देश में हर रोज 4 लाख से अधिक गोल्ड ज्वेलरी की हो रही हॉलमार्किंग, आंकड़ा 40 करोड़ के पार
सोने के आभूषणों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए देश में हॉलमार्किंग की प्रक्रिया को तेज गति से लागू किया जा रहा है। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार देश में अब तक 40 करोड़ से अधिक आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा चुकी है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने जानकारी दी है कि प्रतिदिन 4 लाख से अधिक सोने के आभूषणों को हॉलमार्क किया जा रहा है।
हॉलमार्किंग सोने और चांदी के आभूषणों की शुद्धता और गुणवत्ता का प्रमाण है। यह भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा जारी किया जाता है। हॉलमार्किंग से उपभोक्ताओं को यह विश्वास मिलता है कि उनके खरीदे गए आभूषण तय मानकों के अनुसार हैं। सोने के आभूषणों की शुद्धता की गारंटी के लिए यह प्रक्रिया विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। भारतीय मानक ब्यूरो (क्चढ्ढस्) ने 5 नवंबर से अनिवार्य हॉलमार्किंग के चौथे चरण की शुरुआत की है। इसके तहत 18 नए जिलों में हॉलमार्किंग केंद्र स्थापित किए गए हैं। अब कुल 361 जिलों में यह सुविधा उपलब्ध है। सरकार के अनुसार, हॉलमार्किंग के तहत आभूषण विक्रेताओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। शुरुआत में जहां 34,647 विक्रेता पंजीकृत थे, वहीं अब यह आंकड़ा बढक़र 1,94,039 हो गया है।
देशभर में परख और हॉलमार्किंग केंद्रों (एएचसी) की संख्या भी 945 से बढक़र 1,622 हो गई है। ये केंद्र उपभोक्ताओं को शुद्धता और गुणवत्ता का भरोसा देते हैं। हॉलमार्किंग की प्रक्रिया में एचयूआईडी (हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन) का उपयोग किया जाता है, जो आभूषणों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करता है। उपभोक्ता क्चढ्ढस् ष्टड्डह्म्द्ग ऐप का उपयोग करके एचयूआईडी वाले आभूषणों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस ऐप के माध्यम से उपभोक्ता जौहरी के पंजीकरण नंबर, परख केंद्र का विवरण, आभूषण की शुद्धता और हॉलमार्किंग की तारीख जैसी जानकारियां भी देख सकते हैं।
अनिवार्य हॉलमार्किंग की शुरुआत 23 जून, 2021 को पहले चरण के साथ हुई थी। इस चरण में 256 जिलों को शामिल किया गया था। इसके बाद, 4 अप्रैल, 2022 को दूसरे चरण में 32 नए जिलों को जोड़ा गया। तीसरे चरण में, 6 सितंबर, 2023 से 55 और जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य की गई। अब चौथे चरण में यह कवरेज और बढ़ गई है, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक पारदर्शिता और भरोसे का अनुभव हो रहा है।
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