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गोल्ड में बहार, तेजी 76 हजार के पारअमेरिकी अर्थव्यवस्था में संकट, तो बढ़ता रहेगा गोल्ड









गोल्ड लगातार बढ़ता जा रहा है। थमने का नाम भी नहीं ले रहा। कोई भी नहीं कह सकता कि आगे कहां जाकर गोल्ड के रेट रुकेंगे। इंटरनेशनल लेवल पर जो हालात दिख रहे हैं, उनको देखकर आकलन किया जाए, तो गोल्ड के दाम अभी और लगातार बढ़ते जा सकते हैं.। माना जा रहा है कि साल 2025 तक गोल्ड के दाम और बढ़ते रहेंगे, तथा कोई आश्चर्य नहीं कि 1 लाख के पार भी पहुंच जाएं। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में संकट को भी भारतीय  बाज़ार में गोल्ड की क़ीमत बढऩे की वजह माना जा रहा है। अमेरिका में बेरोजग़ारी सूचकांक बहुत नीचे चला गया है। रियल एस्टेट सेक्टर में भी गिरावट आ रही है। शेयर बाज़ार में भी बढ़त की कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही है। महंगाई बढ़ रही है। इन सभी हालातों के तत्काल ठीक होने के आसार कम ही है, इन सबका असर अर्थव्यवस्था पर हो रहा है और इसी से गोल्ड के दाम प्रभावित हो रहे हैं। माना जा रहा है कि भारत में और भी कई कारणों से गोल्ड लगातार महंगा होता रहेगा। वैश्विक स्तर पर होने वाले राजनैतिक बदलावों का गोल्ड के दाम पर सीधा असर होता है और महंगाई का भी असर दिखता है। गोल्ड के दाम पर अमेरिका में चुनाव के नतीजे का भी सीधा असर हो सकता है। राजनैतिक बदलाव और महंगाई दोनों ही रुकने वाले नहीं है, ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है कि गोल्ड के दाम अभी और भी बढ़ेंगे। भारतीय समाज सहित दुनिया के अनेक देशों में गोल्ड सिफऱ् निवेश के लिए ही नहीं खऱीदा जाता बल्कि इसके सामाजिक और सांस्कृतिक कारण भी हैं। विवाह तथा विशेष आयोजनों में भी गोल्ड की अहम भूमिक रहती है। हाल के सालों में गोल्ड में निवेश करने का चलन बढ़ा है।


स्टॉक बाज़ार में हलचल और अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता की चिंताओं की वजह से कई बार निवेशक गोल्ड में निवेश को सुरक्षित मानते हैं।  लेकिन, हाल के समय में, गोल्ड के दाम भी लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसा कम ही होता है जब गोल्ड के दाम में मामूली गिरावट दिखाई दे। मगर, ऐसा होता भी है, तो कुछ ही दिन में गोल्ड फिर से आगे उठकर तेज भागने लगता है।  पिछले दिनों की बात की जाए, तो भारत में 24 कैरेट 10 ग्राम गोल्ड की क़ीमत 76 हज़ार के ऊपर चली गई जबकि इसका किसी को अंदाजा नहीं था। 

सामान्य तौर पर भारत में गोल्ड के महंगा होने के कई कारण हो सकते हैं। जब आर्थिक अस्थिरता होती है, लोग अपनी निवेश सुरक्षा के लिए गोल्ड की ओर बढ़ते हैं, जिससे उसकी मांग बढ़ती है और इसके कीमतें बढ़ सकती हैं। भारत में, गोल्ड को धार्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक संदर्भों में महत्व दिया जाता है, जिससे इसकी मांग बनी रहती है। भारत में शादियों और उत्सवों में गोल्ड की मांग हमेशा बनी रहती है, जिससे इसका मूल्य बढ़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय घटनाएं जैसे कि राजनीतिक संधि या संघर्ष, आर्थिक संकट आदि भी गोल्ड की कीमतों पर प्रभाव डाल सकते हैं। अधिकांश लोग अपनी निवेश सुरक्षा के लिए गोल्ड को एक सुरक्षित निवेश साधन मानते हैं, खासकर जब अन्य निवेश विकल्पों में अस्थिरता होती है। गोल्ड के बाजार में संतुलन की कमी या आकस्मिक घटनाएं भी इसकी कीमतों में विस्तार का कारण बन सकती हैं। ताजा हालात में न केवल भारत में, बल्कि दुनिया के सभी देशों सहित खास चतौर पर अमेरिका और इंग्लैंड में ये सभी स्थितियां बराबर बढ़ती जा रही हैं। इन सभी कारणों के संयोजन से गोल्ड की कीमतें बदल सकती हैं।  भारत में निवेश सलाहकार भी केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बढ़ रही महंगाई को गोल्ड के दामों आ रही तेज़ी की मुख्य वजह मानते हैं।


