top of page
  • Aabhushan Times

एंटीक ज्वेलरी का इतिहास भी एंटीक हैएंटीक अर्थात काफी पुराना












नया जमाना है और नए जमाने की नई महिलाओं की पसंद  एंटीक ज्वेलरी है, इसीलिए ज्वेलरी के बाजार में जमाना एंटीक ज्वेलरी का है। एंटीक ज्वेलरी को विंटेज ज्वेलरी के नाम से भी जाना जाता है। दोनों अंग्रेजी शब्द है और दोनों का अर्थ एक ही है - पुरातन। विंटेज और एंटीक दो ऐसे शब्द हैं जिनका उपयोग अब पुरातन यानी परंपरागत राजसी वैभव प्रदर्शित करने वाली ज्वेलरी का वर्णन करने के लिए किया जाता है। एंटीक शब्द का प्रयोग किसी निश्चित समयावधि को इंगित करने के लिए किया जाता है। यदि कोई ज्वेलरी 100 वर्ष से अधिक पुरानी है तो उसे एंटीक माना जाना चाहिए। जैसे-जैसे आभूषण 100 साल की उम्र पार करते हैं, इसे तकनीकी रूप से एंटीक के रूप में रखा जाता है, लेकिन जैसा कि वक्त के साथ परिभाषाएं भी बदलती है और डिमांड के हिसाब से परंपराएं भी बदलती है, तो जैसे जैसे एंटिक ज्वेलरी की डिमांड बढ़ रही है, तो उसके निर्माता ज्वेलरी तो नई बनाते हैं, मगर उसके डिजाइंस बेहद पुरातन यानी एंटीक होते हैं। वास्तविक एंटीक चीजें बेहद कम उपलब्ध होने के कारण, बहुत मूल्यवान हो जाती हैं। एंटीक ज्वेलरी इसी कारण से आम ज्वेलरी से कुछ ज्यादा महंगी होती है। मुंबई आजकल एंटीक ज्वेलरी का हब बनता जा रहा है। वैसे तो जयपुर, हैदराबाद, अमृतसर, लखनऊ, राजकोट आदि भी एंटीक ज्वेलरी के सेंटर हैं, मगर मुंबई भारत की आर्थीक राजधानी होने के कारण यहां का बाजार भी बहुत बड़ा है, तो य़हीं पर ज्वेलर्स भी बहुत ज्यादा है, जो आजकल देश भर में एंटीक ज्वेलरी के मामले में अपने क्रियेशंस से नाम कमा रहे हैं।


एंटीक ज्वेलरी एक खास किस्म की परंपरागत डिजाइंस की ज्वेलरी हैं जो वक्त के साथ और भी बेहतर होती जाती हैं। अब जमाना है, एंटीक ज्वेलरी का, जिसे हर युवती पसंद करती है, हर दुल्हन पसंद करती है और हर महिला खरीदना चाहती है। एंटीक ज्वेलरी आश्चर्यजनक रूप से पसंद की जाने वाली प्राचीन ज्वेलरी की एक ऐसी रैंज है, जो उसे पहनने वाली महिला को परंपरागत राजसी वैभव का आभास कराती है और स्वयं के ग्रेट होने का फील देती है। 


एंटीक ज्वेलरी उन ज्वेलरी आइटम्स को कहा जाता है, जो लगभग 100 वर्ष से अधिक पुरानी होती हैं और जो मानव सभ्यता के विकास के साथ चली आ रही होती हैं। दरअसल, एंटीक का अर्थ है पुरातन अर्थात पुरानी। परंपरागत रूप से पहने जाने वाली ज्वेलरी ही एंटीक ज्वेलरी कहलाई हैं। लेकिन आधुनिक समय में भी एंटीक ज्वेलरी का चलन बहुत तेजी से भढ़ता जा रहा है। इसकी वजह है उनकी अत्याधुनिक कारीगरी और उच्च गुणवत्ता वाले रत्नों के साथ-साथ उनका रस्टी लुक, जिसे हर वर्ग में बहुत पसंद किया जाता है। एंटीक ज्वलेरी में रत्नों को अलंकृत करने के लिए चमकदार माणिक, पन्ने, नीलम और क्रिस्टल क्लीयर हीरे जैसे कीमती स्टोन्स को गोल्ड या सिल्वर में जड़ा जाता है। इसके अलावा, पुखराज, टूमलाइन और एक्वामरीन जैसे स्टोन्स को भी ज्वेलरी में जोड़ा जाता है। जैसा कि ज्वेलरी के पुराने कलेक्शंस से पता चलता है एंटीक ज्वेलरी का इतिहास भी एंटीक है, एंटीक अर्थात काफी पुराना है और इस खूबसूरत ज्वेलरी रैंज को पसंद करने वाला एक खास वर्ग है, जो हैवी ज्वेलरी का कायल है।  राजा महाराज और रानियां तो एंटिक ज्वेलरी पहनते रहे हैं, लेकिन नए जमाने में नई पीढ़ी के महिलाए भी ज्वेलरी के मामलें में एंटीक ज्वेलरी को बहुत ज्यादा पसंद करने लगी है।


