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ज्वेलरी एग्जिबिशन की सफलता का सवाल























एग्जिबिशन किसी भी बिजनेस को बढ़ाने का आधुनिक तरीका है, जिससे एक ही छत के नीतचे हर स्तर के व्यापारी परस्पर मिलते हैं, अपने आइडिया का आदान प्रदान करते हैं तथा व्यापार को बढ़ाने तथा विकसित करने के तरीके तलाशते हैं। हर बार हर तरह की एग्जिबिशन किसी न किसी तरीके से बिजनेस को एक खास तरह से आगे बढ़ाने में कामयाब होती रही है, तो व्यापारियों को खुसी महसूस होती है। खासकर ज्वेलरी बिजनेस में तो एग्जिबिशन का बहुत बड़ा महत्व है। आज भारत का ज्वेलरी के मामले में ये जो दुनिया भर में डंका बज रहा है, वह ज्वेलरी  की ही देन है। लेकिन कहते हैं कि वक्त कभी एक सा नहीं रहता, तो फिर हर एग्जिबिशन  भरपूर सफल ही रहे, यह कैसे संभव है। अत: कभी कभार कोई एग्जिबिशन अगर अपने मकसद में कम सफल भी रहे, या उम्मीदों पर खरी नहीं उतरे, तो बिजनेस से जुड़े लोगों में मायूसी का आना स्वाभाविक तो है, लेकिन जरूरी नहीं कि उस एग्जिबिशन के फेल होने से व्यापार खत्म हो जाएगा, या बिजनेस को बड़ा झटका लगेगा। दरअसल, जब किसी भी बिजनेस को हम व्यापक नजरिये से देखते हैं, तो उसमें कई छोटे छोटे तत्व भी शामिल होते हैं, उन्हीं छोटे छोटे तत्वों में एग्जिबिशन को भी गिना जा सकता है, जिसकी वजह से बाजार को मजबूती मिलती है। हाल ही में देश भर में कई ज्वेलरी एग्जिबिशन के आयोजन हुए, उनमें से कई जबरदस्त सफल रहे, तो कुछ को अपने आशा के अनुरूप सफलता अर्जित नहीं हो सकी। तो कोई जरूरी नहीं है कि हर बार हर आयोजन को जबरदस्त सफलता ही मिले।


दरअसल किसी भी आयोजन की सफलता को विभिन्न तत्व प्रभावित करते हैं, उनमें से कोई एक तत्व भी कमजोर हो जाए, तो उस आयोजन को आशातीत सफलता अर्जित करने में कठिनाईयां आती हैं। किसी भी ज्वेलरी एग्जिबिशन की सफलता में बाजार के हालात, मौसम, सरकार एजेंसियों का सहयोग - असहयोग, दश के आर्थिक हालात और गोल्ड व सिल्वर के रेट्स में तेजी मंदी सहित बाजार की डिमांड पर निर्भर करती है। जैसे कभी किसी ज्वेलरी एग्जिबिशन के दौरान सरकारी एजेंसियों ने बाधा पैदा कर दी, तो वह ज्वेलरी एग्जिबिशन फेल हो सकती है। किसी ज्वेलरी एग्जिबिशन के दौरान बारिश का दौर कुछ ज्यादा ही तेज हो गया, तो भी वह ज्वेलरी एग्जिबिशन असफल हो जाती है। गोल्ड व सिल्वर के रेट धड़ाम से नीचे गिर गए तो उस ज्वेलरी एग्जिबिशन की सफलता अटक जाती है और कभी कभी मौसन भी दगा दे जाता है। अकसर हमने देखा है कि छोटी छोटी या नई कंपनियों की ज्वेलरी एग्जिबिशन में जीएसटी के अधिकारी भी परेशान करते रहते हैं। उस वजह से भी ज्वेलरी एग्जिबिशन का माहौल खराब हो जाता है। इसके अलावा एक जो सबसे बड़ा कारण होता है, वह है  एक साथ कई सारी ज्वेलरी एग्जिबिशन के आयोजन। तो, आखिर ज्वेलर कहां कहां जाए, तथा जाए तो क्य़ों जाए, यह उनके सामने सबसे बड़ा सवाल पैदा हो जाता है।


