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सिल्वर बढ़ेगा 1 लाख की तरफनीचे उतरने के बावजूद चांदी की चाल ऊपर की तरफ ही रहेगी

Aabhushan Times











सिल्वर के रेट्स भी गोल्ड की तरह ही लगातार बदलते रहते हैं, और दुनिया भर में लाइव स्पॉट सिल्वर रेट्स के चार्ट हाल के बाजार में उतार-चढ़ाव को प्रतिबिंबित करने के लिए व्यापारिक समाज पर तेजी से असर डाल रहे हैं। हर मिनट अपडेट होने वाले सिल्वर के रेट्स ने इस बार तो बाजार में हतलका मचा दिया। एक साथ ही सीधे 86 हजार तक रेट्स बढ़ जाने के बाद तेजी से गिरने से सिल्वर की चमक फीकी नहीं हो पा रही, क्योंकि बाजार को भरोसा है कि सिल्वर फिर से तेजी पकड़ेगा और हर हाल में इस साल के अंत तक 1 लाख के पार तो चला ही जाएगा। सिल्वर की कीमतों में वृद्धि दुनिया की अर्थव्य़वस्था में ओद्योगिक वृद्धि को प्रदर्शित करती है। सिल्वर के रेट्स में उठाव इस वर्ष एक नया शिखर हासिल करने के लिए तैयार है। रूस-यूक्रेन युद्ध ने नवीकरणीय ऊर्जा की तैनाती में तेजी ला दी है क्योंकि सरकारें जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करने का प्रयास कर रही हैं।


अप्रैल महीने के तीसरे सप्ताह में भारत में सिल्वर के रेट्स 85 हजार से ऊपर पहुंच गए, लेकिन उसी महीने के अंत में फिर से नीचे उतरकर 78 हजार पर आना हर किसी को आश्चर्यचकित कर रहा है। लेकिन इंटरनेशनल मार्केट के जानकार लोगों को भरोसा है कि सिल्वर के रेट्स भले ही फिलहाल नीचे आ गए हैं, मगर आने वाले समय में तेज ही होंगे और हर हाल में 1 लाख से भी आगे जा सकते है, क्योंकि इंटरनेशनल लेवल पर औद्योगिक उत्पादन बढ़ रहा है, तथा इसकी खपत जिन उत्पादों में हो रही है, वे तेजी से ग्रोथ कर रहे हैं। हालांकि गोल्ड की खपत ज्यादातर ज्वेलरी में तथा दूसरे नंबर पर निवेश में होती है, जबकि उसकी तुलना में सिल्वर का खपत औद्योगिक उपयोग में ज्यादा होती है। भारत में भले ही सिल्वर को गरीबों का गोल्ड माना जाता है, तथा गोल्ड के मुकाबले कीमत कम होने की वजह से मध्यम वर्गीय आय वाले लोगों में इसकी खपत ज्यादा है, लेकिन औद्योगिक खपत के लिए सिल्वर एक महत्वपूर्ण जरूरत मानी जाती है। भारत जैसे बहुत बड़ी जनसंख्या वाले देश में में सिल्वर में निवेश करने वाले लोगों के लिए तथा औद्योगिक उपयोग की जरूरतों  को समझना बेहद जरूरी है, क्योंकि किसी भी देश की औद्योगिक विकास की दर ही उस देश की वास्तविक ग्रोथ मानी जाती है। ऐसे में जब सिल्वर की इंडस्ट्रीयल खपत बढ़ेगी, तो  माना जा रहा है कि सिल्वर इसी साल के अंत तक 1 लाख के पार भी पहुंच सकती है, इसीलिए इसे निवेश के लिए बेहतर लाभ देने वाले मेटल के रूप में देखा जा रहा है।


