गोल्ड व सिल्वर की वर्तमान हालात और मार्केट के भविष्य पर एक नजर
- Aabhushan Times
- 2 days ago
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संपादकीय...

- सिद्धराज लोढ़ा गोल्ड व सिल्वर न केवल मेटल है, बल्कि यह संस्कृति, परंपरा और निवेश का प्रतीक भी है। साल 2025 की शुरुआत से ही गोल्ड मार्केट में लगातार चढ़ाव देखने को मिल रहा है, जो ज्वेलरी उद्योग के लिए चुनौतियां और अवसर दोनों लेकर आया है। आज की तारीख, मतलब मार्च 2025, के बीतने तक गोल्ड की कीमतें पिछले साल की तुलना में काफी ऊंची हैं। 'आभूषण टाइम्स' के इस महीने के संपादकीय लेख में हम गोल्ड मार्केट की वर्तमान स्थिति, साल भर में गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में संभावित वृद्धि, ज्वेलरी बिजनेस के बढ़ते बाजार और 'आईआईजेएस तृतीया' ज्वेलरी एग्जिबिशन के प्रभावों का विश्लेषण करेंगे।
'आभूषण टाइम्स' के अध्ययन के अनुसार, 2025 के पहले तीन महीनों में गोल्ड की कीमतों में लगभग 14-15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मार्च 2025 तक, 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास पहुंच गई है, जो चार महीमे पहले, पिछले साल दिसंबर में 77,500 रुपये थी। वैश्विक स्तर पर भी गोल्ड 3045 डॉलर से भी आगे के आंकड़े पर प्रति औंस के स्तर पर जा चुका है। फिर भी, भारत में गोल्ड की मांग मजबूत बनी हुई है, खासकर त्यौहारी सीजन और शादी-विवाह के मौसम को देखते हुए। सिल्वर की बात करें, तो इसकी कीमत भी 1 लाख 5 हजार रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गई, फिर नीचे भी आ गई, तो फिर ऊपर की ओर दिखीं। औद्योगिक मांग और निवेशकों के सुरक्षित ठिकाने के रूप में सिल्वर की ओर रुझान ने इसकी कीमतों को बढ़ाया है। 'आभूषण टाइम्स' का अनुमान है कि 2025 के अंत तक गोल्ड की कीमतें 95, हजार से 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं। भारत में इंपोर्ट ड्यूटी, रुपये की कमजोरी और वैश्विक मांग इस वृद्धि को और बढ़ावा दे सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो गोल्ड की कीमतें और उछाल ले सकती हैं। इसी तरह सिल्वर में भी 2025 में तेजी की उम्मीद है। 'आभूषण टाइम्स' की जानकारी है कि सिल्वर की कीमतें 2025 के अंत तक1 लाख 10 हजार से लेकर 1 लाख 25 हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक जा सकती हैं। हालांकि, चुनौतियां भी कम नहीं हैं। ऊंची कीमतें मांग को प्रभावित कर सकती हैं, और कारीगरों की लागत में वृद्धि मार्जिन को कम कर सकती है। फिर भी, डिजिटल मार्केटिंग, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स, और संगठित क्षेत्र की बढ़ती हिस्सेदारी ज्वेलरी बिजनेस को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है। विशेष रूप से, युवा पीढ़ी के बीच कस्टमाइज्ड और मिनिमलिस्ट डिजाइनों की मांग इस उद्योग को आधुनिक बना रही है। गोल्ड व सिल्वर के लगातार महंगा होने के बावजूद, भारत का ज्वेलरी बाजार आने वाले दिनों में विस्तार के लिए तैयार है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, 2024 में भारत की गोल्ड की मांग 802.8 टन थी, जो 2023 के 761 टन से 5 प्रतिशत अधिक है। मूल्य के लिहाज से यह 31 प्रतिशत बढक़र 5,15,390 करोड़ रुपये हो गई। 2025 में यह मांग और बढऩे की संभावना है, क्योंकि शहरी मध्यम वर्ग और ग्रामीण बाजारों में ज्वेलरी की लोकप्रियता बढ़ रही है। हल्के वजन के आभूषण, डिजाइनर ज्वेलरी, और पुराने गहनों के एक्सचेंज जैसे रुझान इस बाजार को गति दे रहे हैं। अब बात करते हैं 'आईआईजेएस तृतीया' की। बैंगलुरू में संपन्न यह ज्वेलरी एग्जिबिशन भारतीय ज्वेलरी उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ है। पिछले लगातार 3 साल से, जीजेईपीसी द्वारा आयोजित 'आईआईजेएस तृतीया' ज्वेलरी एग्जिबिशन न केवल नवीनतम डिजाइनों और तकनीकों को प्रदर्शित करता है, बल्कि व्यापारियों, निर्माताओं और खरीदारों को एक साथ लाकर व्यापार को बढ़ावा देता है। 'आभूषण टाइम्स' इस हर एग्जिबिशन में उपस्तिति दर्ज कराता रहा है। पिछले दो 'आईआईजेएस तृतीया' ज्वेलरी एग्जिबिशन में देखा गया कि इस आयोजन ने छोटे और मध्यम उद्यमियों को बड़े खरीदारों से जोड़ा, जिससे ऑर्डर में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि हुई।'आभूषण टाइम्स' ने बैंगलुरू में देखा है कि इस बार, ऊंची कीमतों के बावजूद, 'आईआईजेएस तृतीया' ज्वेलरी एग्जिबिशन नए ट्रेंड्स जैसे सस्टेनेबल ज्वेलरी और टेक्नोलॉजी-आधारित डिजाइनों को पेश करके विजिटर्स का ध्यान खींचने में सफल रही। माना जा रहा है कि जीजेईपीसी का यह आयोजन ज्वेलरी बिजनेस को वैश्विक मंच पर ले जाने और निर्यात को बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा। गोल्ड मार्केट की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं ज्वेलरी उद्योग के लिए एक रोमांचक दौर की ओर इशारा करती हैं। 'आभूषण टाइम्स' का मानना है कि गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में वृद्धि के बावजूद, उनकी मांग इस बाजार को जीवंत रखेगी। 'आईआईजेएस तृतीया' जैसे आयोजन उद्योग को नई दिशा देंगे। ज्वेलर्स को 'आभूषण टाइम्स' का संदेश है कि यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही रणनीति के साथ ज्वेलरी बिजनेस नई ऊंचाइयों को छू सकता है, क्योंकि गोल्ड और सिल्वर दोनों ही, कभी सस्ते नहीं होते।
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