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  • Aabhushan Times

क्या 65 हजार तक जाएगा गोल्ड?गोल्ड का इतिहास है कि वह हर बार गिरने के बाद तेजी से उठता है


भारतीय बाजार में गोल्ड के गिरने से लोग डर रहे हैं, लेकिन व्यापारियों को धीरज रखने की जरूरत है। फरवरी 2023 महीने में गोल्ड 58,800 की उंचाई छूने के बाद लगातार गिरता ही रहा है, और मार्च के शुरू होते होते यह 56,200 तक उतर गया है। लेकिन आने वाले दिनों में गोल्ड के फिर से चढऩे के आसार हैं। माना जा रहा है कि गोल्ड दिसंबर 2023 से मार्च 2024 के बीच 63 से 65 हजार के बीच पहुंच सकता है। कोविड के दौर में अगस्त 2021 का ऑल टाइम हाई का आंकड़ा लांघ कर फरवरी 2023 महीने में गोल्ड उससे भी आगे बढ़ गया, लेकिन फिर से उतार पर है। हालांकि कुछ दिन के लिए कहा जा सकता है कि अब तक जो भाव बढ़े सो बढ़े। लेकिन अब गोल्ड की उलटी गिनती शुरू होनेवाली है।


लंबे समय बाद रुपए में हल्की सी स्थिरता और गोल्ड इंपोर्ट पर से ड्यूटी हटाने - घटाने की झंझटों को दरकिनार करते हुए गोल्ड की चाल धीमी पड़ गई है। सरकार की तेजी से बदलती नीतियों, मुद्रास्फीति से उम्मीद व तेजी से बढ़ती खपत के साथ साथ गोल्ड इंपोर्ट के मामले में रिलेक्सेशन के बारे में बाजार को बहुत उम्मीद है। इसीलिए गोल्ड के रेट्स में थोड़ी सी कमी और आने के आसार हैं तथा कोई आश्चर्य नहीं कि गोल्ड 55 हजार का मजबूत सपोर्ट तोडक़र 53 तक उतर जाए। लेकिन जानकार मानते हैं कि चालू वित्तीय वर्ष के समाप्त होते होते मार्च 2023 से मार्च 2025 तक गोल्ड के दाम 65 हजार तक भी जा सकते हैं।


गोल्ड मार्केट की इस संभावित स्थिरता वाले हालात से नए व्यापारी सहमे हुए हैं, लेकिन पुराने गोल्ड व्यापारियों को कोई बहुत खास फर्क नहीं पड़ेगा। कमाई में नुकसान तो उनको भी होगा, लेकिन ज्यादा असर नए लोगों पर होगा, क्योंकि जो लोग छोटे निवेश पर हाल ही में बाजार में उतरे हैं, उनके स्टॉक का भाव ही कम हो जाएगा, तो वे कमांएगे क्या, उनको तो कवर करते करते ही वक्त गुजर जाएगा। हालात जो भी हों, लेकिन, इंटरनेशनल लेवल के संकेत साफ है कि गोल्ड जल्द ही 55 हजार के लेवल पर उतर सकता है, लेकिन अगले साल के अंत तक यह रफ्तार पकड़ता हुए सीधे 65 हजार के द्वार पर भी पहुंच सकता है।


भारतीय बाजार में पिछले कुछ महीनों का हाल देखें, तो गोल्ड से फिलहाल निवेशकों का मोह लगातार बढ़ता जा रहा था। लेकिन जानकार गोल्ड की कीमतों में आने वाले दिनों में अच्छी खासी गिरावट की संभावना जता रहे हैं, इसलिए निवेशक फिलहाल रुके हुए हैं। बाजार के विशेषज्ञों का भी मानना है कि आने वाले दिनों में गोल्ड में थोड़ी गिरावट और आ सकती है, लेकिन 55 हजार के नीचे जाने की संभावना बेहद कम है। फिर भी किसी कारणवश अंतर्राष्ट्रीय स्तर की परेशानियों के बीच अगर गोल्ड 55 से भी नीचे उतर गया, तो 53 के नीचे जाने को कोई काराण फिलहाल तो नहीं दिख रहे हैं।


इंटरनेशनल बाजार के जानकार इस साल के अंत से लेकर अगले साल के बीच यानी 2024 व 2025 के बीच तक दुनिया भर में गोल्ड के भाव 65 हजार रूपए प्रति दस ग्राम के आस-पास पहुंचने की संभावना जता रहे हैं। उनका कहना है कि सन 2009 से 2012 के बीच गोल्ड में जो तेजी आई थी, उसकी मुख्य वजह घरेलू और विदेशी स्तर पर वित्तीय अनिश्चितता थी। फिर गोल्ड धीमे धीमें लगातार चढ़ता रहा और 2019 से लेकर 2022 के बीच गोल्ड में जो तेजी आई, वे इंटरनेशनल लेवल पर कोविड की वजह से पैदा हुई खराब अर्थव्यवस्था के कारण रही। लेकिन अब गोल्ड जो निचला रास्ता पकड़ता जा रहा है, वह डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिरता के कारण संतुलन बिगडऩे, गोल्ड माइनिंग की छूट खुलने से खनन में तेजी के कारण गोल्ड की उपलब्धता तथा दुनिया के केई देशों में नई सरकारों के बनने के बाद खत्म होने जा रही अस्थिरता ही सबसे बड़ा कारण है।


