कास्टिंग गोल्ड ज्वेलरी का हब है मुंबईभारत बहुत तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है गोल्ड की कास्टिंग में
मुंबई अब भारत में गोल्ड कास्ट ज्वेलरी का हब है। असल में गोल्ड ज्वेलरी का देश में सबसे बड़ा सेंटर ही मुंबई है, तो फिर गोल्ड की कास्ट ज्वेलरी का सेंटर भी मुंबई को ही होना था। खास बात यह है कि कुछ साल पहले तक दुनिया भर में कास्ट ज्वेलरी के मामले में केवल हांगकांग, चीन और थाईलैंड जैसे देशों को ही बड़े पैमाने पर कास्ट ज्वेलरी उत्पादन के बड़े केंद्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब इन देशों में भारत का भी जिक्र वैश्विक स्तर पर लिया जाता है और मुंबई के ज्वेलर्स के लिए सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि भारतीय ज्वेलरी इंडस्ट्री में मुंबई ही कास्टिंग ज्वेलरी का सबसे बड़ा सेंटर हैं। वैसे तो कोलकाता, चैन्नई, राजकोट, जयपुर, हैदराबाद जैसे शहरों मे भी कास्टिंग ज्वेलरी का काम बड़े पैमाने पर होता है, लेकिन गोल्ड ज्वेलरी के मामले में मुंबई ही नंबर वन है।एक अन्य खास बात, यह भी है कि मुंबई की ज्वेलरी इंडस्ट्री में ज्यादातर लोग गोल्ड कास्टिंग ज्वेलरी को कास्टिंग ज्वेलरी के नाम से पहचानते हैं। जबकि असल में वह है गोल्ड कास्ट ज्वेलरी, या सिल्वर कास्ट ज्वेलरी, यानी कारीगर द्वारा पूर्णतया हस्त निर्मित नहीं बल्कि एक फ्रेम यानी सांचों अथवा खांचों में ढालकर बनाई गई ज्वेलरी। कास्टिंग तो गोल्ड की ज्वेलरी को बनाने की प्रक्रिया का नाम है। लेकिन वो कहते हैं न कि जो चल जाए वहीं नाम, सो गोल्ड कास्ट ज्वेलरी को मुंबई के बाजार में ज्यादातर लोग कास्टिंग ज्वेलरी के रूप में ही चर्चा करते है। गोल्ड कास्ट ज्वेलरी का चलन आज ज्वेलरी के खरीददारों में सबसे ज्यादा है, क्योंकि यह किसी भी अन्य ज्वेलरी के मुकाबले डिजाइन, रूप, बनावट और कलात्मकता के मामले में ज्यादा आकर्षक और लुभावनी होती है और कास्ट ज्वेलरी निर्माण जल्दी होने के कारण ग्राहक का समय भी बचाती है। भले ही दुनिया में कास्ट ज्वेलरी के मामले में हांगकांग, चीन और थाईलैंड जैसे देशकास्ट ज्वेलरीके बड़े उत्पादक हैं और दुनिया भर में गोल्ड कास्ट ज्वेलरी के सबसे बड़े सप्लाय़र्स हैं, लेकिन मुंबई के ज्वेलरी मार्केट में कास्ट ज्वेलरी की बढ़ती चमक को देखते हुए कहा जा सकता है कि भारत का नाम भी इसमें जल्दी ही शामिल होगा, क्योंकि मुंबई में कास्ट ज्वेलरी के निर्माता व होलसेल विक्रेता तेजी से अपनी अहमियत साबित कर रहे हैं।