वल्र्ड गोल्ड काउंसिल की हाल ही में जारी एक रिपोर्ट पर छिड़ी बहस का आंकलन किया जाए, तो  गोल्ड के दामों में आ रही तेज़ी की मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में हो रहे बदलाव हैं। जानकार बताते हैं कि लंदन बुलियन मार्केट से दुनिया भर में गोल्ड के दाम तय होते हैं। लंदन बुलियन मार्केट ही दुनिया में गोल्ड के लेनदेन का प्रीमियर प्लेटफार्म है। दुनिया में गोल्ड का खनन करने वाले बड़े कारोबारी और उद्योगपति लंदन बुलियन मार्केट से जुड़े हैं। अब इस बाज़ार में गोल्ड के दाम ऊपर जा रहे हैं, जिसका असर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में गोल्ड के दामों पर दिख रहा है। डॉलर के मुक़ाबले रुपये की क़ीमत में आ रही गिरावट भी गोल्ड का दाम बढऩे की वजह है। इस समय भारत में रुपये की कीमतें डॉलर के मुक़ाबले 84 रुपये से अधिक है। भारत सालाना लगभग 800 टन सोने का आयात करता है। भारत स्विटजऱलैंड, दक्षिण अफ्ऱीका और दुबई जैसी जगहों से गोल्ड का सर्वाधिक आयात करता है, जिसके बदले हमें कीमत डॉलर में चुकानी पड़ती है,। अत: ड़ॉलर बढ़ेगा, तो गोल्ड महंगा ही होगा।


गोल्ड के इंटरनेशनल मार्केट के जानकारों की राय में इसके अलावा और भी कई कारण हैं जिनकी वजह से गोल्ड के दाम प्रभावित हो रहे हैं। लगातार महंगाई बढऩे की वजह से अमेरिका की हालत लगातार खराब होती जा रही है, वहीं पर बेरोजग़ारी बढ़ रही है। व्यापार टूटते जा रहे हैं और रियल एस्टेट  में भी मंदी आ रही है। शेयर बाज़ार में कमाई कम होती जा रही है है। दुनिया के सबसे धनी देश की आर्थिक हालत लगातार पतली होने के कारण वहां पर गल्ड को महंगा किये जाने के अलावा कोई चारा ही नहीं है। इंपोर्ट ड्यूटी और वैश्विक स्तर पर युद्ध की स्थितियों ने भी गोल्ड के दामों को प्रभावित किया है। इन सभी हालातों के तत्काल ठीक होने के आसार कम ही है, इन सबका असर अर्थव्यवस्था पर हो रहा है और इसी से गोल्ड के दाम प्रभावित हो रहे हैं। माना जा रहा है कि भारत में और भी कई कारणों से गोल्ड लगातार महंगा होता रहेगा। अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व ने कहा है कि वो ब्याज़ दर बढ़ाएगा।


