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गोल्ड में संभावना सिर्फ तेजी की

  • Aabhushan Times
  • Jan 21
  • 6 min read


गोल्ड एक ऐसी संपत्ति है, जो कभी सस्ता नहीं होता, सदा महंगा होता ही रहता है। इसी कारण देश में ज्वेलरी का बिजनेस लगातार फलता - फूलता जा रहा है। गोल्ड की सबसे खास बात यह है कि वैश्विक बाजार में अनिश्चितता और आर्थिक उथल-पुथल के समय यह निवेशकों का पसंदीदा विकल्प बनता है, तो खरीदी भी बढती है और ज्वेलर्स के लिए कमाई का रास्ता भी खोलता है। हाल के वर्षों में, हम देख रहे हैं कि गोल्ड की कीमतों में उतार-चढ़ाव का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थितियां, मुद्रास्फीति, और भू-राजनीतिक तनाव सबसे अहम कारण रहे हैं। इस लेख में हम गोल्ड के वर्तमान रेट, संभावित तेजी के कारण, और वैश्विक बाजार में मौजूदा हालात पर चर्चा करेंगे।

दिसंबर 2024 में गोल्ड के दाम प्रति 10 ग्राम 79,000 से 80,000 रुपये के बीच बने हुए हैं। यह रेट अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रति औंस गोल्ड की कीमतों पर निर्भर करता है, जो फिलहाल 2,715 अमेरिकी डॉलर के करीब चल रहे है, तथा आप जब इसे पढ़ रहे होंगे, तो ये घटे हुए भी हो सकते हैं, या बढ़े हुए भी हो सकते हैं। क्योकि गोल्ड की कीमतों में पल - प्रतिपल बदलाव देखने को मिलता है, लेकिन गोल्ड गोल्ड की कीमतों में बदलाव मुख्य रूप से जिन कारकों पर निर्भर करता है, वे हैं डॉलर इंडेक्स, मुद्रास्फीति, ब्याज दरें, भू-राजनीतिक तनाव और स्थानीय खरीदी कारण। डॉलर इंडेक्स जब डॉलर मजबूत होता है, तो गोल्ड की कीमतें गिरती हैं। बढ़ती मुद्रास्फीति के समय निवेशक गोल्ड की ओर आकर्षित होते हैं, तो रेट बढ़ते हैं। केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने या घटाने का भी सीधा प्रभाव गोल्ड की मांग पर पड़ता है। भू-राजनीतिक तनाव की बात करें, तो युद्ध या वैश्विक तनाव के समय भी गोल्ड की मांग बढ़ती है।

गोल्ड में अगर, तेजी की संभावना के देखें, तो गोल्ड मार्केट के वैश्विक विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में गोल्ड की कीमतों में तेजी आ सकती है। इसके पीछे कई प्रमुख कारण हैं, जिनमे सबसे अहम कारण है - अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव, रूस-यूक्रेन युद्ध, और पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव निवेशकों को सुरक्षित विकल्पों की ओर ले जा रहा है। गोल्ड हमेशा से सेफ हैवन माना जाता है, और ऐसे समय में इसकी मांग बढ़ती है। इसके अलावा मुद्रास्फीति में वृद्धि भी एक अहम कारण है। दुनिया भर में बढ़ती महंगाई के कारण निवेशक अपने पैसे की सुरक्षा के लिए गोल्ड में निवेश कर रहे हैं, तो कई देश भी गोल्ड खरीद रहे हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व और यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने की संभावना भी गोल्ड की कीमतों को प्रभावित कर सकती है। मगर, भारतीय बाजार में गोल्ड की मांग की बात की जाए, तो भारत दुनिया में गोल्ड का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। शादी और त्योहारों के सीजन में गोल्ड की मांग तेजी से बढ़ती है। सन 2024 में, भारतीय बाजार में बढ़ती मांग के कारण गोल्ड की कीमतें अपने सबसे उच्च स्तर पर बनी रही हैं। दिसंबर जाते जाते गोल्ड फिर से 80 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के लेवल से उपर पहुंच गया। इसके अलावा डॉलर में कमजोरी भी गोल्ड की कीमतों पर असर करती है। यदि अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है, तो गोल्ड की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं। हाल के महीनों में डॉलर इंडेक्स में कमजोरी के संकेत मिले हैं, लेकिन भारतीय मुद्रा रूपए के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से गोल्ड में तेजी का सकारात्मक रुख देखने को मिला है।

