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जीजेएस ज्वेलरी एग्जिबिशन असली गेमचेंजरमहंगे गोल्ड व सिल्वर के बावजूद बाजार को मजबूती देने में सफल

  • Aabhushan Times
  • Oct 8
  • 6 min read
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ज्वेलरी इंडस्ट्री भारत की अर्थव्यवस्था और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। गोल्ड-सिल्वर और डायमंड न केवल ज्वेलरी की शोभा बढ़ाते हैं, बल्कि निवेश और परंपरा के भी मजबूत स्तंभ हैं। किंतु तेजी से बदलते बाजार में केवल गोल्ड व सिल्वर की कीमतें और परंपरागत मांग ही इंडस्ट्री को दिशा नहीं दे सकतीं। इसके लिए नए मंचों और अवसरों की आवश्यकता होती है। इसी क्रम में ज्वेलरी एग्जिबिशन इंडस्ट्री के लिए किसी वरदान से कम नहीं साबित हो रहे हैं। हाल ही में मुंबई के जियो इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में संपन्न हमारा अपना शो के नाम से मशहूर 'जीजेएस ज्वेलरी एग्जिबिशनÓ इसका ताजा उदाहरण है। जेम एंड ज्वेलरी डॉमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) द्वारा आयोजित इस भव्य आयोजन ने यह साबित कर दिया कि ऐसे ज्वेलरी शो न केवल कारोबार को नई दिशा देते हैं, बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय ज्वेलरी इंडस्ट्री की पहचान भी मजबूत करते हैं। जीजेएस हमारा अपना शो ने इस बार सिर्फ महत्वपूर्ण आयोजन होने का प्रमाण नहीं दिया, बल्कि यह दिखाया कि कैसे एक व्यवस्थित, तथ्य-आधारित, संवाद-प्रधान मंच ज्वेलरी इंडस्ट्री को टिकाऊ सफलता की ओर ले जा सकता है। लगभग 550 से ज्यादा स्टॉलों पर 20 लाख से ज्यादा ज्वेलरी डिज़ाइन, 400 से ज्यादा एग्जिबिटर्स, और तकरीबन 15 हजार विजिटर्स और 200 अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और 2000 हॉस्टेड बायर्स की भागीदारी के साथ, जीजेसी का यह शो गोल्ड व सिल्वर में महंगाई और ग्राहकी की चुनौतियों के बावजूद ज्वेलरी इंडस्ट्री के लिए उम्मीद की किरण बना है। मुंबई केबीसी स्थित जिओ वल्र्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित जीजेएस का यह आठवां एडिशन नए ज्वेलर्स और नई पीढ़ी के ज्वैलरी इंडस्ट्री के लोगों के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनता जा रहा है। महंगाई के इस दौर में जहां आम उपभोक्ता सोच-समझकर खर्च कर रहा है, वहीं ज्वेलरी एग्जिबिशन इंडस्ट्री के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खोल रहे हैं। जीजेएस ज्वेलरी शो ने इस धारणा को और मजबूत किया। गोल्ड-सिल्वर की कीमतें भले ही ऊंचाई पर हों, लेकिन खरीदारों का उत्साह कम नहीं हुआ। इस आयोजन की गूंज न केवल मुंबई या भारत तक सीमित रही, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार तक महसूस की गई। दुनिया के विभिन्न हिस्सों से कारोबारी और डिजाइनर इसमें शामिल हुए। इससे यह साफ है कि भारतीय ज्वेलरी बाजार की विश्वसनीयता और आकर्षण लगातार बढ़ रहा है। बढ़ती कीमतों के बीच भी ग्राहकी का यह उत्साह ज्वेलरी इंडस्ट्री के भविष्य की मजबूती का संकेत देता है।


