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गोल्ड ज्वेलरी की कास्टिंग में राजस्थानी जैनों का दमदार दबदबा

Aabhushan Times









राकेश लोढ़ा


भारत दुनिया में गोल्ड ज्वेलरी का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और यहां बिकने वाली ज्वेलरी में सबसे बड़ा हिस्सा गोल्ड की कास्ट ज्वेलरी का है। भारत में मुंबई शहर को गोल्ड की कास्ट ज्वेलरी का सबसे बड़े सेंटर होने का गौरव हासिल है। लेकिन इस अहमियत को बनाने में मुंबई के ज्वेलर्स का बहुत बड़ा योगदान है। आज ज्वेलरी वल्र्ड में गोल्ड की कास्टिंग में सबसे बड़ा हिस्सा मारवाड़ी जैनों का है, जो हर रोज सैकड़ों किलो गोल्ड की ज्वेलरी कास्ट करते हैं। कई मारवाड़ी जैन तो बड़े बड़े कारखानों के मालिक हैं, जहां पर एक - एक कारखाने में 400 से 500 कारीगर काम करते हैं। गोल्ड कास्ट ज्वेलरी के क्षेत्र में स्काय गोल्ड, राज ज्वेलर्स, मुक्ति गोल्ड, स्वर्णशिल्प, ब्रह्मांड, वीयेरा, रेवा जैसे कई बड़े - बड़े ब्रांड हैं, जो गोल्ड कास्ट की सीजेड ज्वेलरी के निर्माण में भारत में बेहतरीन प्रोडक्ट पेश करने के मामले में अग्रणी माने जाते हैं। भारत भर के ज्वेलरी मार्केटेस में यह आम धारणा है कि गोल्ड ज्वेलरी की कास्टिंग में मारवाड़ी जैनों का जबरदस्त बोलबाला है। इसीलिए, आभूषण टाइम्स का यह जो अंक आपके हाथों में है, उसे हमने खास तौर से गोल्ड की कास्ट ज्वेलरी के उत्पादकों के लिए विशेषांक के रूप में सजाया है। आभूषण टाइम्स के अगले कुछ पन्नों पर आप देखेंगे कि किस तरह से हमारे ज्वेलर गोल्ड की कास्टिंग के मामले में कड़ी मेहनत से अपना नाम ऊंचा कर रहे हैं, तथा गोल्ड की कास्ट ज्वेलरी के बाजार को भी नए शिखर पर ले जा रहे हैं।

