जीजेईपीसी ने कोलकाता में अपने पूर्वी क्षेत्रीय कार्यालय की रजत जयंती मनाई
जीजेईपीसी के अध्यक्ष श्री विपुल शाह ने रत्न एवं आभूषण निर्यात को बढ़ाने के लिए की अनेक नए उपायों की घोषणा
प्राकृतिक हीरे के कारोबार को मजबूत करने के लिए डी बीयर्स ग्रुप के साथ साझेदारी
जीजेईपीसी के चेयरमैन श्री विपुल शाह, जीजेईपीसी के वाइस चेयरमैन श्री किरीट भंसाली, जीजेईपीसी के ईडी श्री सब्यसाची रे, जीजेईपीसी के पूर्वी भारत के रीजनल चेयरमैन श्री पंकज पारेख और सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स के एमडी एवं सीईओ श्री सुवनकर सेन इस गरिमापूर्ण समारोह में शामिल हुए। जीजेईपीसी की एसईजेड समिति के सदस्य; रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के कई सम्माननीय सदस्यों और दिग्गजों ने कोलकाता के बंगाल पैडल जेटी में आयोजित भव्य समारोह में भाग लेकर समारोह की गरिमा को बढ़ाया।
श्री शिवाजी एच डांगे, आईआरएस, प्रिंसिपल कमिश्नर ऑफ कस्टमर्स, एयरपोर्ट और एसीसी कोलकाता ने मुख्य अतिथि के रूप में इस महत्वपूर्ण अवसर की शोभा बढ़ाई।
जीजेईपीसी के चेयरमैन श्री विपुल शाह ने विकास को गति देने के लिए परिषद की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, भारतीय रत्न और आभूषण बाजार, जिसका वर्तमान मूल्य 85 बिलियन अमरीकी डॉलर है, तेजी से विकास के लिए तैयार है, जिसके 2030 तक 130 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। विकास की इस गति को देखते हुए जीजेईपीसी अनेक नए उपायों के साथ आगे बढऩे के लिए कमर कस रही है।
डी बीयर्स ग्रुप के साथ हाल ही में हुए सहयोग के बारे में बोलते हुए, श्री शाह ने कहा, जीजेईपीसी ने आज तक हीरे के वैश्विक जेनेरिक प्रचार में रू.150 करोड़ का निवेश किया है। इस प्रयास को मजबूत करने के लिए, जीजेईपीसी ने भारत में रिटेल अलायंस के माध्यम से हीरे के प्रचार के लिए डी बीयर्स के साथ भागीदारी की है। इस भागीदारी के तहत हाल ही 7 जनवरी को एक विशेष कार्यक्रम में औपचारिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
श्री शाह ने कहा, ''दुनिया की अग्रणी हीरा कंपनी डी बीयर्स ग्रुप और जीजेईपीसी ने भारतीय रत्न और आभूषण व्यापार के भीतर प्राकृतिक हीरे के कारोबार को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक सहयोग की शुरुआत की घोषणा की। इसे 'इंडियन नेचुरल डायमंड रिटेलर अलायंस- इंद्रÓ नाम दिया गया है। इसके तहत भारत में स्वतंत्र खुदरा विक्रेताओं को पारंपरिक उपकरणों से परे अपना सपोर्ट देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उदाहरण के लिए, कस्टमाइज्ड रिटेल कैम्पेन तैयार करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लाभ उठाना। इसके अलावा, अलग-अलग भाषाओं में मार्केटिंग संबंधी प्रयासों के साथ बेहतर ग्राहक अनुभवों के जरिये स्थानीय भाषाओं में गहन ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जाएगी। इस तरह यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि प्राकृतिक हीरे हर उपभोक्ता के साथ गहराई से जुड़ते हैं।
जीजेईपीसी ने पहला बी2बी ट्रेड शो 'आईआईजेएस सिग्नेचर 2025Ó आयोजित किया, जिसने लगभग 35,000 करोड़ रुपये का कारोबार किया। यह शो तेजी से बढ़ा है, जिसमें 3,000 स्टालों पर 1,500 से अधिक प्रदर्शक शामिल हुए हैं। शो में 25,000 से अधिक व्यापारिक आगंतुकों का स्वागत किया गया, जिनमें 800 से अधिक भारतीय शहरों के खुदरा विक्रेता और 60 से अधिक देशों के 1,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय आगंतुक शामिल थे।
जीजेईपीसी की ओर से सऊदी अरब में अपनी उद्घाटन प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, जो 11-13 सितंबर 2025 के दौरान एक जीवंत और हलचल भरे शहर जेद्दा में होगी। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का उद्देश्य भारत और जीसीसी क्षेत्र के बीच द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करने के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में काम करना है, जिससे सहयोग और विकास के लिए अद्वितीय अवसर खुलेंगे। यह भारत और जीसीसी क्षेत्र के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में काम करेगा, श्री शाह ने कहा।
''इसके अतिरिक्त, ई-कॉमर्स के माध्यम से रत्न और आभूषण निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, जीजेईपीसी ने अंतरराष्ट्रीय एक्सप्रेस सेवाओं में ग्लोबल लीडर डीएचएल एक्सप्रेस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत, भारत में तैयार आभूषणों को डीएचएल एक्सप्रेस के सहयोग से दुनिया भर में कुशलतापूर्वक पहुंचाया जाएगा, श्री शाह ने कहा।
