुरूप बनाए जा रहे हैं।








अश्विन शाह-अंसा ज्वेलर्स प्रा. लि. परंपरागत ज्वेलरी के डिजाइन में फ्यूजन का दोर भी है, जो बोल्ड आकृतियों, जो मेट्रिकल पैटर्न और विविध संरचनाओं की शैलियों की एक लंबी रैंज पेश करते हैं। जड़ा एक राजसी ज्वेलरी डिजाइन है, लेकिन उसकी पसंद का भी अपना एक खास अंदाज है।







कांतिलाल सोलंकी-संगम चेन्स एन ज्वेल्स आजकल के ज्वेलरी डिजाइन समकालीन ज्वेलरी की सौंदर्य भाषा को परिभाषित करते हैं, तथा शहरी जीवन की तेज़ गति और फैशन-फ़ॉरवर्ड के हमेशा विकसित होने वाले टेस्ट को दर्शाती है।


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