मुंबई को कास्टिंग ज्वेलरी के क्षेत्र में नंबर वन बनाने में बहुत बड़ा योगदान मारवाड़ी जैन ज्वेलर्स का है, जो कई सालों की बड़ी मेहनत से इस क्षेत्र में अपनी जगह बनाकर मुंबई को कास्टिंग ज्वेलरी का हब बनाने में सफल हुए है। वैसे तो दक्षिण मुंबई स्थित जवेरी बाजार व उसके आसपास की गलियां ही देश का ज्वेलरी का हब हैं, लेकिन वास्तव वे देखा जाए, तो वह इलाका केवल होलसेल ज्वेलरी ट्रेडिंग का सेंटर है। ज्वेलरी का निर्माण तो मुंबई के विभिन्न इलाकों में दूर दूर तक फैले अलग अलग उपनगरों में होता है, जिसमें शिवड़ी, गोरेगांव, दहिसर, न्यु मुंबई, लोअर परेल, अंधेरी जैसे कई इलाके प्रमुख हैं, जहां गोल्ट की फैक्ट्रियों में कास्टिंग के जरिए ज्वेलरी बनाने का काम बड़े पैमाने पर होता है। मुंबई के गोल्ड कास्ट कारखानों में बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार भी मिल रहा है, तथा तत्काल ज्वेलरी निर्माण के साथ ही काम करने की प्रक्रिया भी बेहद त्वरित है। मुंबई में वैसे तो कई गोल्ड कास्ट ज्वेलरी कंपनिया है, जिनका देशभर में बड़ा नाम है, लेकिन स्काय गोल्ड, शांति गोल्ड, मुक्ति गोल्ड, माणक ज्वेलर्स प्रा. लि., राज ज्वेलर्स, ब्रह्मांड, स्वर्णशिल्प चेन्स, वीयेरा सीजेड ज्वेलरी जैसी कुछ खास कंपनियां काफी दमदार तरीके से काम कर रही हैं, और उनका मुंबई की ज्वेलरी इंडस्ट्री में काफी प्रतिष्ठित नाम भी है। दुनिया भर के ज्वेलरी स्टोर और ज्वेलरी डिजाइनर बेहतरीन, गोल्ड कास्टिंग ज्वेलरी सेवाएंलेने के लिए हमारे मुंबई के इन प्रतिष्ठित ज्वेलरी निर्माताओं के हर प्रोडक्ट्स पर भरोसा करते हैं, क्योंकि अनकी क्वालिटी, डिजाइंस, प्योरिटी तथा कलात्मकता बेहतरीन मानी जाती है। ये सभी कास्ट ज्वेलरी निर्माता अपने विशाल अनुभव, नवीनतम तकनीक और अत्याधुनिक कास्टिंग उपकरणों के उपयोग और ग्राहक सेवा के लिए अपने - अपने व्यक्तिगत दृष्टिकोण के कारण एक विश्वसनीय गोल्ड कास्टिंग कंपनी के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
गोल्ड कास्ट ज्वेलरी की खास बात यह है कि इसके निर्माण में समय बहुत ही कम लगता है, फिर इसकी कलात्मकता को निखारने का काम ज्वेलरी निर्माण से पहले उसके सांचे में किया जाता है। गोल्ड को तो केवल गलाकर सांचे में ढालते ही ज्वेलरी का मिर्माण हो जाता है, फिर उसकी फिनिशिंग ही बाकी रहती है। इसके अलावा छोटी से छोटी ज्वेलरी भी गोल्ड की ढलाई के जरिए बहुत आसानी से तैयार की जा सकती है। गोल्ड कास्ट ज्वेलरी की सबसे खास बात यह है कि एक ही साइज, एक ही डिजाइन और एक ही तरह की ज्वेलरी के लॉट को बहुत सारे आइटम के एक साथ रख कर देखने पर भी वे सारे आइटम एक जैसे ही लगते हैं। किसी में कोई कमी नहीं, सबमें समान तरह की समरूपता होती है। एक और खास बात ये भी है कि इसके बनने में वक्त बहुत ही कम लगता है। जबकि हस्त निर्मित ज्वेलरी में कारीगर अगर किसी भी ज्वेलरी के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करेगा, तो उसको काफी लंबा वक्त लग जाता