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सिल्वर का बढ़ता बाजारबढ़ती खपत के कारण सिल्वर के रेट्स ऊपर की तरफ ही रहेंगे

Aabhushan Times

सिल्वर सदियों से हमारे जीवन में महत्वपूर्ण जगह बनाए हुए है। यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा रही है तो हमारी पावन परंपरा का प्रतीक भी है। सिल्वर की सुंदरता, उसकी शाइनिंग और शुद्धता उसके भाव में निहित है। भले ही गोल्ड के सामने सिल्वर बहुत सस्ता माना जाता है, लेकिन गोल्ड जैसे जैसे आगे बढ़ता है, तो सिल्वर भी चमकता हैं और जब सिल्वर की शानिंग बढ़ती है तो बाजार भी खिल उठता है। इन दिनों सिल्वर की शाइनिंग बढ़ती दिख रही है, तो ज्वेलर्स के चेहरों की चमक भी बढ़ रही है, क्योंकि इसकी सेल बढ़ रही है। भले ही रेट्स 75 हजार के पार निकलते जा रहे हैं, लेकिन सेल में कमी न होने के कारण बाजार में रौनक है। सिल्वर की सेल के बढते रहने का खास कारण केवल ये ही है कि सिल्वर हमेशा से मानव जीवन में महत्वपूर्ण रहा है। कभी वह इलेक्ट्रॉनिक्स में काम आता है, तो सजावटी सामान के रूप में, कभी गिफ्ट आर्टिकल्स के तौर पर तो कभी सिक्कों बर्तनों और ज्वेलरी में। वैश्विक स्तर पर उद्योग जगत में भी सिल्वर का बड़ा उपयोग हो रहा है। जैसे जैसे इसका उपयोग बढ़ता जा रहा है, सिल्वर अपनी गोल्ड जितनी अहमियत बनाए हुए है। यही वजह मानी जाती है कि जब जब लोग गोल्ड का नाम लेते हैं तो सिल्वर का नाम भी साथ में लिया जाता है। 

अपनी इसी अहमियत के कारण सिल्वर सदा सदा से समाज में तो महत्वपूर्ण रहा ही है, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भी सिल्वर का दबदबा बढ़ता रहा है। उसी सिलसिले में वर्तमान में भी सिल्वर लगातार बढ़ता जा रहा है। सुनते रहे हैं कि गोल्ड जब आगे बढ़ता है, तो सिल्वर के ऊव भी बढ़ते हैं। जैसे सैंसेक्स और गोल्ड का साथ सदा बना रहा है, डॉलर और गोल्ड का साथ भी सदा बना हुआ दिखता है, वैसे ही सिल्वर और गोल्ड का भी भाई – बहन की जोड़ी जैसा साथ है। आज के दौर में जब गोल्ड 65 हजार पर हैं, तो सिल्वर भी 75 हजार के ऊपर चल रहा है। हालांकि कभी ऊपर नीचे होना उसकी तासीर है और गोल्ड में भले ही कमी पेशी न हो, लेकिन सिल्वर चढ़ता – घटता रहता है। फिर भी गोल्ड का साथ नहीं छोड़ता। पिछले कुछ महीनों से देखने में आ रहा है कि लोग सिल्वर की खरीदी में कमाई देखने लगे हैं, तथा तगड़ी खरीद कर रहे हैं। उसका राज यही है कि सिल्वर की समझ रखने वालों की सलाह हैं कि सिल्वर ज्वेलरी, सिल्वर आर्टिकल्स या सिल्वर बार खरीदने के लिए बेस्ट बाइंग रेट्स और यही बेस्ट बाइंग टाइम यही है। माना जा रहा है कि सिल्वर इससे आगे बड़ा फायदा दे सकता है। बाजार में खुशी इसलिए भी है कि बढ़ते रेट्स के बीच भी वर्तमान स्तर पर सिल्वर में निवेश बढ़ रहा है, क्योंकि अच्छे रिटर्न की गारंटी है।