एंटीक ज्वेलरी उसे कहा जाता है, जो परंपरागत राजा महाराजाओं के जमाने की ज्वेलरी होती है, लेकिन आजकल वैसी ही बनाई जानेवाली ज्वेलरी का चलन बहुत बढ़ गया है। भारत में जयपुरी, हैदराबादी, लखनवी, अमृतसरी, राजकोट और ऐसे ही कई राजघरानों से जुड़ी ज्वेलरी को एंटीक ज्वेलरी के रूप में जाना जाता है। विदेशी एंटीक ज्वेलरी के मामले में जॉर्जियन, विक्टोरियन, एडवार्डियन और आर्ट नोव्यू ज्वेलरी को भी एंटीक ज्वेलरी की श्रेणी में रखा जाता हैं। आम तौर पर आजकल विभिन्न समारोहों में, या किसी शादी या अन्य फंक्शन में एंटीक नेकलेस सबसे ज्यादा चलन में देखे जाते हैं। हैवी बनारसी या दक्षिण भारतीय साडियों या राजस्थानी लहंगा चोली पर इस तरह के एंटीक नेकलेस बेहद खूबसूरत लगते है।


एंटीक ज्वेलरी नई स्टाइल के साथ नया लुक देती है और किसी से भी मुकाबले वह ज्यादा अच्छी लगती है। जो महिलाएं कभी हेवी और नॉन डिजाइनर गोल्ड को लेकर दीवानी दिखती थीं, ज्वेलरी के मामले में अब उनका नजरिया बदलने लगा है। अब वे एंटीक और डिजाइनर गोल्ड ज्वेलरी को लेकर ज्यादा क्रेजी हो रही हैं। बाजार में इसी कारण बेहद नई नई किस्म की एंटीक ज्वेलरी बन रही है तो साथ साथ बाजार पर एंटीक ज्वेलरी में नए नए डिजाइंस का  प्रेशर भी बढ़ रहा है। आजकल एंटीक गोल्ड प्लेटेड ब्रास मंगलसूत्र भी महिलाओं के लिए और नए विवाहिता के लिए लंबे मंगलसूत्र भी एंटीक डिजांइन में पसंद किए जा रहे हैं।


मुंबई ज्वेलरी का भारत में सबसे बड़ा सेंटर है, और अब यहां के ज्वेलर्स भी पब्लिक की डिमांड के हिसाब से एंटिक ज्वेलरी बनाने लगे हैं।  कई ज्वेलर्स तो स्पेशली एंटीक ज्वेलरी के बाजार में ही अपनी पहचान बनाने में जुटे हैं, जिसमें वे सफल भी होते जा रहे हैं। मुंबई के ज्वेलर्स जानते हैं कि प्राचीन या परंपरागत दिखने वाली पुरानी ज्वेलरी को आजकल एंटीक ज्वेलरी मान लिया जा रहा है, इसी कारण इसकी दुर्लभ उपलब्धता, उसका शानदार पुरातन शिल्प कौशल, पौराणिक लुक की वजह से उसका ऐतिहासिक महत्व और खास मौके पर उसके उपयोग की जाने वाली महत्ता में ही इसकी मूल्य में निहित है। ये एंटीक ज्वेलरी पीस अक्सर पहनने वाले के बारे में एक अनूठी कहानी कहने की क्षमता रखते हैं और इसके उपभोक्ताओं का उत्साह उन्हें खास बनाता हैं। चाहे वह जयपुरी जड़ाऊ हार हो या जटिल रूप से डिजाइन किया गया विक्टोरियन ब्रोच, एंटीक ज्वेलरी में सबको अपनी तरफ खींचवने की ताकत होती है, तो खुले बाजार में पर्याप्त कीमत दिलाने की क्षमता होती है। ज्वेलर जानते हैं कि एंटीक ज्वेलरी की, उम्र, स्थिति और संरचना के साथ-साथ उसके पसंदीदी ग्राहकों की लेए उसकी उपलब्धता भी मौजूदा बाजार रुझान पर आधारित है, इसी वजह से वे बाजार के रूझान को बी बनाए रखने की कोशिश में हर बार हर सप्ताह नया कलेक्शंस उतारते रहते हैं।


For more Updates Do follow us on Social Media

Facebook Page-https://www.facebook.com/aabhushantimes

Instagram Page-https://www.instagram.com/aabhushantimes

Top Stories

bottom of page