सिल्वर के तीन साल के इतिहास की बात की जाए, तो 2021 और 2022 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद, बीते साल 2023 में सिल्वर का औद्योगिक उठाव 2.6 प्रतिशत बढक़र 550 मिलियन औंस तक बढ़ गया था। वाहन विद्युतीकरण में वृद्धि, और सरकार की बढ़ती प्रतिबद्धता से सिल्वर की औद्योगिक मांग में तेज उठाव देखने को मिला। बढ़ते वाहन उत्पादन, चिप की कमी कम होने और इलेक्ट्रॉनिक घटकों और पावरट्रेन विद्युतीकरण के बढ़ते उपयोग से ऑटोमोटिव क्षेत्र में मांग की वजह से सिल्वर को फायदा पहुंचा है। इसके अलावा, इलेक्ट्रिकल और हाइब्रिड वाहन की मांग बढ़ी हैं, तो सिल्वर पर निर्भर चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार भी बढ़ रहा है। इसके विपरीत, भारतीय बाजार के कारण इस साल सिल्वर ज्वेलरी की मांग में 10 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है, जबकि शेष विश्व में मामूली वृद्धि देखी जानी चाहिए। विद्युत स्विच और सौर पैनलों से लेकर रसायन-उत्पादक तक, सिल्वर कई उद्योगों में एक आवश्यक घटक है। इसके अद्वितीय गुण इसे लगभग असंभव बना देते हैं और इसके उपयोग की एक विस्तृत श्रृंखला है। लगभग हर कंप्यूटर, मोबाइल फोन, ऑटोमोबाइल और उपकरण में सिल्वर का उपयोग होता है। इसकी उच्च विद्युत चालकता और स्थायित्व के कारण यह सर्किट बोर्ड की तरह विद्युत संपर्कों को कोटिंग करने के लिए एकदम सही पदार्थ है। उदाहरण के लिए, रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस चिप्स सुपरमार्केट और आपूर्ति श्रृंखला सूची में कई वस्तुओं पर बार कोड की जगह ले रहे हैं। इन्ही कई वजहों से 2022 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद, पिछले साल सिल्वर ने और तेजी पकड़ी तथा इस साल तो भारतीय मार्केट में सिल्वर के दान सबसे तेज बढ़े। हालांकि, औद्योगिक खपत की वजह से सिल्वर ज्वेलरी की मांग कम होकर और सामान्य स्तर पर आने की उम्मीद है।


अमेरिका में आर्थिक चिंताओं और जीवन पर बढ़ते खर्च के कारण इस साल खपत में मामूली गिरावट आ सकती है। 2022 में उछाल के बाद, सिव्लर के बर्तनों के निर्माण में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले साल, वैश्विक स्तर पर सिल्वर की मांग अनुमानित 17 प्रतिशत बढक़र 1.24 बिलियन औंस की नई ऊंचाई पर पहुंच गई। इस साल मांग और बढक़र आगे जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। भारतीय मार्केट में ज्वेलरी के क्षेत्र में सिल्वर का निवेश 2023 के रिकॉर्ड हाई लेवल से 16 प्रतिशत ज्यादा होने का अनुमान है। 2022 में नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद पश्चिमी देशों में सिल्वर में निवेश में गिरावट की उम्मीद थी, मगर ऐसा न होकर मांग और बढ़ीऔर 2023 में तेजी पकड़ती हुई इस साल 2024 में नई उंचाई पर पहुंच गई। सिल्वर की ये डिंमांड दो विषयों को दर्शाती है। सबसे पहले, तो यह कि सिल्वर की कीमतों में तेजी और अधिक मजबूत होने की तरफ अग्र सर है। दूसरा, जैसे-जैसे कीमतें ऊपरी स्तर पर स्थिर होती हैं, तो उसकी अस्थिरता ज्वेलरी निर्माताओं तथा आर्टिकल्स निर्माताओं को खरीदी की तरफ प्रोत्साहित कर सकती है। गोल्ड के मुकाबले भारत में सिल्वर में निवेश भी कम हो सकती है क्योंकि सिल्वर की अधिकांश दबी हुई मांग पहले ही पूरी हो चुकी है और कीमतें भी उम्मीद को मुताबिक तेजी से बढ़ती रही है। किसी ने सोटचा भी नहीं था कि सिल्वर इतनी तेजी से 86 हजार का आंकड़ा छू लेगा, लेकिन सिल्वर की कीमतों में उतार-चढ़ाव से अब इसकी मांग कुछ दिनों के लिए कमजोर हो सकती है।


