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इस बार ज्वेलरी सेल के सीजन जीजेएस में व्यापार और हॉलमार्क की बात

Aabhushan Times








धन तेरस व दीपावली से पहले के अंक में हम बात करेंगे ज्वेलरी की सेल के सीजन की और सीजन से संबंधित ज्वेलर्स की तैयारियों की। लेकिन सेल बढ़ाने के विभिन्न आयोजनों की बात न करें, तो हमारी बात अधूरी ही रह जाएगी तथा ज्वेलरी व्यापार में आने वाली सरकारी बाधाओं पर चर्चा न करेंगे, तो फिर इस बात को कोई मतलब ही नहीं रह जाएगा। आभूषण टाइम्स हर बार आपके लिए कुछ विशेष लेकर आता है, तथा आपके हाथों में यह जो अंक है उसमें भी हर ज्वेलर के लिए बहुत कुछ खास है, जो बाजार की धडक़नों को समझने का सिलसिला बनाए रखता है। इस अंक में थोड़ा विस्तार से सामग्री लाए हैं, अक्टूबर से लेकर फरवरी तक देश भर के ज्वेलरी बाजारों में चलनेवाले ज्वेलरी के फेस्टिव सीजन की धूमधाम की जिसमें विवाह की खरीददारी भी शामिल है। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) द्वारा 30 सितंबर से 3 अक्टूबर 2023 तक मुंबई के बीकेसी स्थित जियो वल्र्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी शो (जीजेएस) के दीवाली एडिशन के आयोजन की सफलता के साथ साथ इस बारे में व्यापारिय़ों के मंतव्य की भी बात करेंगे, तथा गोल्ड ज्वेलरी के लिए भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा छह अंकों वाली 'अल्फान्यूमेरिक एचयूआईडी (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान) व्यवस्था लागू होने की परेशानियों पर भी चर्चा होगी, क्यओंकि हॉलमार्क एक तरह से आफत माना जा रहा है तथा पूराने ज्वेलर्स इसे परेशानी मान रहे हैं।


तो, सबसे पहले हम बात करेंगे ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के ज्वेलरी शो जीजेएस की, जिसे आयोजकों द्वारा सफल बताया गया है, तो व्यापारी इसे मान रहे हैं कि अभी इस शो को जमने में कुछ साल और लग सकते हैं। 30 सितंबर से 3 अक्टूबर 2023 तक इस शो का आयोजन हुआ, जिसमें दावा किया गया है कि 10 हजार से ज्यादा लोगों ने भाग लिया, तथा चार दिन में 18 हजार करोड़ से ज्यादा की गोल्ड, सिल्वर, डायमंड, प्लैटिमन ज्वेलरी का कारोबार संपन्न हुआ। जीजेएस का यह दीवाली एडिशन आयोजकों के हिसाब से बेहद सफल रहा है, लेकिन ज्वेलर्स इसकी तुलना आईआईजेएस जैसे शो से करने लगे हैं। हालांकि आभूषण टाइम्स का मानना है कि आईआईजेएस और जीजेएस दोनों शो की तुलना ही गलत है, क्योंकि का एक शो तो बहुत ही पुराना तथा प्रतिष्ठित है, तथा दूसरा शो नया नया अपनी पहचान बना रहा है। फिर भी हमारी राय में जीजेएस भारत की एक प्रमुख ज्वेलरी प्रदर्शनी के रूप में तेजी से अपनी पहचान बनाने में कामयाबी के सफर पर आगे बढ़ रहा है।


खास बात यह है कि अक्टूबर से फरवरी तक के कालखंड को ज्वेलरी की सेल का सीजन माना जाता है। इसे ज्वेलरी बिक्री सीजन उत्सव कहा जा सकता है, जो कि फिलहाल शुरू हो चुका है, तथा अगले पांच महीने तक लगातार चलता रहेगा। हमारा अपना शो के नाम से मशहूर जीजेएस का उद्देश्य त्यौहारों और शादी के मौसम से पहले की डिमांड को उत्कृष्ट आभूषण डिजाइनों की चमकदार श्रृंखला के साथ पूरा करना है, जिसमें यह पूरी तरह से सफलता की ओर कदम भी बढ़ाने में कामयाब रहा है। ज्वेलरी बिक्री का यह सीजन देश में धूमधाम से मनाया जाता है, लोग ज्वेलरी खरीदते हैं। इस सीजन के दौरान, लोग अपनी पसंदीदा ज्वेलरी खरीद सकें इसलिए देश भर के सबी शहरों - गांवों में ज्वेलरी की खास मार्केटिंग भी की जाती है, हर तरफ बड़े बड़े एडवर्टाइजमेंट भी देखनो को मिलते हैं। दीपावाली के साथ ही विवाह का सीजन भी भारत में ज्वेलरी की बिक्री का मौसम माना जाता है। आमतौर पर अक्टूबर से फऱवरी के बीच का यह समय ज्वेलर्स के लिए भी बेहद कमाई करने का समय होता है, इसीलिए फैस्टिव सीजन को ही ज्वेलरी की सेल का वास्तविक समय माना जाता है।


अब बात करते हैं, सरकारी नियम, कायदे व कानून तथा व्यापार के छत्तीस के आंकड़े की, यह छत्तीस का आंकड़ा सदा से साथ साथ चलता रहा है। भारतीय ज्वेलरी मार्केट के ज्यादातर ज्वेलर्स परेशान है कि गोल्ड ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है, तथा अब किसी भी गोल्ड ज्वेलरी को बेचने के लिए हॉलमार्क आवश्यक है। हालांकि पिछले कुछ सालों से हम देखते रहे हैं कि कुछ कुछ वक्त में सरकार ज्वेलर्स को इसमें राहत भी देती रही है लेकिन लगता है कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) एचयूआईडी को अनिवार्य करने पर सख्ती करेगा। ज्यादा से ज्यादा अगले चुनाव तक इस नोटिफिकेशन को कुछ सख्ती के लिए रोका जा सकता है, लेकिन बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी। सरकार अगले आम चुनाव के बाद तो हॉलमार्क हर हाल में सख्ती से लागू करने ही वाली है, अत: आभूषण टाइम्स आप सबसे आग्रह करता है कि सरकारी नियमों का पालन करके हॉलमार्क के साथ व्यापार को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने की पहल ज्वेलर्स खुद ही कर लें, तो कोई परेशानी नहीं होगी।




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