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  • Aabhushan Times

डायमंड और प्लेटिनम फिर चमकेउच्च स्तरीय मार्केटिंग की वजह से











भारत में डायमंड की चमक तो कभी कम नहीं हुई, लेकिन उसकी बिक्री में कमी जरूर आ गई थी। इसी तरह से प्लैटिनम भी पिछले कुछ सालों से ठंडा ही देखा गया, मगर अब दोनों फिर से रफ्तार पकड़ रहे हैं। उच्च आय वर्ग के साथ साथ युवा पीढ़ी में भी में गोल्ड व सिल्वर के मुकाबले डायमंड और प्लेटिनम ज्वेलरी सबसे ज्यादा पसंद की जा रही है, तो संल भी बढ रहा है।


ज्वेलरी की दुनिया में वैसे तो डायमंड और प्लेटिनम गोल्ड से भी ज्यादा लोगों को लुभाते रहे हैं और मुनाफा भी सबसे ज्यादा देते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में दोनों की चमक दमक कुछ फीकी रहने के बाद कुछ महीनों से इंटरनेशनल लेवल पर डायमंड और प्लेटिनम फिर जोर मारने लगे हैं। भारत में भी एक खास वर्ग में डायमंड और प्लेटिनम ज्वेलरी गोल्ड के मुकाबले ज्यादा पसंद की जाने लगी है। कोविड के पहले देश के बड़े शहरों के अपर क्लास मार्केट में, विशेषकर उच्च आय वर्ग में डायमंड और प्लेटिनम ज्वेलरी का जबरदस्त जलवा देखा जाता रहा है। हाई स्पेंडिंग क्लास में महिला व पुरुष दोनों वर्गों में डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी सबसे पहला शौक माना जाता है। इस कारण ज्वेलर्स को निचले तबके में इस ज्वेलरी की मार्केटिंग की परवाह ही नहीं होती। एक जमाना था, जब प्लेटिनम के रेट गोल्ड से बहुत ऊंचे थे। अब गणित बदल गया है। गोल्ड इतना महंगा हो गया है कि उसके मुकाबले प्लेटिनम लोगों को सस्ता लगने लगा है। नतीजा यह कि जो लोग कभी महंगे प्लेटिनम ज्वेलरी की ओर देखते तक नहीं थे, वे भी अब उसे खरीदने लगे हैं। देश में कुल ज्वेलरी की सेल में प्लेटिनम ज्वेलरी की हिस्सेदारी करीब दस फीसदी हो गई है और डायमंड लगभग 35 फीसदी के आसपास है। देखने में आ रहा है कि वैश्विक स्तर पर डायमंड तथा प्लेटिनम ज्वेलरी दोनों का व्यापार तेजी से बढ़ता जा रहा है, तो यह एक तरफ भले ही ये चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है, लेकिन इसमें ज्वेलर्स के लिए कई संभावनाएं और लाभ हो सकते हैं। वल्र्ड प्लेटिनम काउंसिल तथा डायमंड ट्रेड की शीर्ष संस्थाएं अपने कारगर प्रयासों से अपने अपने स्तर पर डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी के व्यापार को पिछले कुछ सालों के मुकाबले और नए तरीकों से बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं। वे ज्वेलर्स को विशेषज्ञता और डिजाइन के मामले में कई तरह के सुझाव दे रहे हैं, ताकि डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी के बिजनेस में समय के साथ तेजी देखनो को मिल सके। दोनों ही ट्रेड की शीर्ष समंस्थाएं बड़े पैमाने पर वैश्विक स्तर पर विज्ञापन अभियान भी चलाने वाली है, जिससे लोग डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी के प्रति नए सिरे से आकर्षित हो सके। इसका बड़ा लाभ ज्वेलर्स को होगा। हालांकि भारतीय बाजार में गोल्ड व सिल्वर के मुकाबले डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी के विक्रेता बहुत कम है, क्योंकि इन दोनों सेगमेंट का मार्केट शेयर बेहद कम है। मगर फिर भी इन दोनों की ताकत सबसे ज्यादा है।य़ आज भी दुनिया में कहीं भी चले जाइए, उच्च वर्ग में गोल्ड व सिल्वर के मुकाबले डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी सबसे ज्यादा पसंद की जाती है।


एक अच्छा डायमंड व प्लेटिनम ज्वेलरी बिजनेस उन ज्वेलर्स के लिए हो सकता है जो विशेषज्ञता में हैं और अद्वितीय डिजाइन्स अपने ग्राहकों को प्रदान कर सकें, इन द्नों रकही सेगमेंट में डिजाइन ही सर्वोपरि है। हालांकि मार्केटिंग और प्रचार-प्रसार के मामले में केंद्रीय स्तर पर डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी का जबरदस्त प्रचार किया जा रहा है तथा 'हीरा है सदा के लिएÓ और 'प्य़ार जहां, प्लेटिनम वहांÓ जैसे दिल को छू लेने वाले स्लोगन के जरिए डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी दुनिया के दिलों में नई जगह बना रही है। डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी की सबसे खास बात यह है कि उसका कद्दान बेहद उच्च वर्गीय है, जो अच्छे से तय किए गए ज्वेलर्स तक अपनी सीधी पहुंच रखता है तथा अपनी पसंद से कोई समझौता नहीं करता। इसीलिए डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी के वास्तविक ग्राहक तक पहुंच स्थापित करने के लिए ज्वेलर्स को एक सशक्त मार्केटिंग योजना की आवश्यकता है जो डायमंड व प्लेटिनम ज्वेलरी की विशेषता पर केंद्रित हो। इसके साथ ही प्लेटिनम व डायमंड ज्वेलरी में क्वालिटी पर भी ध्यान देना महत्वपूर्ण है। ज्वेलर्स के प्रोडक्ट्स की उच्च क्वालिटी से ही ग्राहकों को आपके ब्रांड के प्रति विश्वास होगा। ध्यान रहे कि डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी का ग्राहक उच्च वर्गीय होता है, तथा वह हर बारीकी को खयाल रखता है, इस कारण उसकी पसंद भी सबसे अलग होती है। साथ ही एक कस्टमर सर्विस से आप अपने ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध बना सकते हैं, जो उन्हें आपके डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी ब्रांड के प्रति विश्वास को बढ़ाने में मददगार साबित हो सके।


