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संपादकीय

  • Aabhushan Times
  • Dec 14, 2024
  • 4 min read

गोल्ड व सिल्वर ज्वेलरी के बदलते बाजार में

आईआईजेएस सिग्नेचर से विकास की उम्मीद










ज्वेलरी उद्योग सदियों से सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं का हिस्सा रहा है। ज्यादातर मारवाड़ी जैनों के हाथ में इसका सारा कारोबार है तथा वर्तमान समय में यह उद्योग पारंपरिक सीमाओं से परे जाकर वैश्विक व्यापार, फैशन और निवेश के क्षेत्र में प्रमुख स्थान बना चुका है। हालांकि, ज्वेलरी बिजनेस वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव के बावजूद, हमारे ज्वेलर्स के लिए जीवन यापन का खास जरिया बना हुआ है, तथा इसी वजह से नए जमाने के पढ़े लिखे युवक - युवतियां भी इस बिजनेस में आ रहे हैं। इस बार के आभूषण टाइम्स के इस संपादकीय लेख में, हम वर्तमान ज्वेलरी बाजार के हालात, चुनौतियों, और संभावनाओं पर चर्चा करेंगे, तथा साथ ही अगले महीने हो रहे आईआईजेएस सिग्नेचर ज्वेलरी एग्जिबिशन की भी चर्चा करेंगे। आभूषण टाइम्स के भीतर के पन्नों पर आप देखेंगे कि गोल्ड फिर से 80 हजार के पार भले ही पहुंच गया हो, लेकिन ऐसे हालात में भी गोल्ड का स्थान ही सर्वोपरि है। साथ ही सिल्वर की दुनिया में भी ज्वेलरी के कारण इंटरनेशनल लेवल पर इसका बाजार बहुत तेजी से विकसित हो रहा है। इसके साथ ही भले ही बाजार के हालात कुछ भी रहे हों, द जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल द्वारा अगले साल यानी 2025 के पहले महीने जनवरी के पहले सप्ताह में 4 से 8 तारीख तक मुंबई में आयोजित होने वाली आईआईजेएस सिग्नेचर ज्वेलरी एग्जिबिशन से ज्वेलरी इंडस्ट्रीज को किस तरह से नया मजबूत आधार मिलेगा, इसकी भी हम आंदर के पन्नो पर चर्चा कर रहे हैं।


जमाने भर से हम देखते आ रहे हैं कि गोल्ड हमेशा से भारतीय और वैश्विक ज्वेलरी बाजार का मुख्य आधार रहा है। हालांकि, हाल के वर्षों में गोल्ड की कीमतों में लगातार वृद्धि और आर्थिक अनिश्चितता ने इसे केवल एक ज्वेलरी के रूप में नहीं, बल्कि एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में भी लोकप्रिय बनाया है। भारतीय मार्केट के साथ साथ वैश्वितक स्तर पर मुद्रास्फीति का प्रभाव हर चीज पर बढ़ा है, तो आर्थिक अनिश्चितता और मुद्रास्फीति के दौर में गोल्ड की मांग बढ़ी है। ऐसे में हमारे ज्वेलर्स के लिए कमाई के भी नए नए रास्ते खुल रहे हैं। क्योंकि स्मार्ट निवेश के तोर पर डिजिटल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ के माध्यम से युवा निवेशक इस बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। तो परंपरागत तौर से शादी और त्यौहारों की मांग के मुताबिक भारतीय उपभोक्ताओं के लिए गोल्ड की खरीदारी के मुख्य अवसर लगातार बने हुए हैं। हम देख रहे हैं कि सिल्वर अब केवल पारंपरिक आभूषणों तक सीमित नहीं रहा है। औद्योगिक उपयोग और फैशन ट्रेंड्स के साथ, सिल्वर एक बहुआयामी धातु के रूप में भी तेजी से लोकप्रिय हो रही है। तो, सोलर पैनल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सिल्वर की बढ़ती मांग इसकी कीमतों को स्थिर बनाए रखती है। यही नहीं खास बात ये है कि भारतीय समाज में फैशन-फॉरवर्ड विकल्प के रूप में सिल्वर के आधुनिक और किफायती डिज़ाइन इसे युवा पीढ़ी के बीच लोकप्रिय बना रहे हैं। इसकी भी चर्चा हमने अंदर के पन्नों पर व्यापक रूप से की है।


पिछले कुछ वक्त से देखा जा रहा है कि ज्वेलरी उद्योग ने डिजिटल क्रांति को तेजी से अपनाया है। ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स ने उपभोक्ताओं को नई खरीदारी के तरीके प्रदान किए। तो ई-कॉमर्स के उदय सहित सोशल मीडिया मार्केटिंग की वजह से भी ज्वेलरी ट्रेंड्स का प्रचार बढ़ रहा है। आभूषण टाइम्स के हमारे प्रतिनिधि हर रोज ज्वेलरी उद्योग के कई दिग्गजों से मिलते हैं, विजिट करते हैं तथा चर्चा करते हैं, तो उसका सार यही लगता है यह ट्रेड विकास की नई दिशा पर पुरानी प्रथाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। लेकिन आभूषण टाइम्स को इन लोगों से बातचीत में यह भी लगता रहा है कि ज्वेलरी उद्योग की चुनौतियों में सबसे बड़ी बात गोल्ड व सिल्वर की कीमतों में अस्थिरता का होना है। मगर, यह तो सदा से रहा है, अत: ज्वेलरी बिजनेस में सबसे तेजी के साथ वहीं आगे बढ़ता है, जो सेल से सामने खरीदी भी करता है। इसकी वजह यही है कि गोल्ड और सिल्वर जैसी कीमती धातुओं की कीमतें वैश्विक आर्थिक घटनाओं पर निर्भर करती हैं। डॉलर की मजबूती, भू-राजनीतिक तनाव, और कच्चे माल की बढ़ती लागत ने ज्वेलरी बाजार में अस्थिरता पैदा की है। तो, खनन में आई कमी और पर्यावरणीय प्रतिबंधों के कारण गोल्ड व सिल्वर के कच्चे माल की उपलब्धता पर असर पड़ा है। यही गोल्ड व सिल्वर की कीमतों का बढ़ा रहा है, तो ज्वेलरी निर्माण की लागत को बढ़ा रहा है।

आईआजेएस सिग्नेचर ज्वेलरी इंडस्ट्री की भविष्य की संभावनाएं संवारने के रूप में आ रहा है। जो वैश्विक व्यापार के बढ़ते दायरे में भारतीय आभूषण उद्योग को वैश्विक स्तर पर निर्यात बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। जीजेईपीसी का यह आयोजन ज्वेलरी उद्योग को संक्रमण के दौर से निकालकर वैश्विक स्तर पर ले जा रहा है। हालांकि, चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि द जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल द्वारा आयोजित किया जा रहा आईआजेएस सिग्नेचर ज्वेलरी शो विकास की नई संभावना के माध्यम को नई राह दिखाएगा और उसी के ज्वेलरी बाजार आने वाले वर्षों में और मजबूत होगा।

 
 
 

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