है, तथा सभी में एक सी फिनिशिंग भी नहीं मिलती और कभी कभी तो डिजाइन में भी थोड़ी सी भिन्नता देखने को मिलती है। कास्टिंग की प्रक्रिया के तहत गोल्ड को पिघलाकर एक खोखले सांचे में डालकर उसे आकार देने की एक विधि के तहत ज्वेलरी निर्माता ढलाई की प्रक्रिया का उपयोग करते हैं, जिसमें अंगूठी से लेकर ब्रैसलेट, पैंडेंट तता घडिय़ों से लेकर कंगन और काम की बूटी तथा बड़े नोज पिन व झूमर, आदि भी बनाए जाते हैं। गोल्ड कास्टच ज्वेलरी में एक मल्टी सेवलक्वालिटी की जरूरत होती है, जो कई कास्टिंग विधियों का उपयोग करने के विकल्प के रूप में, जैसे लेजर एनालिसिस में गहन जांच प्रक्रिया, कास्टिंगऔर एक फिनिश्ड प्रोडक्ट् के लिए, पॉलिश लुक और टम्बलिंग भी की जाती शामिल है। गोल्ड कास्ट ज्वेलरी में हाई क्वालिटी की फोटोपॉलिमर टैक्निक व अत्याधुनिक मोल्डिंग का भी उपयोग होता है, जिसमें वैक्स मोल्ड्स के अलावा सिलिकॉन मोल्ड्स से उच्च क्लास केसांचों के डिजाइनभी एकबेहद खास काम है। हालांकि हस्त निर्मित ज्वेलरी को ग्राहक की ज़रूरतों और पसंद के हिसाब से तैयार किया जा सकता है, जिससे ज़्यादा से ज़्यादा कस्टमाइज़ेशन और पर्सनलाइज़ेशन की सुविधा मिलती है। पारंपरिक मेटल स्मिथिंग तकनीक, जैसे कि फोर्जिंग और हैमरिंग, का इस्तेमाल कुशल कारीगरों द्वारा अद्वितीय और जटिल डिज़ाइन बनाने के लिए किया जा सकता है, जिन्हें कास्ट ज्वेलरी में हासिल नहीं किया जा सकता। लेकिन जमाना तेज रफ्तार का है, लोगों को हर चीज तत्काल चाहिए, फिर बनाने के बाद कोई ज्वेलरी कैसी दिखेगी, इसकी कल्पना भी हर किसी के लिए आसान नहीं है, अत: कास्ट ज्वेलरी का बाजार लगातार बढ़ता जा रहा है।
हमारी जिंदगी का सबसे खास बात ये है कि, कुछ भी अच्छा हो, तो वह हम सबको लुभाता है, कोई भी कलात्मकता हो, तो वह हर किसी का मन मोह लेती है। तो फिर गोल्ड तो सदा सदा से ही सबके आकर्षण का केंद्र रहा है, और ज्वेलरी के शौकीनों में तो, ज्यादातर लोगों में बहुत कुछ समान ही होता है। तो फिर किसी के पास कुछ खास डिजाइन की ज्वेलरी है, तो बिल्कुल उसी के जैसी ज्वेलरी पहनने की भावना होना लोगों में बहुत ही सामान्य बात है। लेकिन कारीगर से वैसी ही ज्वेलरी का निर्माण करवाना आसानी सें संभव नहीं हो पाता था। क्योंकि कोई भी हस्तनिर्मित काम एक - दूसरे के जैसा समान नहीं हो पाता।
भारत गोल्ड की कास्ट ज्वेलरी का नया बादशाह बनने जा रहा है। हमारे देश में गोल्डज्वेलरी को सिफऱ् निवेश के लिए ही नहीं खऱीदा जाता है बल्कि ये एक स्टेटस सिंबल भी है और ज्वेलरी में स्टेटस आम तौर पर औरों से अलग ज्वेलरी का होना ही माना जाता है। इसी कारण गोल्ट की कास्टिंग की हुई ज्वेलरी की खरीदी चलन बढ़ रहा है।
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