जेम एंड ज्वेलरी डॉमेस्टिक काउंसिल पिछले 8 वर्षों से इस एग्जिबिशन को लगातार आयोजित कर रही है। जीजेसी ने अपनी वेबसाइट पर जीजेएस के इस आठवे एडिशन को ग्रैंड सक्सेस बताते हुए सभी का आभार जताया है। हमारा अपना शो नाम मात्र एक टैगलाइन नहीं, बल्कि ज्वेलरी इंडस्ट्री की भावनाओं का प्रतिबिंब है। यह आयोजन बाजार की नब्ज को समझने और भविष्य की दिशा तय करने का मंच बन चुका है। हर बार की तरह इस बार भी इस शो की उपयोगिता और सफलता ने यह साबित किया कि ऐसे आयोजन केवल प्रदर्शनी नहीं, बल्कि बाजार को मजबूती देने वाला छुपे रुस्तम हैं। इस तरह के ज्वेलरी एग्जिबिशन ज्वेलरी इंडस्ट्री की आंतरिक ताकत को उभारते हैं, कारोबारी संबंधों को मजबूत करते हैं और नई नीतियों व रणनीतियों को आकार देते हैं। आने वाले वर्षों में जीजेएस शो से इंडस्ट्री को और अधिक पारदर्शिता, आधुनिकता और वैश्विक स्वीकार्यता मिलेगी, यह तय है।


इस बार के जीजेएस ज्वेलरी एग्जिबिशन में सैकड़ों स्टॉल लगे। इनमें पारंपरिक भारतीय ज्वेलरी से लेकर आधुनिक डिजाइन, डायमंड-जडि़त ज्वेलरी से लेकर हल्की-फुल्की डेली वियर ज्वेलरी तक सबकी झलक देखने को मिली। सिल्वर और गोल्ड के नवीनतम कलेक्शन ने विशेष आकर्षण खींचा। दिलचस्प बात यह रही कि इस बार शो में भीड़ भले ही अपेक्षाकृत कम रही, फिर भी आयोजन को बेहद सफल माना गया। कारण यह कि कम लोगों की उपस्थिति ने हर खरीदार और कारोबारी को आराम से बातचीत और ज्वेलरी के परीक्षण और निरीक्षण के अवसर दिए। हर स्टॉल पर विजिटर्स ने पर्याप्त समय बिताया, डिजाइन पर गहन चर्चा हुई और डील्स ज्यादा पक्की हो सकीं। ये स्थिति स्पष्ट करती है कि सफलता भीड़ से नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण संवाद और सार्थक परिणामों से तय होती है। अक्सर माना जाता है कि भीड़ ज्यादा हो तो ही किसी भी ज्वेलरी शो सफल माना जाता है, लेकिन बेहद महंगे गोल्ड व सिल्वर के रेट्स के बीच 12 हजार विजिटर्स को जोडक़र जीजेएस ने इस धारणा को मजबूत किया है कि जहां कारोबारी आपस में बेहतर तरीके से जुड़ पाते हैं। इस बार भी यही हुआ। खरीदार और विक्रेता दोनों को हर डिजाइन को आराम से परखने का अवसर मिला। कारोबारी आवश्यकताओं पर गहन चर्चा हुई, नए कॉन्ट्रैक्ट बने और दीर्घकालिक संबंध स्थापित हुए। यह पहलू इस बार के शो की असली सफलता है।


सवाल यह उठता है कि आखिर इन एग्जिबिशन की अहमियत इतनी क्यों है? जवाब सरल है, क्योंकि जीजेएसी का ये शो केवल ज्वेलरी की प्रदर्शनी नहीं, बल्कि यहां डिजाइन, तकनीक और ट्रेडिंग तीनों का अद्भुत संगम रहा है। जीजेएस में डिजाइनर अपनी नवीनतम क्रिएटिविटी सामने रखते रहे हैं, तकनीकी विशेषज्ञ आधुनिक समाधान पेश करते रहे हैं और कारोबारी ग्राहकों के साथ मिलकर नए अवसर तलाशते रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग का यह मजबूत मंच बनता जा रहा है तथा भारत के ज्वेलरी इंडस्ट्री को वैश्विक स्तर पर प्रति प्रतिस्पर्धी भी बना रहा है। यही कारण है कि गोल्ड, सिल्वर और डायमंड का कारोबार इस एग्जिबिशन के जरिए नई दिशा पा रहा है।