दरअसल, डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी दोनों ही एक बहुत ही प्रतिस्पर्धी मार्केट है, इस उच्च प्रतिस्पर्धी बाजार में, बड़े ज्वेलर्स अन्य स्थानीय ज्वेलरों, डिजाइनरों और व्यापारियों की सहयोग ले सकते हैं और उसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि ज्वेलरी इंडस्ट्री के ट्रेंड्स को ध्यान से जांचें और उन्हें अपने उत्पादों में शामिल करें, ताकि आप बाजार में डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी के नए ट्रेंड के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें सकें। बाजार गवाह है कि 10-12 साल पहले तक गोल्ड से डेढ़ गुना प्लेटिनम की कीमत थी और डायमंड तो सदा सा ही बेशकीमती रहा है। मगर, वर्ष 2011 तक सोना 20000 रुपये प्रति 10 ग्राम था। इस दौरान प्लेटिनम का भाव 32000 रुपये प्रति 10 ग्राम था। गोल्ड की तुलना में प्लेटिनम के भाव डेढ़ गुना से भी अधिक होने की वजह से निम्न मध्यम वर्ग, और मध्यम वर्ग इसे पूछता तक नहीं था। अब गोल्ड 63 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम है जबकि प्लेटिनम का भाव 23000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास चल रहे हैं। यानी प्लेटिनम गोल्ड के मुकाबले लगभग 30 फीसदी में ही मिल रहा है।


पिछले कुछ सालों का हिसाब देखा जाए, तो गोल्ड के भाव तेजी से बढ़े हैं, प्लेटिनम की कीमत में उछाल तो नहीं आया, बल्कि वह तो और भी नीचे उतर गया है तथा डायमंड में भी कोई खास उंचे भाव देखने को नहीं मिले हैं। बीते पांच से सात वर्षों से प्लेटिनम का भाव सीमित दायरे में है। इसमें अधिक तेजी नहीं, बल्कि कमी आई है जबकि गोल्ड बीते तीन वर्षों में ही लगभग दोगुने स्तर पर पहुंच गया है। गोल्ड की कीमतों में भारी वृद्धि होने और प्लेटिनम के भाव नीचे रहने से सामान्य लोगों की दिलचस्पी प्लेटिनम ज्वेलरी में बढ़ी है। आजकल तो विवाह की खरीदी में भी ग्राहक प्लेटिनम को तरजीह दे रहे हैं, तो डायमंड ज्वेलरी की मांग भी बढ़ी है। डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी दोनों में खास तौर पर अंगूठी, इयररिंग व नेकलेस जैसी ज्वेलरी की अच्छी मांग लग्न के दौरान देखी जा रही है।

उम्मीद यह भी लग्न के बाद भी सामान्य लोग भी प्लेटिनम के आभूषणों को पसंद करेंगे। डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी विक्रेताओं के अनुसार इन दोनों की ज्वेलरी की कुल खरीदारी में अब प्लेटिनम की हिस्सेदारी बढक़र 10 फीसद तक पहुंच गई है, तो डायमंड ज्वेलरी का हिस्सा 25 फीसदी तक पहुंच गया है। पिछले कुछ सालों से युवा प्लेटिनम में दिलचस्पी लेने लगे हैं , इसका कारण यह भी हो सकता है कि प्लैटिनम पहले सोने से महंगा था, लेकिन अब सस्ता हो गई है और प्लैटिनम में अलग ही तरह की रॉयल चमक होती है । डायमंड के साथ प्लैटिनम धातु का उपयोग भारी मात्रा में हो रहा है। हो सकता है कुछ दशकों में प्लैटिनम भी, डायमंड व गोल्ड की तरह ही एक लोकप्रिय आभूषण के रूप में उभरकर सामने आए।








प्लेटिनम ज्वेलरी के साथ ही डायमंड ज्वेलरी की खास बात यह है कि वह सामान्य लोगों के बजाय हाई क्लास को लुभाती है। पिछले कुछ सालों में डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी दोनों की सेल में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

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डायमंड व प्लेटिनम ज्वेलरी की रिटर्न वैल्यू को लेकर सामान्य वर्ग में काफी संकोच है। फिर भी युवा पीढ़ी अपने जीवन साथी या मित्र के लिए डायमंड ज्वेलरी और प्लेटिनम ज्वेलरी दोनों को काफी पसंद करने लगी है, यह स्पष्ट तौर पर दिख रहा है।

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हमारी संस्कृति में गोल्ड ज्वेलरी का एक अलग ही स्थान है, शादी विवाह में गोल्ड ज्वेलरी देने की परंपरा है, मगर आजकल डायमंड ज्वेलरी का चलन तो बढ़ा ही है, प्लैटिनम ज्वेलरी भी लोग पहले से ज्यादा खरीदने लगे हैं।


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