श्री शाह विभिन्न राज्यों के साथ सहयोग करने की दिशा में भी आगे बढऩा चाहते हैं। इस बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, ''जीजेईपीसी और महाराष्ट्र सरकार भविष्य के कार्यबल को मजबूत करने के लिए कौशल विकास और प्रमाणन पर सहयोग कर रहे हैं। अत्याधुनिक तकनीक के साथ कौशल विकास को एकीकृत करके, हम न केवल भारतीय रत्न और आभूषण उद्योग को बदल रहे हैं, बल्कि इनोवेशन और स्टेबिलिटी के साथ विश्वास को भी बढ़ावा दे रहे हैं। प्रतिभा को संरक्षित करने, इन्फ्रास्ट्रक्चर को और बेहतन बनाने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता यह सुनिश्चित करती है कि भारत इस क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बना रहे।
निर्यात के मोर्चे पर, श्री शाह 2025 के बारे में काफी आशावादी रहे। ''अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की व्हाइट हाउस में वापसी के साथ, राजनीतिक परिदृश्य में नए सिरे से स्थिरता, व्यापार की बहाली और मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं की उम्मीद है, जिससे रत्न और आभूषणों की वैश्विक मांग बढ़ रही है। हालांकि, जीजेईपीसी लगातार नए बाजारों की खोज कर रहा है, जबकि मौजूदा बाजारों में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहा है, श्री शाह ने कहा।
जीजेईपीसी सिंगुर (पश्चिम बंगाल) को फैशन और कॉस्ट्यूम ज्वैलरी के लिए ग्लोबल एक्सपोर्ट हब बनाने की भी योजना बना रहा है। सिंगुर में करीब 1 लाख बंगाली कारीगरों का कुशल कार्यबल है, जो सिंगुर, हुगली और उसके आसपास स्थित विनिर्माण इकाइयों में काम कर रहे हैं। कार्यबल में 20 प्रतिशत महिलाएँ हैं और सिंगुर को निर्यात केंद्र के रूप में विकसित करने से स्थानीय कुटीर उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। कच्चे माल का आयात करने वाले विक्रेता सिंगुर में स्थित हैं। हाल ही में सिंगुर में आयातित गुणवत्ता वाले जिप्सम का निर्माण भी शुरू हुआ है। हुगली जिले में सिंगुर आदर्श रूप से केंद्र में स्थित है और 5 रेलवे स्टेशनों के करीब है। साथ ही यह राष्ट्रीय राजमार्ग-2 के भी निकट है, जो कोलकाता अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जुड़ा हुआ है।
''सिंगूर में कारीगरों की विरासत है, कोलकाता की प्रसिद्ध शिल्पकला इसके लिए एक मजबूत नींव के रूप में कार्य करती है। यह शिल्पकला दरअसल कलात्मक कौशल की एक समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाती है जिसका लाभ सिंगूर के आभूषण निर्माताओं द्वारा उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा, वैश्विक व्यापार में हाल के दौर में जो बदलाव हुए हैं, उसमें अमेरिका चीन से खरीद नहीं करना चाह रहा है। ऐसे दौर में सिंगूर के निर्माताओं को इस मांग को पूरा करने और अपनी वैश्विक उपस्थिति को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर मिलता है।ÓÓ
श्री शाह ने कहा, ''भारत के रत्न और आभूषण व्यवसाय की दो ताकतें हैं, जिनमें से पहली है डिजाइन और खूबसूरती में बेहतरीन गुणवत्ता और आभूषण निर्माण के लिए स्मार्ट-टेक और साथ ही ज्ञान। ज्ञान को और अधिक गहराई तक पहुँचाना होगा ताकि भारत वैश्विक रत्न और आभूषण व्यापार का ज्ञान और कौशल केंद्र बन सके। अद्वितीय क्षमता, उन्नत तकनीक, कुशल कारीगरों और प्रतिभाशाली डिजाइनरों के साथ, हम वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। हम सब मिलकर माननीय प्रधान मंत्री के विकसित भारत के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
'इंडियन नेचुरल डायमंड रिटेलर अलायंस- इंद्र के बारे में बात करते हुए, श्री शाह ने कहा, ''देश की गतिशील युवा आबादी, संगठित खिलाडिय़ों के उदय और ब्राइडल, रोज़मर्रा के पहनने वाले आभूषण और फैशन ज्वैलरी की बढ़ती मांग के मद्देनजर इंद्र को इस गति का लाभ उठाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पहल हितधारकों को शिक्षित करने, खुदरा विक्रेताओं को सशक्त बनाने और उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देने के लिए एक साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है, साथ ही प्राकृतिक हीरे के कालातीत मूल्य को उजागर करती है। खुदरा विक्रेताओं को बहुभाषी स्टाफ प्रशिक्षण मॉड्यूल से लाभ होगा जो सामान्य प्राकृतिक हीरे के उत्पाद ज्ञान के साथ-साथ मार्केट इंटेलिजेंस पोर्टल तक पहुंच पर केंद्रित है। यह कार्यक्रम खुदरा विक्रेताओं को स्टोर स्तर पर प्राकृतिक हीरे को बढ़ावा देने के लिए कस्टमाइज्ड मार्केटिंग रणनीति तैयार करने में सहायता करेगा, ताकि वे अपने रिटर्न को बढ़ाते हुए अपने ग्राहक आधार का विस्तार कर सकें।
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