पिछले कई वर्षों से ज्वेलर्स देखते आ रहे हैं कि  ज्वेलरी एग्जिबिशन और ट्रेड शो अपने बिजनेस को विकसित करने के रोमांचक कार्यक्रम होते हैं जो ज्वेलरी सहित किसी भी व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए व्यापक अवसर प्रदान करते हैं। प्रत्येक ज्वेलरी एग्जिबिशन सैकड़ों कंपनियों को एक ही छत के नीचे लाती है, जिससे यह एक विशाल वैश्वीक स्तर का व्यापार के विकास का कार्यक्रम बन जाता है। भारत और चीन जैसे देशों में साल भर बड़ी संख्या में ज्वेलरी एग्जिबिशन होती हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार हर किसी को जबरदस्त सफलता ही मिले। कभी किसी को अल्प, तो कभी किसी के कम सफलता भी मिल सकती है। यह सब बाजार के हालात पर निर्भर करता है। लेकिन खास तौर से तब, जब एक साथ कई सारे ज्वेलरी एग्जिबिशन के आयोजन हो रहे हों, और गोल्ड व सिल्वर के रेट्स भी तेजी पकडऩे लगें, तो किसी भी ज्वेलरी एग्जिबिशन की जबरदस्त सफलता के सपने देखना दुखद हो सकता है। यही कारण हो सकता है कि हाल ही में आयोजित हुई कई सारी ज्वेलरी एग्जिबिशन में से किसी ज्वेलरी एग्जिबिशन को कम सफलता मिली, तो किसी ज्वेलरी एग्जिबिशन को ज्वेलर्स की उपस्थिति की वजह से अच्छी सफलता अर्जित हुई। किसी ज्वेलरी एग्जिबिशन के आयोजकों की आशाओं पर पानी फिर गया, तो कहीं पर गोल्ड व सिल्वर के रेट्स अचानक बढऩे से ज्वेलरी एग्जिबिशन की सफलता पर सवाल उठने लगे, जो कि सही नहीं है। किसी भी कारण से ज्वेलरी एग्जिबिशन की सफलता पर असर हो सकता है, अत: हाल ही में हुई ज्वेलरी एग्जिबिशन की लंबी श्रंखला पर सवालों के निशान वाजिब नहीं कहे जा सकते हैं।


ज्वेलरी एग्जिबिशन व्यापारिक जगत पर कई प्रकार के प्रभाव डालते हैं, और यह निर्भर करता है कि व्यापारी इसे किस प्रकार से उपयोग करते हैं और उनका लक्ष्य क्या है। अगर कुछ मुख्य प्रभावों की बात की जाए, तो मार्केटिंग और प्रमोशन, प्रोडक्टस, बाजार के हालात, नेटवर्किंग, प्रचार और खरीदी का माहौल जैसे तत्व एक ज्वेलरी एग्जिबिशन के व्यापारिक हालात को सुधारने मं सफल  होते हैं।  मार्केटिग का तत्व भी इस में सबसे जरूरी है। ज्वेलरी को मार्केट में प्रमोट करने का एक अच्छा माध्यम ज्वेलरी एग्जिबिशन ही होते है। ज्वेलरी एग्जिबिशन की यह विशेषता ज्वेलर्स के विभिन्न उत्पादों को नई और विशिष्ट ग्राहकों के सामने प्रस्तुत करने का एक अवसर प्रदान करता है। एक ज्वेलरी एग्जिबिशन व्यापारिक ग्राहकों को नई डिज़ाइन, शैली और क्लासिक उत्पादों का एक अद्वितीय संग्रह प्रदर्शित करता है। यह उत्पादों की आकर्षण बढ़ाने में मदद कर सकता है और ग्राहकों को विभिन्न विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है। एक ज्वेलरी एग्जिबिशन बाजार की रुचि और दिशा को समझने में मदद कर सकता है। यह व्यापारियों को उनके उत्पादों की प्रस्तुति, मान्यता, और बाजार में स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है। एक ज्वेलरी एग्जिबिशन व्यापारी और डिज़ाइनरों के बीच नेटवर्किंग का अच्छा माध्यम होता है। यह नए संबंध बनाने और व्यापार के लिए नए अवसरों का पता लगाने में मदद कर सकता है। ज्वेलरी एग्जिबिशन व्यापार के लिए विज्ञापन और प्रचार का अच्छा माध्यम बन सकता है। यह व्यापार को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है और विशिष्ट उत्पादों की प्रमोशन कर सकता है। इन प्रभावों के संयोजन से, ज्वेलरी एग्जिबिशन व्यापार को उत्कृष्टता और सफलता की दिशा में मदद मिल सकती है। यह ज्वेलरी के व्यापारियों को विभिन्न अवसरों की पहचान करने और उन्हें विकसित करने में मदद कर सकता है।