ऐसा माना जा रहा है कि महंगाई जिस तेजी से बढ़ती जा रही है, दुनिया के देशों को अपनी अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए गोल्ड खरीदना अनिवार्य होगा। ऐसे में वैश्विक स्तर पर गोल्ड के भाव बढऩे से रुकना किसी के हाथ में नहीं होगा, क्योंकि अर्थव्यवस्था कौ बैलेंस करने का एकमात्र तरीका गोल्ड की खरीद ही है। जानकार मान रहे हैं कि जिस तरह से सन 2014 के खत्म होते होते देश में गोल्ड की कीमत 30 हजार से घटकर 25500 से रुपये तक प्रति 10 ग्राम के दायरे में अटक गई थी, उसी प्रकार से 2023 में भी गोल्ड की कीमतें कुछ महीनों के लिए 58800 हजार से 10 प्रतिशत तक घटकर 54500 से रुपये तक प्रति 10 ग्राम के दायरे में सिमट सकती है। लेकिन जानकार यह भी कहते हैं कि गोल्ड के भाव अंतत: भाव उंचे ही जानेवाले हैं, तथा साल भर में ही गोल्ड के रेट्स फिर से ऑल डाइम हाई का आंकड़ा दिखा सकते हैं।


गोल्ड के लगातार नीचे गिरते रेट्स को देखते हुए गोल्ड के निवेशक व खरीददार भले ही फिलहाल बाजार से थोड़ी सी बेरुखी दिखा रहे हैं, लेकिन निचले स्तर पर रेट्स स्थिर होते ही वे फिर से बाजार में उतरेंगे, और खरीदी करेंगे। माना जाता है कि गोल्ड जैसे ही 55 हजार पर स्थिर हो जाएगा, उससे नीचे जाने के आसार समाप्त हो जाएंगे, खरीददार मार्केट में फिर से उतरेंगे। क्योंकि वे भी जानते हैं कि गोल्ड सस्ता तो कभी नहीं होता, हां कुछ वक्त के लिए नीचे जरूर उतर जाता है। लेकिन फिर वह अचानक ऊंची छलांग लगाता है। ऐसे में निवेशकों के लिए कमाई करने का एक ही माध्यम है कि नीचे के भाव में खरीदो और उंचे भाव में बेचक मुनाफा कमाओ।


गोल्ड की कीमतों की आंकलन करनेवाली एजेंसियों का भी अनुमान है कि इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की कीमतों में लगातार धीमी गिरावट के आसार हैं, साथ ही भारत में भी सरकार की कोशिशों से रुपए के स्थिर रहने के पक्के आसार हैं। फिर बाजार को यह भी उम्मीद है कि गोल्ड की गिरावट को रोकने के लिए भले ही सरकारी स्तर पर एक हद तक कोई प्रत्यक्ष कोशिश नहीं होती, मगर ज्यादा गिरावट से सरकारी गोल्ड भंडार पर भी प्रतिकूल असर पड़ता ही है। अत: अगर ज्यादा ही गिरावट आई, तो सरकार को भी कुछ वक्त बाद गोल्ड पर इंपोर्ट के नियमों में पेरफार करना ही पड़ेगा, ताकि सरकारी घाटे पर लगाम लग सके। वर्तमान बहुत सारी वजहों के मद्देनजर गोल्ड की घरेलू कीमत में पांच हजार तक की गिरावट आ सकती है, लेकिन जानकार मानते हैं कि आनेवाले कुछ ही महीनों में गोल्ड 55 हजार से थोड़ी सी नीचे तक एक बार तो जरूर उतरेगी, मगर बाद में इसमें 65 हजार तक की तेजी साफ दिख रही है।



दुनिया की कई रेटिंग एजेंसियों ने आनेवाले वक्त में गोल्ड की कीमतों को नेगेटिव ट्रेंड में बताया है। आगले मई-जून में देश में गोल्ड की कीमतें 55 हजार से भी थोड़ी और नीचे जा सकती है, लेकिन ये ही एजेंसियां लॉग टर्म में तो गोल्ड में तेजी को ही पकड़ कर चल रही है।


मनोज जैन

शांती गोल्ड






गोल्ड के भाव में निचला स्तर लगभग 55 हजार तक का माना जा रहा है, लेकिन बुलियन के जानकार कहते हैं कि गोल्ड 54 हजार के नीचे अगर जाता है, तो भले ही थोड़ा बहुत बढ़ जाए।, लेकिन फिर उसके लिए ऑल टाइम हाई का लेवल क्रॉस करने में लंबा समय लग सकता है।


कांतिलाल सोलंकी

संगम चेन्स






पिछले कुछ सालों में देश में लगातार महंगाई बढऩे से जब लोगों को गोल्ड में निवेश पर रिटर्न अच्छा मिलने लगा तो लोगों ने तेजी से गोल्ड खरीदा और गोल्ड की कीमत तेज होती गई। लेकिन अब माहौल थोड़ा सा मंदा है, तो हमें इंतजार करना होगा। लेकिन गोल्ड में तेजी तो आनी ही है।


निखिल जैन

समृद्धि ज्वेलक्राफ्ट प्रा. लि.






दुनिया भर के गोल्ड बाजारों का अध्ययन करनेवाले तो यही मान रहे हैं कि आनेवाले कुछ दिनों में गोल्ड 55 हजार के नीचे तक उतर सकता है। लेकिन वे ही जानकार अपने अध्ययनों के आधार पर यह भी कह रहे हैं कि गोल्ड साल भर में ही सीधे 65 हजार की रफ्तार पकड़ेगा।


प्रवीण जैन

वर्धमान ज्वेलर्स






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