सिल्वर के रेट्स केवल भारत में ही नहीं विश्व भर में बढ़ती जरूरतों के कारण बढ़ रहे हैं। पिछले कई वर्षों का इतिहास रहा है कि जब गोल्ड का रेट बढ़ता है, तो सिल्वर भी उसी रफ्तार से बढ़ता रहा है। हाल ही में गोल्ड के रेट्स तेजी पकडऩे लगे, तो सिल्वर भी उचांई नापने लगा। जबकि पिछले कुछ समय तक सिल्वर स्थिरता पकड़े हुए था। सिल्वर के रेट्स बढऩे से ज्वेलर्स खुश हैं कि ग्राहकी तो बढ़ ही रही है,  रेट्स भी बढ़ते जा रहे हैं, तो लाभ भी मिल रहा है। गोल्ड के साथ-साथ सिल्वर के रेट्स में भी बढ़ोतरी हुई। मुंबई में सिल्वर के रेट्स 75 हजार रुपए प्रति किलो से भी काफी ऊपर पहुंच गए थे। भारत के दक्षिणी राज्यों व मुंबई में सिल्वर के रेट्स में लगभग 3 से 5 हजार रूपए का फर्क रहता है। जैसे मुंबई में सिल्वर अगर 75 हजार के आसपास है, तो दक्षिणी प्रदेशों के प्रमुख शहरों बाजारों में सिल्वर 80 हजार के पार भी बिकता देखा जा सकता है। तिरुचिरापल्ली, कायंबटूर, बैंगलुरू, चेन्नई,  और हैदराबाद, सिकंदराबाद आदि शहरों में सिल्वर 80 हजार रुपए प्रति किलो के रेट से भी आगे सेल हो रहा है। सिल्वर के इंटरनेशनल मार्केट का अध्ययन करनेवाले बताते हैं कि बुलियन बाजार में सिल्वर के रेट अगले साल भर में एक लाख तक भी जा सकते हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि सिल्वर की चमक और बढ़ेगी व कमाई भी देगी।


दुनिया में गोल्ड की तुलना में सिल्वर लगभग 17 गुना अधिक है, लेकिन इसकी रिसाइकलिंग बहुत कम है।  सिल्वर की 70त्न आपूर्ति औदद्योगिक क्षेत्र में की जाती है,  वैश्विक उत्पादन सिल्वर की कीमतों पर असर डालता है। मैन्युफेक्चरिंग इंडस्ट्री और सिल्वर का उपयोग करने वाली कंपनियों के बीच व्यावसायिक गतिविधि की स्थितियों में लगातार उतचार चढ़ाव के कारण 5 फीसदी और कभी कभी 10 फीसदी  तक भी कीमतों में उतार-चढ़ाव आम है।लेकिन सिल्वर ज्वेलरी की लगातार बढ़ती ही जा रही सेल ज्वेलर्स के लिए बेहद विशिष्ट और लाभकारी है। सिल्वर बाजार के जानकार बताते हैं किपृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक सिल्वर ही है, और सिल्वर ही आधुनिक समाज में सबसे उपयोगी धातुओं में से एक है। सिल्वर के विशाल विद्युत और थर्मल संचालन गुण इसके विद्युत उपयोग के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं, जिससे हमारी भारी प्रौद्योगिकी-आधारित दुनिया में सिल्वर की अत्यधिक मांग है। सिल्वर का उपयोग 10 हजार से अधिक औद्योगिक जरूरतों में किया जाता है, जिनमें माइक्रोचिप्स से लेकर माइक्रोवेव तक शामिल है। इलेक्ट्रॉनिक्स में सिल्वर विद्युत स्विचों में एक जरूरी तत्व है जो आपके इलेक्ट्रॉनिक्स को शक्ति प्रदान करता है और इसका व्यापक रूप से उच्च-स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, मुद्रित सर्किट और ऑडियो - वीडियो तत्वों में उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही सिल्वर एक रोगाणुरोधी मेटल है और इसका उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में सर्जिकल उपकरणों पर कोटिंग और ड्रेसिंग के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। साथ ही सोलार पैनल अर्थात सौर उर्जा के पैनल बनाने में भी सिल्वर का उपयोग होता है। भारत ही नहीं, दुनिया भर में तेजी से व्यापक रूप से बढ़ता सौर ऊर्जा उद्योग सिल्वर की मांग बढ़ा रहा है, जिसका उपयोग सूर्य के प्रकाश को ग्रहण वाले पैनलों की फोटो-वोल्टाइक वेन्स में किया जाता है। इसी कारऩ माना जा रहा है कि आने वाले समय में सिल्वर की दुनिया भर में डिमांड बढ़ेगी और इसके रेट्स तो लगातार बढ़ ही रहे हैं।


