गोल्ड पर सवाल ही सवालदुनिया भर में तूफानी तेजी है और खरीदी भी जारी

गोल्ड में वैश्विक स्तर पर इस लगातार तेज रफ्तार तेजी के कारण ज्यादातर एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि गोल्ड के रेट्स जल्दी ही 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल को पार कर सकते हैं। जबकि कुछ का मानना है कि भले ही रेट्स बढ़ रहे हों, मगर इस साल के अंत तक गोल्ड में करेक्शन आ सकता है। और अगली दीपावाली तक यह 92 से 95 हजार के बीच फिक्स हो सकता है।
गोल्ड में तूफानी तेजी है और तेजी से ऊपर चढ़ते गोल्ड पर न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में हर तरफ सवाल ही सवाल हैं। सवाल है कि गोल्ड के रेट्स कहां तक जाएंगे? सबकी जुबान पर यह भी सवाल है कि गोल्ड के रेट्स लगातार बढ़ क्यों रहे हैं? सवाल यह भी हर कोई पूछ रहा है कि क्या गोल्ड में निवेश करने का यही सही वक्त है? सवालों के इस माहौल में हालात यह है कि फरवरी के शुरुआती दौर में केवल सप्ताह भर में ही गोल्ड सीधे 7 हजार रुपए बढ़ गया है। परेशान ज्वेलर्स का सवाल है कि ग्राहकी कब खुलेगी? उनकी परेशानियों में दूसरा सवाल यह है कि कुछ दिन पहले कस्टमर्स से जिस रेट में बुकिंग की थी, उसके बाद तो रेट्स लगातार बढ़ते ही गए हैं, तो उससे हो रही नुकसान की भरपाई कैसे होगी?
भारतीय ज्वेलर्स इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि गोल्ड कभी सस्ता नहीं हो सकता। गोल्ड महंगा ही होता रहेगा और गोल्ड में गिरावट केवल अस्थायी ही होती है। लेकिन फिर भी बाजार में बेचैनी है क्योंकि इतनी तेजी से गोल्ड इससे पहले कभी नहीं बढ़ा। केवल छह महीनों में हो गोल्ड 12 हजार और साल भर में 25 हजार तक बढ़ गया है। सभी को समझ में आ रहा है कि पिछले साल की गोल्ड में बढ़त तो वैश्विक हालातों व युद्ध के माहौल का परिणाम रही, लेकिन अभी की ताजा बढ़त अमेरिका है। डोनाल्ड ट्रंप जब से अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, तब से दुनियाभर के बाज़ारों में उथल-पुथल का माहौल है और दुनिया के सभी देश सुरक्षित निवेश कहे जाने वाले गोल्ड को ही खरीदी के लिए प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे में फिर एक सवाल है कि गोल्ड़ आखिर क्या इसी साल एक लाख के बहुप्रतीक्षित, बहुसंभव एवं बहुनिश्चित आंकड़े को पार कर जाएगा? फरवरी 2025 के शुरुआती दिनों में ही गोल्ड के कारोबार में गोल्ड ने अचानक फिर तेज़ी दिखाई।जनवरी महीने के अंत में गोल्ड 81 हजार के आसपास था, लेकिन फरवरी के पहले सप्ताह के अंत तक गोल्ड 87हज़ार रुपए प्रति दस ग्राम के आंकड़े को पार करके अपने रेट्स को नई ऊंचाई पर ले गया। पिछले कुछ दिनों से गोल्ड के रेट्स लगातार बढ़े हैं, जो सामान्य ग्राहक को काफी चौंका रहे हैं और हर कोई सवाल पूछ रहा है कि गोल्ड के रेट्स लगातार क्यों बढ़ रहे हैं?एक और सवाल सबकी जुबान पर यह भी है कि एक तरफ गोल्ड के रेट्स तेजी से बढ़ रहे हैं, तो वहीं डॉलर के मुक़ाबले रुपए में बहुत कमज़ोरी दिख रही है। इसका सीधा सा अर्थ यही है कि दुनिया भर में गोल्ड डॉलर में ही खरीदा जाता है तथा गोल्ड महंगा हो रहा है और डॉलर भी महंगा है, तो फिर डॉलर में गोल्ड खरीदने से रुपया तो कमजोर होगा ही। भारतीय रुपए के मुकाबले डॉलर के रेट 87 रुपए 50 पैसे के आसपास पहुंच गए हैं और माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में रुपया थोड़ा और गिरेगा तथा गोल्ड और मेहंगा होगा।
गोल्ड के रेट्स के लगातार बढऩे को बाजार के जानकार अमेरिका के नजरिये से ही देख रहे हैं। इस मामले में गोल्ड, डॉलर और अमेरिका की बात की जाए, तो तीनों में बहुत समानता नजर आती है। अमेरिका को अपनी अर्थव्यवस्ता सुधारनी है, तो वह गोल्ड को महंगा ही रखेगा, तथा गोल्ड महंगा होता, तो उसे खरीदने के लिए बारत को ज्यादा रुपए चुकाने होंगे। फिर रही भारतीय अर्थव्यवस्था की बात, तो भारत सरकार के हाथ में ज्यादा से ज्यादा गोल्ड पर से इंपोर्ट ड्यूटी कम करना ही उसके हाथ में है। वैसे भी भारत सरकार हाल ही में गोल्ड से 9 प्रतिशत इंरोप्ट ड्यूटी कम कर चुकी है, ऐसे में गोल्ड पर अब केवल 6 प्रतिशत ही इंपोर्ट ड्यूटी है। जिसमें अब और कोई कटौती आसानी से संभव नहीं है। ऐसे में गोल्ड तो और भी महंगा ही होगा। बाजार के जानकार तथा सरकारी नीतियों की समझ रखने वालों को अंदेशा है कि इस बार के बजट में सरकार ने गोल्ड को मामले में कोई बात तक नहीं की है, इससे समझा जा सकता है कि दुनिया भर में लगातार तेजी से महंगे होते गोल्ड को भारत में सामान्य खरीदी