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चुनाव के बाद सोने पर टूटेंगे लोग900 टन पहुंच सकती है इस साल डिमांड

चुनाव के बाद सोने की मांग बढऩे के आसार हैं। इस साल पीली धातु की डिमांड 900 टन तक पहुंच सकती है। यह अनुमान वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने जाहिर किया है। भारत अपनी सोने की जरूरत को पूरा करने के लिए कई देशों से आयात करता है। इनमें स्विट्जलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और घाना जैसे देश शामिल हैं। पिछले कुछ सालों में गोल्ड डिमांड नरम रही है।


नई दिल्ली। भारत में सोने की मांग इस साल 900 टन तक पहुंचने की उम्मीद है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल ने यह अनुमान जाहिर किया है। 2023 में भारत में सोने की मांग 745.7 टन थी। यह इसके पिछले साल से 3 फीसदी कम थी। उस दौरान सोने की कीमतों में रिकॉर्ड ऊंचाई के कारण मांग में कमी आई थी। हालांकि, वल्र्ड गोल्ड काउंसिल का अनुमान है कि 2024 में भारत में सोने की मांग बढक़र 800-900 टन हो जाएगी। यह बढ़ोतरी मजबूत आर्थिक विकास और ज्यादा इनकम के कारण होने की उम्मीद है।


ङ्खत्रष्ट में प्रबंध निदेशक (भारत), सोमासुंदरम पी.आर. ने कहा कि साल के दूसरे भाग में सोने की खरीद में तेजी आने का अनुमान है। ऐसा अच्छे मानसून के कारण होने की संभावना है। इससे पीली धातु की मांग में बढ़ोतरी होगी। सोमासुंदरम ने यह भी कहा कि आम चुनावों के बाद सोने की मांग बढऩे की उम्मीद है। कारण है कि लोगों के पास ज्यादा डिस्पोजेबल इनकम होगी। सोना आयात करने वाले प्रमुख देश के रूप में भारत अपनी आपूर्ति के लिए स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, पेरू और घाना जैसे देशों पर निर्भर करता है। सोमासुंदरम ने कहा कि वैसे तो अभी सोने की मजबूत मांग है। लेकिन, लोग बड़ी खरीद करने से पहले कीमतों में स्थिरता का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कीमतों में गिरावट से मांग में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। 2023 में भू-राजनीतिक संकट, विकसित अर्थव्यवस्थाओं में धीमी ग्रोथ और ऊंची महंगाई दर के बीच केंद्रीय बैंकों की ओर से सख्त रुख अपनाने के कारण सोने की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। हालांकि, प्रमुख केंद्रीय बैंकों के साल के दूसरे भाग में दरों में कटौती करने की उम्मीद है। इससे सोने की मांग बढऩे की उम्मीद है। भारत में पिछले पांच साल के दौरान सोने की मांग नरम रही है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारतीय बैंकों को इसे और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने और बैंकों को व्यवसाय की एक महत्वपूर्ण पंक्ति प्रदान करने के लिए खुदरा सोने के क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके अलावा सोमासुंदरम ने सोने की रीसाइक्लिंग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की जरूरी हस्तक्षेप पर भी जोर दिया। उनका मानना है कि भारत में अभी रीसाइक्लिंग मार्केट में पारदर्शिता की कमी है। रीसाइक्लिंग मार्केट में सुधार करके भारत ज्यादा टिकाऊ गोल्ड इंडस्ट्री सुनिश्चित कर सकता है। कुल मिलाकर आर्थिक कारकों और संभावित नीतिगत परिवर्तनों के कारण आने वाले सालों में भारत में सोने की मांग बढऩे की उम्मीद है। हितधारक भारत में गोल्ड इंडस्ट्री के भविष्य के बारे में आशावादी हैं।



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