ज्वेलरी, सर्जीकल, मेडीकल,  आईटी, सौलार आदि के साथ साथ इंडस्ट्रीयल सेक्टर में भी सिल्वर का उपयोग बढ़ता जा रहा है, तो  भारत में सिल्वर की ज्वेलरी का सबसे बड़ा सेंटर मुम्बई है और सिल्वर के सिक्कों तथा सिल्वर बुलियन व सिल्वर आर्टिकल्स के माममले में भी मुम्बई ही देश का सबसे बड़ा बाजार है। इसी शहर में सिल्वर की सबसे ज्यादा बिक्री होती हैं। जिस तेजी से सिल्वर के बाजार व बिक्री के साथ साथ रेयट्स भी बढ़ते जा रहे हैं, उसे देखते हुए यह बात साफ तौर पर दिख रहा है कि भविष्य में सिल्वर की दुनिया और भी नया आकार लेगी, क्योंकि सिल्वर अपने साथी गोल्ड के साथ साथ सदा से आगे बढ़ता रहा है। हालांकि ज्वेलरी के मामले में मुंबई के साथ साथ राजकोट व जयपुर भी सिल्वर के सेंटर हैं। देश भर के ज्वेलरी व्यवसायी सिल्वर ज्वेलरी के लिए जयपुर व राजकोट को अहमियत देते हैं, मगर फिर भी मुंबई ज्वेलरी का हब होने के कारण पिछले कुछ सालों में मजबूत बना हुआ है। इसकी सबसे प्रमुख वजह यह है कि ज्वेलरी का मुख्य मार्केट देश में केवल मुंबई है, तो गोल्ड के साथ सिल्वर ज्वेलरी की सेल चलती रहती है। पिछले कुछ सालों में मुंबई में सिल्वर ज्वेलरी का व्यापार बहुत तेजी से विकासित हुआ है। कई बड़े व नामी ज्वेलर्स भी सिल्वर ज्वेलरी के बिजनेस में कदम बढ़ाते हुए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।









अमेरिका में ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की संभावना के कमजोर पडऩे से भी गोल्ड के साथ-साथ सिल्वर की कीमतों मे तेजी आई है। यदि इंटरनेशनल लेवल पर विभिन् देशों के बीच तनाव और बढ़ता है, साथ ही  चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार होता है तो सिल्वर की कीमतों में आने वाले समय में तेजी ज्यादा भी आ सकती है








हम ज्वेलरों का व्यापार सिर्फ ज्वेलरी पर आधारित है। सिल्वर ज्वेलरी का ऑनलाइन व्यवसाय भी बढ़ रहा है। भले ही इसके रेट लगातार बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन ज्वेलर्स के लिए खुशी की बात है कि रेट्स बढऩे से कस्टमर्स सिल्वर ज्वेलरी की खरीदी नहीं रोक रहे हैं।








माना जा रहा है कि सिल्वर कारोबार कुछ दिन में और तेज होगा और इसके रेट्स आने वेल कुछ ही महीनों में 85 हजार से आगे भी जा सकते हैं।  क्योंकि सिल्वर के रेट्स बढऩे के साथ साथ ग्राहकी भी हर तरफ खुल रही है, तो लग रहा है कि व्यापार चलेगा।








दुनिया के सभी देशों में आर्थिक हालातों में तेजी से सुधार देखने को मिल रहा हैं, फिर इंडस्ट्रियल सेक्टर भी तेजी पकड रहा है, यही एक मात्र सबसे बड़ा कारण है कि  सिल्वर मार्केट पिछले कुछ सालों के मुकाबले ज्यादा तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है।



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