के लिए कंट्रोल करने के मामले में सरकार फिर से इंपोर्ट ड्य़ूटी बढ़ा भी सकती है। तो फिर भले ही भारतीय बाजार में गोल्ड महंगा होगा, लेकिन सरकार को खरीदने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी के जरिए कुछ तो राहत मिलेगी। बाजार के ज्यादातर जानकार मान रहे हैं कि सरकार गोल्ड पर गहरी नजर टिकाए हुए हैं, और किसी भी नजरिए से उसके रेट्स गिरने की कोई संभावना दूर दूर तक नहीं दिख रही है। फिर दुनिया के सभी देशों के सेंट्रल बैंक भी गोल्ड खरीदी के लिए कमर कस रहे हैं, तो ऐसे हालात में गोल्ड के गिरने की संभावना ही नहीं है। उल्टे जानकार तो यह मानकर चल रहे हैं कि इसी साल गोल्ड 1 लाख के बहुप्रतीक्षित, बहुसंभव एवं बहुनिश्चित आंकड़े को पार कर जाएगा। हालांकि कुछ जानकार यह भी मान रहे हैं कि भले ही गोल्ड प्रति 10 ग्राम 1 लाख के आंकड़े को पार कर जाए, लेकिन साल के अंत तक उसे यह 92 से 95 हजार के बीच ही फिक्स होना हो, क्योंकि कई देश खरीदी के लिए अगले साल का इंतजार भी करेंगे।
गोल्ड के रेट्स लगातार बहुत तेजी से बढऩा पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। लेकिन पूरी दुनिया जान रही है कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप प्रशासन कुछ कड़े कदम उठा रहा है, इन कड़े कदमों से दुनियाभर में महंगाई बढऩे की आशंकाजताई जा रही है। डरे हुए शेयर बाजारों के निवेशक शेयरों में होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई केलिए गोल्ड में निवेश कर रहे हैं। दुनिया भर के देशों में वैश्व्क महंगाई के माहौल से बनती जा रही परिस्थिति का आंकलन करने वाले बाजार के जानकार उस मुद्दे पर अध्ययन कर रहे हैं। जानकार कह रहे हैं कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ़ लगाने से अनिश्चितता का माहौल बनता जा रहा है, तथा जब - जब दुनिया में आरेथिक अनिश्चतता पैदा होती है तो लोग अपने भविष्य के लिए आर्थिक सुरक्षा की कोशिश में निवेश करना चाहते हैं। गोल्ड सदा से सुरक्षित निवेश रहा है, तो लोग बड़े पामाने पर गोल्ड में निवेश करते हैं, तथा इसी कारण गोल्ड की वैश्विक डिमांड बढ़ जाती है, तो इसी कारण गोल्ड के रेट्स बढ़ जाते हैं।
हालांकि, दुनिया भर में गोल्ड के रेट्स बढऩे के और भी कई कारण हैं, जिनमें डिमांड और सप्लाई, इन्फ्लेशन, इंटरेस्ट रेट्स और दुनिया भर के देशों के बीच के भू-राजनीतिक संबंध जैसे कुछ प्रमुख कारण भी अहम हैं, जो गोल्ड में उतार चढ़ाव का कारण बनते रहे हैं। डिमांड और सप्लाई की बात करें, तो गोल्ड के रेट्स डिमांड और सप्लाई के बीच के संतुलन पर निर्भर करते हैं। जब गोल्ड की डिमांड अधिक होती है और सप्लाई कम होती है, तो भी उसके रेट्स बढ़ जाते हैं। इसी तरह से जब इन्फ्लेशन बढ़ता है, तो दुनिया भर के सभी देश और लोग भी अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए गोल्ड में निवेश करना पसंद करते हैं। इससे भी गोल्ड की कीमतें बढ़ जाती हैं। फिर जब - जब विभिन्न देशों को प्रभावित करने वाले देशों के इंटरेस्ट रेट्स कम होते हैं, तो भी देश की सरकारें तथा देश की जनता गोल्ड में निवेश करना पसंद करती हैं क्योंकि इससे उन्हें अधिक रिटर्न मिलता है और आर्थिक सुरक्षा भी मिलती है। इसके अलावा सबसे बड़ा कारण होता है, भू-राजनीतिक तनाव। जब दुनिया में जब - जब आर्थिक, राजनीतिक, व सामरिक अर्थात युद्ध का तनाव बढ़ता है, तो भी दुनिया भर के देश अपनी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित रखने के लिए गोल्ड में निवेश करना पसंद करते हैं। इससे भी गोल्ड केरेट्स बढ़ जाते हैं।
ताजा हालात में गोल्ड के रेट्स लगातार बढऩे के कारण जाहिर है, तथा गोल्ड केरेट्स बढऩे से मार्केट पर भी असर पड़ रहा है। खरीदी नहीं है, बाजारों से ग्राहक गायब है तथा कमाई बंद है। ऐसे में ज्वेलर्स की चिंता वाजिब है, क्योंकि निवेश करने वाले तो सीधे गोल्ड बार ही ज्यादातर खरीदते हैं, वे ज्वेलरी नहीं खरीदते। इससे ज्वेलरी विक्रेताओं को नुकसान हो रहा है। मगर, उनके नुकसान की भरपाई गोल्ड के बढ़ते रेट्स से हो जाएगी, क्योंकि वैश्विक मार्केट के जानकारों की राय में गोल्ड केरेट्स आगे चलकर कितने ऊपर जा सकते हैं, इसलकी कोई सीमा नहीं है। कुछ ही सालों में, गोल्ड केरेट्स 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से फरवरी महीने के शुरूआत में ही 87 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गए हैं। इसीलिए सभी सवालों का एक ही जवाब दिया जा सकता है कि गोल्ड 1 लाख का आंकड़ा तो इसी साल पार कर सकता है।