ताजा आर्थिक दौर में भारत में सिल्वर की आपूर्ति 4 प्रतिशत बढक़र रेट्स भी नई ऊंचाई तक पहुंचने की उम्मीद है, जो कि संभव है कि 1 लाख तक पहुंचकर एक नई ऊंचाई साबित करे। सिल्वर में इतनी अधिक तेजी के कारण यह भी संभव है कि पुराने जेवरात की रीसाइक्लिंग में वृद्धि हो और एक दशक के उच्चतम स्तर तक सिल्वर की सेल के बढऩे की संभावना हो। यह वृद्धि पूरी तरह से उच्च औद्योगिक रीसाइक्लिंग के कारण होगी। सन 2024 की शुरुआत गोल्ड और बेस मेटल में उछाल से सिल्वर की कीमतों को लाभ मिलने के साथ हुई है, बाद में चीन ने अपनी जीरो पॉलिसी को छोड़ दिया, तो रेट्स और बढ़ गए।

हालाँकि, आगे की ओर देखते हुए, जानकारों मानना है कि सिल्वर का पूरा रुख यूएस फेडरल बैंक की ब्याज दरों पर निर्भर हालांकि दुनिया भर के देशों में तेजी से बढ़ती आर्थिक प्रतिकूल परिस्थितियों के बढऩे का अनुमान है कि सिल्वर में मजबूती आने वाले आर्थिक विकास के संकेत है। इंटरनेशनल मार्केट में इस साल सिल्वर की कीमतों को लेकर बाजार नजरिया सतर्क है और माना जा रहा है कि इसके रेट्स लगभग 1 लाख के पार भी जा सकते हैं। यह हमारे जानकारों के विचार पर आधारित है कि, भले ही ब्याज दरों में वृद्धि की गति धीमी हो जाए, मगर सिल्वर की कीमतों में बढ़ोतरी इस वर्ष के मध्य तक जारी रहेगी, और संभावित बढ़ोतरी में कटौती मामूली ही रहेगी।







कल्पेश जैन - शुभम सिल्वर

सिल्वर की चमक बढ़ती जा रही है और सिल्वर ज्वेलरी की सेल भी बढ़ती जा रही है। लेकिन सामान्य तौर पर कीमती मेटल में तेजी की आशंकाओं से निवेशकों को इक्विटी के लाभ के लिए अधिक जोखिम के मुकाबले चांदी में निवेश ज्यादा सही लगने लगा है।

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मनोज शोभावत - आनंद दर्शन सिल्वर

इस वर्ष मुद्रास्फीति में और भी कमी आने के साथ सिल्वर की कीमतों में तेजी की उम्मीद हैं, तथा ये कीमतें लंबे वक्त तक सिल्वर की चमक को बढ़ाती रहेंगी। अमेरिकी बैंकों में वास्तविक ब्याज दरों में वृद्धि का सीधा असर सिल्वर और अन्य कीमती धातुओं पर पड़ेगा।

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अनिल सिंघवी - अरिहंत ९२५ सिल्वर

आने वाले कुछ महीनों में सिल्वर की वास्तविक दरें और मजबूत होंगी, यह साफ लग रहा है। सिल्वर की कीमतों में आने वाले दिनों की बढ़ोतरी के कारण हमारा अनुमान है कि इस साल सिल्वर का लेवल 1 लाख तक पहुंचेगा, जो कि अपने आप में सबसे ऊंचा रहेगा।

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विनोद सिरोया - सेसमल सुरजमलजी एण्ड कं.

इस साल यानी 2024 में सिल्वर अपने ऑल टाइम हाई लेवल 85 हजार रुपये प्रति किलो के पार पहुंचा लेकिन उसके बाद अप्रैल के जाते जाते सिल्वर के भाव में नरमी देखने को मिली। मगर इसके रेट्स को 1 लाख के पार जाना ही है, क्योंकि दुनिया भर में इसकी खपत बढ़ रही है।


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