हालांकि बहुत से लोगों ने उम्मीद की थी कि फ़ेडरल रिज़र्व रेट कम कर सकता है। जून में फ़ेडरल रिज़र्व के ब्याज़ दर को लेकर फ़ैसले का इंतज़ार है। अमेरिका में चुनाव का समय है। उस वजह से भी माना जा रहा है कि साल 2025 तक गोल्ड के दाम और बढ़ते रहेंगे। खास बात यह है कि भारतीय समाज में पैसा ही आवक पिछले कुछ सालों में बेहद तेजी से बढ़ी है। इसी कारण देखने में आयी है कि भारत में लोग बड़ी तादाद में गोल्ड खऱीद रहे हैं। खास तौर पर निवेश के बदले हुए रूप में गोल्ड ही निवेश का कारण बनता जा रहा है, जो कि बड़ी मुनाफा दे रहा है। उदाहरण को तौर पर वित्त मार्केट के जानकार लोग बताते हैं कि आप बैंक में पैसा जमा करते हैं तब ब्याज़ दर कम मिलती है। इसलिए बहुत से लोग गोल्ड में निवेश करते हैं। इस वजह से भी बाज़ार में गोल्ड की मांग बढ़ रही है।  अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व की जनवरी में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अमेरिका में महंगाई दर 3.1 प्रतिशत है, जो कि अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व के 2 प्रतिशत के लक्ष्य से काफ़ी अधिक है। ये भी गोल्ड के दाम बढऩे की एक बड़ी वजह है। लेकिन इस सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि गोल्ड के दाम बेहद तेजी से बढऩे के बावजूद लोग गोल्ड में निवेश करने के इच्छुक क्यों हैं? वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के सलाहकरा बताते हैं कि भारत सहित दुनिया के लगभग सभी देशों के सामान्य लोग गोल्ड में ही सुरक्षित निवेश का विकल्प देख रहे हैं।


हालांकि, भारत सहित लगभग सभी देशों में  गोल्ड को ही सर्वाधिक सुरक्षित निवेश माना जाता है, फिर भारत समेत एशियाई देशों में तो गोल्ड को पूंजी के रूप में भी देखा जाता है। इसीलिए गोल्ड चाहे कितना भी महेगा हो जाए, इसकी खरीदी रुकती नहीं है। भले ही कुछ दिनों के लिए थम जाए, लेकिन फिर से खरीदी तेजी पकडक़र आगे बढ़ जाती है। सन 2014 में गोल्ड के रेट्स 25 हजार के आसपास थे, लेकिन 2024 में ये सीधे तीन गुना से भी आगे निकलकर 76 हजार का आंकड़ा पार कर गए हैं। इसी तरह से अगर बीते 20 सालों के इतिहास को खंगाला जाए, तो गोल्ड के दाम कभी भी कम नहीं रहे हैं।  इसकी एक वजह तो, ये है कि गोल्ड की मांग भी बाज़ार में बढ़ी है, दूसरी बात ये है कि लोगों का गोल्ड के प्रति लगाव भी बढ़ा है, क्योंकि यही एकमात्र सुरक्षित निवेश है। ऐसे में गोल्ड के हर हाल में अगले दो साल में ही 1 लाख के पार करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।


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अक्सर आर्थिक संकट के समय लोग गोल्ड में निवेश करने की प्राथमिकता देते हैं, जिससे गोल्ड की मांग बढ़ जाती है और इसकी कीमतें बढ़ती हैं। लोग गोल्ड को एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं, जिससे इसकी मांग बढ़ती है और कीमतें बढ़ सकती हैं।

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इंटरनेशनल लेवल पर गोल्ड लगातार बढ़ता रहेगा। गोल्ड की कीमतें विभिन्न मुद्राओं की कमजोरी से प्रभावित होती हैं। जब किसी मुद्रा की मजबूती कम होती है, तो लोग गोल्ड को एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं, गोल्ड इसीलिए महंगा होता रहेगा।

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गोल्ड महंगा होता जा रहा है क्योंकि एक स्थिर और विश्वसनीय अर्थव्यवस्था गोल्ड की कीमतों को संभालने में मदद कर सकती है, जबकि अशांति या अस्थिरता की स्थिति में लोग गोल्ड में निवेश करते हैं और इससे कीमतें बढ़ सकती हैं।

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कई बार दुनिया भर की रिज़र्व बैंकें गोल्ड की आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए निर्धारित नीतियों को अपनाते हैं, जिससे संसार के लगभग हर देश में गोल्ड की कीमतों में बढ़ोतरी होती हैं। महंगाई बढ़ रही है, तो गोल्ड भी महंगा होता ही रहेगा।


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