ज्वेलरी मार्केट ने कोविड जैसे खराब हालात में व्यापारिक बरबादी का दौर भी देखा है और कुछ साल पहले बारिश की वजह से पूरी ज्वेलरी एग्जिबिशन के बंद हो जाने की तकलीफ भी झेली है। ऐसे में हाल ही में हुई विभिन्न ज्वेलरी एग्जिबिशन की सफलता - असफलता पर चिंतन करना जरूरी है। मगर, ज्वेलरी एग्जिबिशन के आयोजकों को बाजार को यह समझाना भी होगा कि व्यापारिक हालात में हताशा का माहौल अत्यधिक तनावपूर्ण और निराशाजनक हो सकता है। यह माहौल किसी भी व्यापारिक समुदाय के सदस्यों को अस्थिरता महसूस करा सकता है, जो उनकी उत्साहपूर्णता को कम कर सकता है और उन्हें आगे बढऩे की प्रेरणा से वंचित कर सकता है। लेकिन एक साथ कई सारे ज्वेलरी एग्जिबिशन हों और गोल्ड व सिल्वर के रेट्स भी तेजी पकडक़र आसमान पर चढ़ बैठे हों, तो ग्राहकी के कम होने की वजह से व्यापारिक जगत में हताशा का माहौल संभव हो सकता है। मगर, ज्वेलर्स को इस बात पर भी संतोष है कि कम से कम गोल्ड व सिल्वर के रेट्स तो बढ़ ही रहे हैं। स्टॉक की कमाई में तो कोई नुकसान नहीं है। हाल ही में संपन्न कई ज्वेलरी एग्जिबिशन की असफलता के कारण गोल्ड व सिल्वर के बढ़ते रेट्स में ही निहित है, इसलिए ज्लवेलर्स को चिंता करने की जरूरत नहीं है। केवल आयोजन में सहभागिता के खर्च को अलावा तो कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।


वैसे भी व्यापारिक हालात में हताशा के माहौल से निपटने के लिए, अच्छे नेतृत्व, मजबूत समर्थन, और विश्वास की आवश्यकता होती है। सही दिशा और उत्साह के साथ काम करके, व्यापारिक समुदाय बाहरी चुनौतियों का सामना कर सकता है और सफलता की दिशा में आगे बढ़ सकता है। आज के दौर में देखें, तो भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूती पकड़ रही है, गोल्ड व सिल्वर दोनो भी मजबूत हो रहे हैं तथा व्यापारियों का स्वयं के प्रति विश्वास भी मजबूत है, फिर प्रधानमंत्री के नाते नरेन्द्र मोदी में देश का नेतृत्व व ज्वेलरी बिजनेस में भी अच्छे नेतृत्व का साथ है,  गोल्ड व सिल्वर के रेट्स की मजबूती का भी लगातार मजबूत समर्थन मिल रहा है, और सबका विश्वास यही है कि व्यापार तो बढ़ेगा और जब तक जीवन रहेगा, मानव को सजने संवरने तथा संपत्ति के रूप में सहेजने सहित व जीवन में भविष्य की चिंता को मिटाने के लिए गोल्ड व सिल्वर ज्वेलरी की जरूरत दुनिया में हर किसी के लिए जिंदा रहेगी। अत: किसी को भी हाल ही देश भर में कई सारी ज्वेलरी एग्जिबिशन के एक साथ आयोजित होने के कारण उनमें से किसी के कम सफल, तो किसी के सफल होने से ज्वेलर्स को दुखी होने की जरूरत नहीं होनी चाहिए, क्योंकि जब कोविड के गंभीर और खतरनाक हालात में हर व्.यापार के बेहद खराब हो जाने के हालात में भी हमारे ज्वेलर बंधु नहीं घबराए, तो वर्तमान हालात में तो मामला केवल एग्जिबिशन के खर्चे का ही तो है, गोल्ड व सिल्वर के रेट तो आसमान छू ही रहे हैं, उनमें तो कोई नुकसान ही नहीं है।


ज्वेलर बहुत हिम्मतवाले होते हैं, वे कोरोना के भारी संकट के बावजूद बाजार में डटे रहे, व्यापार की हजार उलझनों के साथ जीते हुए भी हर हिम्मत के साथ बाजार में दम दिखाते रहे। फिर अब तो गोल्ड व सिल्वर के रेट्स भी बढ़ते जा रहे हैं, तो फिर ज्वेलरी एग्जिबिशन की सफलता का किस बात का सवाल और किस बात की चिंता।


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