गोल्ड और सिल्वर की नई उंचाई के बीच जीजेएस एग्जिबिशन से बाजार को सहारा
- Aabhushan Times
- Oct 8
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हाल ही में मुंबई के जियो इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित जेम एंड ज्वेलरी डॉमेस्टिक काउंसिल द्वारा आयोजित, जीजेएस ज्वेलरी शो इसकी ताजा मिसाल है। गोल्ड के 1 लाख 15 हजार प्रति 10 ग्राम के रेट, तथा सिल्वर के 1 लाख 30 हजार प्रति किलो के रेट्स के बीच भी इस शो को मिली सफलता ने यह साबित कर दिया कि ज्वेलरी एग्जिबिशन न केवल ज्वेलरी कारोबारियों और डिजाइनरों के लिए बिजनेस डेवलपमेंट के महत्वपूर्ण मंच हैं, बल्कि बाजार की दिशा और दशा तय करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
भारत में गोल्ड और सिल्वर सदियों से न केवल आभूषणों की शोभा रहे हैं, बल्कि आमजन के लिए सुरक्षित निवेश का प्रमुख साधन भी रहे हैं। समय बदलता गया, लेकिन इनकी महत्ता में कोई कमी नहीं आई। आज जब वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितता से गुजर रही है, तब गोल्ड और सिल्वर दोनों ही निवेशकों की पहली पसंद बने हुए हैं। ‘आभूषण टाइम्स’ बाजार पर नजर रखता रहा है, अत: हम देख रहे हैं कि हाल के दिनों में जिस तरह इन दोनों मेटल्स की कीमतों में लगातार वृद्धि दर्ज हो रही है, उसने ज्वेलरी बाजार को और भी सक्रिय बना दिया है। इसके साथ ही हाल ही में संपन्न जीजेएस जैसी महत्वपूर्ण ज्वेलरी एग्जिबिशन भी इस बिजनेस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहे हैं। आइए, ‘आभूषण टाइम्स’ के इस अंक में इस बार इन तीनों प्रमुख बिंदुओं के आधार पर इस बदलते परिदृश्य को समझें।
गोल्ड महंगा होता जा रहा है, लेकिन 1 लाख 15 हजार के पार भी गोल्ड की ग्राहकी में कोई कमी नहीं दिखाई देती। भारत जैसे देश में गोल्ड केवल आभूषण या शोभा का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह परंपरा, सामाजिक प्रतिष्ठा और सुरक्षित निवेश का पर्याय भी है। यही कारण है कि कीमतें चाहे कितनी भी ऊंची हों, ग्राहकों की खरीदारी का रुझान बना रहता है। आने वाले दिनों में गोल्ड और महंगा होने की संभावना लगभग तय मानी जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि दुनिया भर के देश अपने-अपने केंद्रीय बैंकों के जरिए गोल्ड की लगातार खरीदारी कर रहे हैं। डॉलर और अन्य करेंसियों की अस्थिरता के बीच गोल्ड ही एक ऐसा सुरक्षित विकल्प है, जो किसी भी संकट में स्थिरता प्रदान करता है। ‘आभूषण टाइम्स’ की मान्यता है कि यही वजह है कि गोल्ड आज भी पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में सबसे अहम भूमिका निभा रहा है।
गोल्ड के साथ-साथ सिल्वर भी तेजी की राह पर है। दरअसल, सिल्वर की उपयोगिता केवल ज्वेलरी तक सीमित नहीं है। आधुनिक तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल, मेडिकल उपकरण और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में सिल्वर की मांग तेजी से बढ़ रही है। खपत लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसके मुकाबले खनन की गति अपेक्षाकृत धीमी है। यही असंतुलन बाजार में सिल्वर के दामों को लगातार ऊपर धकेल रहा है। इंटरनेशनल मार्केट में भी सिल्वर की कीमतें चढ़ रही हैं। 'आभूषण टाइम्सÓ का मानना है कि आने वाले समय में यह सिलसिला थमेगा नहीं, बल्कि और गति पकड़ेगा। गोल्ड की तरह ही सिल्वर भी निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। भारत में परंपरागत रूप से सिल्वर का उपयोग होता रहा है, लेकिन अब इसके औद्योगिक उपयोगों ने इसे और भी बहुमूल्य बना दिया है। गोल्ड और सिल्वर की बढ़ती कीमतों और ग्राहकी के बीच ‘आभूषण टाइम्स’ का पक्का भरोसा है कि ज्वेलरी एग्जिबिशन भी इस ज्वेलरी इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयां दे रहे हैं। हाल ही में मुंबई के जियो इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित जेम एंड ज्वेलरी डॉमेस्टिक काउंसिल द्वारा आयोजित, जीजेएस ज्वेलरी शो इसकी ताजा मिसाल है। गोल्ड के 1 लाख 15 हजार प्रति 10 ग्राम के रेट, तथा सिल्वर के 1 लाख 30 हजार प्रति किलो के रेट्स के बीच भी इस शो को मिली सफलता ने यह साबित कर दिया कि ज्वेलरी एग्जिबिशन न केवल ज्वेलरी कारोबारियों और डिजाइनरों के लिए बिजनेस डेवलपमेंट के महत्वपूर्ण मंच हैं, बल्कि बाजार की दिशा और दशा तय करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। हमारा अपना शो के नाम से मशहूर जीजेएस में ‘आभूषण टाइम्स’ जीजेसी ने को सम्मानित करते हुए यह साबित कियटा है कि ज्वेलरी के इन एग्जिबिशन का असर केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका लाभ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखने को मिलता है। यहां पर ट्रेडर्स, निवेशक, डिजाइनर और ग्राहक एक साथ जुड़ते हैं। नई डिजाइनें, आधुनिक तकनीक और ट्रेडिंग के नए अवसर इस मंच पर सामने आते हैं, जिससे पूरे उद्योग को बढ़ावा मिलता है। गोल्ड, सिल्वर और डायमंड का बिजनेस इन एग्जिबिशन के कारण वैश्विक स्तर पर मजबूती से खड़ा है।
‘आभूषण टाइम्स’ गोल्ड और सिल्वर की बढ़ती कीमतों पर हमेशा से नजर रखता रहा है, तथा सकारात्मक टिप्पणियां करता रहा है। इन बढ़ती कीमतों ने जहां निवेशकों और ग्राहकों का ध्यान खींचा है, वहीं जीजेएस ज्वेलरी एग्जिबिशन ने इस व्यवसाय को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक की भूमिका निभा रही है। यह सच है कि आने वाले समय में गोल्ड और सिल्वर दोनों की कीमतें और बढ़ेंगी, लेकिन ग्राहकी पर इसका बहुत कम असर पड़ेगा। भारत जैसे देश में ज्वेलरी केवल विलासिता नहीं, बल्कि हमारी परंपरागत संस्कृति और जीवन का हिस्सा हैं।
ज्वेलरी उद्योग के लिए यह समय चुनौती और अवसर दोनों मानते हुए ‘आभूषण टाइम्स’ का यही कहना है कि जहां बढ़ती कीमतें ज्वेलरी के कारोबारियों और उनके ग्राहकों को सोचने पर मजबूर करती हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय एग्जिबिशन और नए अवसर इस उद्योग को और मजबूती देते हैं। यही कारण है कि गोल्ड-सिल्वर का यह चमकता कारोबार आने वाले समय में और अधिक प्रगति करने को तैयार है और ‘आभूषण टाइम्स’ इस प्रगति के हर सफर में आपके साथ है।










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