हाल के दिनों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए, तथा केंद्रीय बैंकों द्वारा गोल्ड की खरीदारी की बात की जाए, तो कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने के लिए बड़ी मात्रा में गोल्ड खरीद रहे हैं। यह भी कीमतों को ऊपर ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण कारक है। इसके साथ ही वैश्विक बाजार में मौजूदा हालात का आंकलन करें, तो वर्तमान में, वैश्विक बाजार में कई चुनौतियां और अवसर दोनों हैं। जिसमें अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव खास कारण रहा है। इन दोनों आर्थिक महाशक्तियों के बीच व्यापार समझौतों में खटास के कारण निवेशक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इससे गोल्ड की मांग बढ़ रही है। फिर वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक संकट भी कम नहीं हो रहे हैं। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध और इजऱाइल-गाजा संघर्ष ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ा दी है। इन परिस्थितियों में, निवेशक देश गोल्ड जैसी संपत्तियों में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं। साथ ही तेल की कीमतें और महंगाई दोनों ही प्रमुख कारण रहे हैं। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से मुद्रास्फीति में तेजी आई है। गोल्ड मुद्रास्फीति के खिलाफ एक सुरक्षा उपाय के रूप में काम करता है, जिससे इसकी मांग बढ़ती है।

गोल्ड में तेजी के कारणों में एक मजबूत कारण क्रिप्टोकरेंसी और गोल्ड का टकराव भी रहा है। पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी ने निवेशकों का ध्यान खींचा था, लेकिन 2024 में क्रिप्टो बाजार में भारी उतार-चढ़ाव ने गोल्ड को फिर से एक मजबूत विकल्प बना दिया है। भले ही क्रिप्टो करेंसी के रेट बढ़ रहे हैं, लेकिन वह वास्तव में तो एक वर्चुअल करेंसी है, मतलब सब कुछ केवल बातचीत पर ही है, वास्तविक दुनिया में उसका कोई वजूद ही नहीं है, इसी वजह से भी वास्तविक हालात में गोल्ड की खरीदी बढ़ी है, तो इसके रेट में मजबूती देखने को मिल रही है।

वैश्विक स्तर पर ताजा परिस्थितियों में गोल्ड में तेजी के कारण और संभावित परिणाम देखने को जाएं, तो गोल्ड की कीमतों में तेजी का सीधा असर आम निवेशकों, ज्वेलरी व्यापारियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। इससे गोल्ड के निवेशकों के लिए फायदा होगा, तथा जो निवेशक पहले ही गोल्ड में निवेश कर चुके हैं, वे तेजी से लाभान्वित हो सकते हैं। हालांकि उनको लाभ तभी होगा, जब वे अपना गोल्ड बेचेंगे। तथा जब वे बेचेंगे, तब निश्चित तौर पर ज्वेलर्स को ही लाभ होगा। हालांकि, गोल्ड के बढ़ते रेट से ज्वेलरी उद्योग पर एक अलग किस्म का दबाव है, तथा भले ही गोल्ड की कीमतें बढऩे से ज्वेलरी की बिक्री प्रभावित हो सकती है। मगर, खासकर भारत जैसे देशों में जहां विवाह में गोल्ड दिए जाने की परंपरा है, वहीं गोल्ड सस्ता होगा, इसकी कल्पना भी समझदारी का काम नहीं है।