बिपीन जैन-चोकसी विमल बुलियन एलएलपी
गोल्ड के रेट्स इसी साल 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार भी पहुंच सकते हैं। लेकिन यह ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है कि गोल्ड की कीमतें कई कारणों पर निर्भर करती हैं और गोल्ड के रेट्स कभी भी नीचे भी गिर सकते हैं।

महेन्द्र जैन-मुक्ति गोल्ड
गोल्ड की निवेश वैल्यू शानदार है तथा उससे बने ज्वेलरी के विभिन्न डिजाइन और उनकी विविधता ने गोल्ड को ऐसा बना दिया है, जो हर किसी की पसंद में पहले नंबर पर है। इसलिए महंगा होने के बावजूद गोल्ड की बिक्री जारी रहेगी।

दिपक सेठ-एस के सेठ ज्वेलर्स
गोल्ड के महंगा होने से ज्वेलरी बिक्री भले ही कुछ दिनों के लिए धीमी है, मगर जब तक दुनिया में लोगों के पास सामान्य खर्चों के अतिरिक्त पैसा है, और रीति - रिवाज जिंदा रहेंगे, गोल्ड बिकता रहेगा, क्योंकि इसमें रिटर्न अच्छा है।

किरण खांटेड-राज ज्वेलर्स
गोल्ड के रेट्स कुछ ही समय में 60 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। अब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से ये संभावना बहुत ज्यादा है कि यही रुझान आगे भी जारी रह सकता है, और गोल्ड के रेट्स और भी ऊपर जा सकते हैं।
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