- Aabhushan Times
भारतीय ज्वेलरी के निर्यात में इजाफा तयगोल्ड के रेट्स भी कम होने के आसार नहीं
- सिद्धराज लोढ़ा
ज्वेलरी बिजनेस में बिक्री की दुनिया में नई क्रांति आने की आहट सुनाई दे रही है। गोल्ड के रेट्स बढ़ रहे हैं, तो निर्यात का कारोबार भी बढऩे की संभावनाएं बढ़ती जा रही है। हमारी नई पीढ़ी के ज्वेलर्स नई सोच के साथ काम कर रहे हैं, तो आइआइजेएस में आए विदेशी बायर्स की भारतीय ज्वेलरी पर टिकी नजरें ज्वेलरी बिजनेस के नए संकेत दे रही है। आभूषण टाइम्स सदा से ही ज्वेलरी मार्केट की हर गतिविधियों पर पैनी नजर रखता रहा है, उसी अनुभव से समझ में आ रहा है कि गोल्ड के भले ही रेट बढ़ते रहें, लेकिन न तो गोल्ड ज्वेलरी की सेल कम होगी और न ही गोल्ड़ व डायमंड ज्वेलरी का भारत से निर्यात रुकेगा। मुंबई, जयपुर व कोलकाता जैसे ज्वेलरी सेंटर्स से जो खबरें आ रही हैं, उनके मुताबित आभूषण टाइम्स यह दावा करने में सक्षम है कि गोल्ड, सिल्वर और डायमंड ही नहीं भारत की हर तरह की ज्वेलरी के ट्रेड की दुनिया बदलने वाली है। इस बार के आभूषण टाइम्स के इस अंक में हम आपको लेकर चल रहे हैं ज्वेलरी बिजनेस में बिक्री की दुनिया में नई क्रांति की विवेचना करने के लिए साथ ही यह भी देंखेंगे कि किस प्रकार से गोल्ड के रेट बढ़ते जा रहे हैं, जिनके न तो रुकने की कोई संभावना है और न ही गोल्ड के रेट बढऩे के बावजूद इसकी सेल रुकने वाली है।
हम देख रहे हैं कि भारतीय ज्वेलरी का कारोबार बढ़ रहा है, तो इसका निर्यात भी निश्चित रूप से बढ़ता जा रहा है। आभूषण टाइम्स पिछले कई सालों से ज्वेलरी जगत के बिजनेस के आंकड़ों पर नजर डालकर उसका विश्लेषण करके आप तक पहुंचाता रहा है। वर्तमान के आंकड़े देखें, तो पश्चिमी देशों में भारतीय ज्वेलरी की डिमांड लगातार बढ़ रही है। हाल ही में संपन्न आइआइजेएस प्रीमियर में हमने देखा कि बहुत बड़ी तादाद में आए ज्वेलर्स ने भारतीय ज्वेलरी में काफी रुचि दिखाई। माना जा रहा है कि अमेरिका, हांगकांग, यूएई, बेल्जियम, सिंगापुर, इजरायल, थाईलैंड, यूके, स्विट्जरलैंड और नीदरलैंड आदि के लिए ज्वेलरी निर्यात बढ़ेगा। आभूषण टाइम्स ने आइआइजेएस के दौरान ऐसे कई ज्वेलर्स से बातचीत की, तो यह महसूस हुआ कि विशेष रूप से भारतीय और एशियाई प्रवासियों के बीच भारतीय ज्वेलरी की पसंद के चलते निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। बेल्जियम, सिंगापुर और एंटवर्प में ज्वेलरी का कारोबार करने वाले एक ज्वेलर आभूषण टाइम्स से बातचीत में यह कहा कि भारत की ज्वेलरी की कारीगरी और पारंपरिक डिजाइन गैर-भारतीय उपभोक्ताओं को आकर्षित कर रही है। भारतीय ज्वेलरी का मुख्य निर्यात बाजार अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व और एशिया के अन्य देश हैं। अमेरिका भारतीय ज्वेलरी का सबसे बड़ा बाजार है, इसके बाद हांगकांग, यूएई, और सिंगापुर आते हैं। इन बाजारों में भारतीय ज्वेलरी ब्रांड्स ने अपने उच्च गुणवत्ता और डिजाइनों के कारण मजबूत स्थिति बना ली है। इसके अलावा, विदेशी व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों में सक्रिय भागीदारी ने भारतीय ज्वेलरी की वैश्विक पहचान को और बढ़ाया है।
वैसे तो हर आइआइजेएस के बाद गोल्ड की चमक बढऩे का इतिहास बहुत लंबा है। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि गोल्ड के रेट्स लगातार ऊपर ही जाएंगे। जो लोग मंदी की आस में बैठे हैं, उनको भले ही लग रहा हो कि कुछ महीनों में ही गोल्ड के भाव फिर से मामूली गिरावट तो जरूर दिखाएंगे। लेकिन आभूषण टाइम्स बाजार के आंकड़ों के अध्ययन के आधार पर दावा करने का क्षमता रखता है कि अगर कोई बहुत बड़ा कारण पैदा नही हुआ, तो दीपावली पर गोल्ड और महंगा होगा, जिसके डर से लोग अभी से खरीदी पर विचार कर रहे हैं। आने वाले दिनों में नवरात्री, दशहरा, धन तेरस और दीपावली के बाद भाई दूज जैसे त्यौहारों के अलावा आने वाले दिनों में विवाह के सीजन की वजह से फिलहाल गोल्ड के रेट्स जो कि 75 हजार के अंदर घूम रहे हैं, वे उछाल मारकर दीपावली के बाद 80 हजार के आसपास भी पहुंच जाएं, तो कोई खास आश्चर्य की बात नहीं होगी हैं। तो एक बार फिर से माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक गोल्ड़ के रेट की बढ़त में किसी भी तरह की कमी आने की कोई संभावना नहीं है। दुनिया की जानी मानी गोल्ड विश्लेषक कंपनियां सिटीग्रुप, बैंक ऑफ अमेरिका और गोल्डमैन सैच भी इस तथ्य से सहमत माने जा रहे हैं कि गोल्ड के रेट्स की यह बढ़त आगे भी बनी रह सकती है।
आभूषण टाइम्स का भारतीय जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर का साथ 25 साल पुराना है। देश के कुल ज्वेलरी एक्सपोर्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मुंबई से जाता है। इस उद्योग में हमारा राजस्थानी जैन ज्वेलर्स का भी बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है, जो अपने ट्रेडिशनल, एंटिक व हस्तनिर्मित ज्वेलरी के लिए जाने जाते हैं। ज्वेलरी सेक्टर में राजस्थानी जैनों की नई पीढ़ी के प्रेवश के बाद भारतीय ज्वेलरी बिजनेस में डिजिटल व्यापार का भी योगदान बढ़ रहा है, जहां कई ज्वेलर्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों तक भी अपनी पहुंच बना रहे हैं। हम देख रहे हैं कि ई-कॉमर्स ने विशेष रूप से नए और उभरते बाजारों में भारतीय ज्वेलरी की पहुंच को आसान बनाया है। ऐसे में देश के ज्वेलरी बाजार के विकास को कोई रोक नहीं सकता, यह साफ लग रहा है।
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