ज्वेलरी में चमक, गोल्ड से ड्यूटी घटी पर रेट बढ़े और आइआइजेएस के बाद ग्राहकी भी खुल गई
- सिद्धराज लोढ़ा
संपादकीय
ज्वेलरी मार्केट के चेहरे पर मुस्कान का मौसम आ गया है तथा ज्वेलर्स के चेहरे भी खिले हुए दिख रहे हैं क्योंकि काफी वक्त से गोल्ड मार्केट में ग्राहकी नहीं थी और गोल्ड के रेट भी फिर से वहीं आ गए हैं, जहां पर भारत सरकार ने इंपोर्ट ट्यूटी कम करके उनको रोकने की कोशिश की थी। इसके साथ ही और देश की सबसे बड़ी ज्वेलरी एग्जीबिशन आइआइजेएस भी सफल हो गई है, और त्यौहारी सीजन भी शुरू होने जा रहा है। तकनीकी रूप से देखा जाए, तो ग्राहकी खुल गई, एग्जीबिशन सफल हो गई, गोल्ड के रेट फिर से बढ़ गए और इंपोर्ट ड्यूटी भी कम हो गई तो बाजार में बहार तो आनी ही थी। आप जानते ही हैं कि 'आभूषण टाइम्सÓ बाजार पर सदा से ही पैनी नजर रखता रहा है तथा बाजार की हर बात से आपको सबसे पहले अवगत कराता रहा है, इसीलिए आपके हाथ में ये जो आभूषण टाइम्स का अंक है, उसके अंदर के पन्नों पर इस बार हम विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं कि कैसे जीजेईपीसी द्वारा बाजार को संभालने की कोशिशें हो रही हैं, कैसे स्मगलिंग को रोकने के लिए भारत सरकार ने गोल्ड से इंपोर्ट ट्यूटी कम कर दी तथा आइआइजेएस प्रीमियर नामक देश की सबसे विख्यात ज्वेलरी एग्जीबिशन की सफलता ज्वेलरी बाजार के सर चढक़र बोल करही है।
आप जानते ही हैं कि किसी भी व्यापार की सफलता में कई खास तत्व सहायक होते है, जिनमें से एक उसका प्रमोशन भी है, जो कि आइआइजेएस के माध्यम से ज्वेलरी इंडस्ट्री का प्रमोशन सफलता के साथ हो रहा है। जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) देश की प्रतिनिधि संस्था है, जिसके द्वारा हर साल आयोजित किये जाने वाले आइआइजेएस प्रीमियर ज्वेलरी शो की सफलता में कई महत्वपूर्ण तत्व हैं, जो इस तरह के आयोजन को सफल बनाने में योगदान करते हैं। जीजेईपीसी केवल शो का आयोजन ही नहीं करती बल्कि इसमें आने वाले हर एग्जिबिटर, विजिटर और सभी के लिए कुछ खास आकर्षक बनाती हैं, साथ ही व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी उसे लाभकारी बनाने का प्रयास करती रही है। दरअसल, जीजेईपीसी के ज्वेलरी शो की सफलता के कुछ प्रमुख तत्वों में से एक यह है कि वह भारतीय जेम एंड ज्वेलरी उद्योग से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को उसकी पूर्ण क्षमता प्राप्त करने में सक्षम बनाने तथा भारत को दुनिया भर में गुणवत्तायुक्त ज्वेलरी का पसंदीदा स्रोत बनाने की दिशा में सफलता से आगे बढ़ रहा है, जिसमें आइआइजेएस जैसे आयोजन भी सबसे अहम भूमिका में हैं। आइआइजेएस की सफलता के बारे में जीजेईपीसी के साल दर साल जारी होते आंकड़े इसकी सफलता के गवाह है। हम देख रहे हैं कि साल दर साल पहले के मुकाबले आइआइजेएस प्रीमियर एग्जीबिशन में देश व दुनिया से ज्यादा संख्या में ज्वेलर्स का आना होता है, जिसकी वजह से इसकी सफलता का पैमाना भी लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बार भी जीजेईपीसी ने देश भर में रोड़ शो करके आइआइजेएस प्रीमियर में अधिकाधिक विजिटर्स की उपस्थिति सुनिश्चित की, जिससे खरीददारी भी जमकर हो एवं ज्वेलर्स का बिजनेस भी ज्यादा बढ़े। ऐसे में कुछ ज्वेलर्स भले ही यह कहते हों कि गोल्ड के रेट्स बढऩे के कारण सेल कम रही, लेकिन कई ज्वेलर्स का यह भी कहना है कि गोल्ड के रेट बढऩे से लाइट वेट ज्वेलरी की डिमांड ज्यादा बढ़ी है। आभूषण टाइम्स ने स्वयं अपनी आंखों से देखा है कि आइआइजेएस प्रीमियर में कई स्टॉल्स पर तो एग्जिबीटर्स को सुबह से लेर शाम तक सांस लेने तक की फुर्सत नहीं थी। आईआईजेएस प्रीमियर - 2024 में हमने देखा कि इस बार लगभग 60 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेने पहुंचे थे, साथ ही भारत के भी हर छोटे बड़े शहर से बड़ी तादाद में ज्वेलर्स आए थे, इसी कारण सेल भी जबरदस्त रही।
और अब बात करते हैं गोल्ड पर केंद्र सरकार द्वारा कम की गई इंपोर्ट ड्यूटी की। नरेन्द्र मोदी सरकार के बारे में आम धारणा रही है कि यह व्यापारिक हितों को ज्यादा न देखते हुए केवल आम जनता के बारे में सोचती रही है। इससे व्यापार को बड़ा नुकसान हो रहा है। लेकिन इस बार के बजट से ज्यादातर लोग बेहद खुश दिखे, तथा खासकर ज्वेलर्स के चोहरों पर रौनक दिखी क्योंकि वित्त मंत्री निर्माला सीतारामन ने बजट में गोल्ड पर लगी इंपोर्ट ड्यूटी 6 प्रतिशत कम कर दी, जिससे गोल्ड के रेट तेजी से बढ़वाने के बजाय थोड़े से वक्त के लिए स्थिर हो गए और स्मगलिंग भी रुकने के आसार हैं। सात महीने पहले भारत सरकार ने गोल्ड व सिल्वर के सिक्कों और फाइंडिंग पर इम्पोर्ट ड्यूटी 11 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दी थी तथा वे नई दरें 22 जनवरी से प्रभावी हो गई थीं। लेकिन इस बीच गोल्ड के रेट 75 हजार के पार पहुंच रहे थे। बीते साल यानी 2023 में भारतमें गोल्ड का आयात 3 प्रतिशत बढक़र 734.2 टन तक पहुंच गया। हमारे देश में हर साल 700 से 800 टन गोल्ड की डिमांड होती है। इसमें से सिर्फ 1 टन गोल्ड का उत्पादन ही भारत में होता है और बाकी इंपोर्ट किया किया जाता है। जिस पर 2024 के बजट में भारत सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत करने के बाद गोल्ड एक बार फिर से सुर्खियों में हैं, क्योंकि वह फिर से बढऩे लगा है। सरकार को उम्मीद है कि इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती से गोल्ड ज्वेलरी का उत्पादन बढ़ेगा और इस तरह इस ज्वेलरी निर्माण के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। हालांकि, बुलियन डीलर, निर्माता और खुदरा विक्रेताओं को आंशिक झटके का सामना करना पड़ा है। लेकिन बजट घोषणा के दो सप्ताह में ही गोल्ड की कीमतें फिर से परवान चढऩे लगी हैं, ज्वेलर्स के चेहरों पर इसीलिए चमक है, क्योंकि ग्राहकी का सीजन आ रहा है, भाव बढ़ रहे हैं और आइआइजेएस ने नई उम्मीद भी जगाई है।
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