देश की आर्थिक स्थिरता पर असर के माने में गोल्ड को देखा जाए, तो अगर गोल्ड की कीमतें बहुत अधिक बढ़ती हैं, तो यह मुद्रास्फीति को और बढ़ावा दे सकता है। हालांकि, गोल्ड के रेट में तेजी की संभावना कई वैश्विक कारकों पर निर्भर करती है, तथा संयोग से ये सारे ही हालात वर्तमान में हमारे बीच मौजूद हैं तथा आगे और इनके विकसित होने की संभावना है। ऐसे में गोल्ड के महंगा होने के सिवाय कोई रास्ता नहीं है, तो ज्वेलर्स के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे बाजार की गतिविधियों पर नजर रखें और समझदारी से खरीदी - बिक्री करें। मौजूदा हालात को देखते हुए, गोल्ड की कीमतें निकट भविष्य में और बढ़ सकती हैं, खासकर अगर मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक तनाव बने रहते हैं, तब तो ऐऔर भी तेजी पकड़ेंगी। ऐसे में स्टॉक को बनाए रखना हर ज्वेलर के लिए बेहद जरूरी है, तथा यही स्टॉक उन ज्वेलर्स के लिए लाभदायक हो सकता है जो अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित और स्थिर रखे रहेंगे। इसलिए तेजी के बाजार में हर ज्वेलर्स के लिए यह समय बेहद सम्हल कर आगा - पीछा देखकर चलने का है। तथा जो ज्वेलर सम्हल कर चलेगा, वही गोल्ड में बड़ी कमाई करेगा। क्योंकि गोल्ड को तो ऊपर ही जाना है।


रेखा शाह, अंसा ज्वेलर्स प्रा. लि. गोल्ड फिर से तेजी में आ रहा है, लेकिन मेरा मानना है कि कभी सस्ता नहीं होता। अंतरराष्ट्रीय घटनाएं जैसे कि राजनीतिक बदलाव या संघर्ष, आर्थिक संकट आदि भी गोल्ड की कीमतों पर प्रभाव डाल सकते हैं। गोल्ड के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में संतुलन की कमी या आकस्मिक घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है, तो विभिन्न देशों के बीच का तनाव भी बढ़ रहा है, यही  इसकी कीमतों में विस्तार का कारण बन रही हैं।


आशना वड़ाला, वि-चेन्स पिछले महीने जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में राष्ट्रपति बने, तो गोल्ड अचनाक से नीचे आ गया था और लगने लगा था कि यह कुछ और नीचे जाएगा। लेकिन एक निश्चित लेवल तक जाने के बाद फिर से गोल्ड तेजी पकडक़र वापस ऊपर की ओर है। भले ही क्रिप्टो करेंसी का कारण गोल्ड नीचे उतरा, लेकिन दुनिया भर के देशों के हालात देख कर कह सकते हैं कि बाजार में अभी असली तेजी तो आनी बाकी है।




सलोनी जोधावत, एस एस जेम्स हमारे देश में अधिकांश लोग अपनी निवेश सुरक्षा के लिए गोल्ड को एक सुरक्षित निवेश साधन मानते हैं, खासकर जब अन्य निवेश विकल्पों में अस्थिरता होती है। लेकिन इन कारणों के संयोजन से गोल्ड की कीमतें बढ़ती है, ऐसा मैं नहीं मानती। मेरा मानना है कि गोल्ड या कोई भी वस्तु हो, उसकी कीमतें डिमांड एवं सप्लाई के सिद्दांत पर ही निर्भर करती है। इसीलिए गोल्ड की चाल ऊपर ही लगती है।



मीनल जैन, भावेश गोल्ड गोल्ड एक बार फिर से 80 हजार का आंकड़ा पार करके आगे निकल गया। लगभग एक महीने तक गोल्ड 80 हजार से नीचे रहा, लेकिन दिसंबर 2024 के दूसरे सप्ताह में इसने फिर से तेजी की राह पकड़ ली। गोल्ड के खनन में आई कमी और विभिन्न देशों में लग रहे पर्यावरणीय प्रतिबंधों के कारण भी गोल्ड के कच्चे माल की उपलब्धता पर विपरीत असर पड़ा है। इससे भी गोल्ड की कीमतें ऊपर की ओर जा रही है।





 
 
 

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