देखा जाए, तो दुनिया भर के देशों में गोल्ड के उपभोक्ता के मामले में सबसे पहले नंबर पर चीन है, दूसरे पर भारत, तीसरा नंबर युनाइटेड अरब एमिरेट्स का है, चौथे नंबर पर युनाइटेड स्टेट़्स ऑफ अमेरिका और पांचवा नंबर थाइलेंड का है। इन सभी देशों में पिछले कुछ सालों में गोल्ड की कास्टिंग की हुई ज्वेलरी का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है। भारतीय बाजारों में गोल्ड की कास्ट ज्वेलरी की सेल भी तेजी से बढ़ रही है और एक्सपोर्ट भी बहुत तेजी से बढऩे के कारण उसका प्रोडक्शन भी बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है। दुनिया भर के कई देशों में प्रतिकूल हालातों के बावजूद, लोगों की आय में वृद्धि और मध्यम वर्ग की इच्छाएं बढऩे के कारण मजबूत आर्थिक विकास और बढ़ते शहरीकरण से गोल्ड ज्वेलरी की डिमांड बढऩे की संभावना है, तो निश्चित तौर से उसमें गोल्ड की कास्टिंग की हुई ज्वेलरी की डिमांड ही बढ़ेगी। ज्वेलरी की दुनिया में कास्टिंग का महत्व इससे भी जाना जा सकता है कि भारतीय ज्वेलरी मार्केट में लगभग 70 फीसदी हिस्सा गोल्ड की कास्ट ज्वेलरी का है, जिसकी खास वजह केवल यही है कि उसकी बनावट काफी शानदार होती है, तथा बेहद कम समय में एक जैसी ज्वेलरी का बड़े पैमाने पर निर्माण किया जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों में जनसंख्या के विकास और आर्थिक उदारीकरण के कारण दुनिया भर के देशों में काफी तेजी से बदलाव आ रहे हैं। खास तौर से भारत में गोल्ड ज्वेलरी के प्रति आकर्षण बीते कुछ सालों में बेहत तेजी से बढ़ा है। हमारे देश में विवाह और त्यौहारों पर हम भारतीय गोल्ड ज्वेलरी के सबसे बड़े खरीरदार हैं। अकेले दुल्हन की ज्वेलरी के बाजार की हिस्सेदारी देखें, तो भारतीय ज्वेलरी मार्केट में यह हिस्सेदारी लगभग50 फीसदी है। माना कि भारत में गोल्ड ज्वेलरी की मांग भारतीय समाज के आर्थिक विकास, तेजी से हो रही आय वृद्धि और खर्च करने की क्षमता के साथ-साथ शहरीकरण की की वजह से बढ़ रही है। लेकिन सबसे बड़ा तथ्य यह है कि शहरों के एक समान घर, सबका मिलता - जुलता पहनावा, सबकी बराबरी की जीवन शैली, एक जैसी पसंद के साथ साथ ज्वेलरी के मामले में भी समाता का रवैया पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ा है। इसी वजह से अत्यंत ही कम वक्त में बड़ी तादाद में एक समान ज्वेलरी की बाजार में आपूर्ति भी जब एक चुनौती बनी, तो उसके निर्माण के तरीके भी बदले। कुछ दशक पहले तक आम तौर पर देश में ज्वेलरी का निर्माण केवल सुनार करते थे तथा उनसे सीखकर दूसरे कारीगर करते थे। लेकिन अब एक साथ बहुत बड़ी तादाद में एक जैसी गोल्ड ज्वेलरी का निर्माण कास्टिंग पद्धति से ही संभव है, जो कि कोफी तेजी से हो भी रहा है।

भारत में गोल्ड ज्वेलरी के ज्यादातर कारीगर बंगाली हैं, जो परंपरागत तरीकों से ज्वेलरी बनाते हैं, तथा यह ज्वेलरी वास्तव में बेहद शानदार होती है। दुनिया के लगभग सभी देशों में इन्हीं कारीगरों के हाथों से बनी ज्वेलरी के कारण ही भारतीय ज्वेलरी की धाक है। समस्त संसार में भारतीय कारीगरों के हाथों से बनी ज्वेलरी पसंद की जाती है। लेकिन हस्त निर्मित ज्वेलरी को बनाने में समय लगता है, तथा बार बार एक जैसी समान दिखनेवाली ज्वेलरी का निर्माण भी हाथों से करना आसानी से संभव नहीं है। अत: ज्वेलरी के निर्माण का काम गोल्ड की कास्टिंग इंडस्ट्री के हाथों में बड़े पैमाने पर पहुंच गया।


दरअसल, कास्टिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें गोल्ड को पिघला कर एक सांचे या फ्रेम अथवा मोल्ड में डाला जाता है, जिसने उस एक पैटर्न में ढलकर वह गोल्ड एक खास किस्म की खूबसुरत ज्वेलरी बन जाता है। इसी प्रक्रिया को कास्टिंग कहते हैं, तथा कास्टिंग की इस प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण चरण आते हैं, जिसके बाद फिनिश्ड ज्वेलरी बिक्री के लिए तैयार होती है। मुंबई की कई ज्वेलरी प्रोडक्शन यूनिट्स में कास्ट की हुई यही ज्वेलरी आज देश भर में अपनी धाक जमा रही है।


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