भारत के ज्वेलरी इंडस्ट्री की खासियत यह है कि यह परंपरा और आधुनिकता दोनों का संगम है। जीजेएस ज्वेलरी शो ने इस छवि को और मजबूत किया। जीजेएस ज्वेलरी शो में विदेश से आए लगभग 200 विदेशी खरीदार यहां भारतीय कारीगरी की बारीकी को देखा, वहीं भारतीय कारोबारी अंतरराष्ट्रीय रुझानों से परिचित हुए। जिन विदेशी खरीदारों का आगमन हुआ, वे दुबई, बहरीन, कतर, बांग्लादेश, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, थाईलैंड आदि से आए थे। इससे न केवल निर्यात के अवसर बढऩे की संभावना बढ़ी है, बल्कि भारतीय बाजार की वैश्विक पहचान और भी गहरी हुई। हालांकि, अधिक अंतरराष्ट्रीय भागीदारी  हो सकती थी, लेकिन इस बार विदेशी खरीदारों की संख्या संतोषजनक ही रही, क्योंकि गोल्ड व सिल्वर के रेट्स हाई चल रहे हैं। लेकिन आने वाले आयोजनों के लिए अभी से मेहनत करके कुछ और देशों से भागीदारी बढ़ानी चाहिए ताकि भारत को ग्लोबल ज्वेलरी हब के रूप में स्थापित करने की प्रक्रिया तेज करने में जीजेसी का भी योगदान ज्यादा बढ़ सके। आने वाले वर्षों में जीजेएस ज्वेलरी यह शो भारत को ज्वेलरी इंडस्ट्री का वैश्विक हब बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा, यह सभी को विश्वास है। जीजेएस ज्वेलरी शो में, पारंपरिक ज्वेलरी, जैसे जडाऊ, कुंदन, हाथ कला की डिज़ाइनों के साथ-साथ आधुनिक, लाइट वेट, लैब-ग्रोन डायमंड और अनोखी कलाकारी की झलक भी दिखी। खास बात यह रही कि एग्जिबिटर्स ने इस शो में, कई नवीनतम डिजाइन भी प्रस्तुत किए, जो अभी मार्केट में पूरी तरह न पहुंचे हैं। आज जब पूरी दुनिया भारतीय ज्वेलरी की कारीगरी और डिजाइन पर नजर गड़ाए हुए है, तब जीजेएस जैसे शो न केवल कारोबार को मजबूती देते हैं, बल्कि भारत को ज्वेलरी इंडस्ट्री का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में भी ठोस कदम हैं।


जीजेएस शो को इस महंगे माहौल में भी मिली सफलता के बाद अब इस शो के आगामी आयोजनों के बारे में, इंडस्ट्री की अपेक्षाएं और बढ़ गई हैं। जीजेएस की आयोजक संस्था जेम एंड ज्वेलरी डॉमेस्टिक काउंसिल ने संकेत दिए हैं कि आने वाले वर्षों में शो और भी बड़े पैमाने पर आयोजित होगा। इसमें तकनीक के अभिनव प्रयोगों, डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और नए डिजाइन ट्रेंड्स को और ज्यादा महत्व दिया जाएगा। ज्वेलरी इंडस्ट्री विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में ये एग्जिबिशन केवल ज्वेलरी की प्रदर्शनी न रहकर इनोवेशन सेंटर का रूप ले नया आकार लेगा, नए विचार जन्म लेंगे, नई साझेदारियां होंगी और इंडस्ट्री को वैश्विक चुनौतियों से जूझने की रणनीति भी मिलेगी।


जीजेएस ज्वेलरी एग्जिबिशन ने यह साबित कर दिया कि भले ही रेट हाई हो, ग्राहकी कम हो, संभावनाएं कमजोर हो, और माहौल अस्थिरता का हो, फिर भी बाजार की धडक़नों को समझने और दिशा तय करने के लिए जीजेएस ज्वेलरी शो जैसे मंच अनिवार्य हैं। महंगाई और ग्राहकी के बीच भी ऐसे आयोजन ज्वेलरी इंडस्ट्री के लिए उम्मीद की किरण है। कम भीड़, ज्यादा संवाद, इस बार के शो का सबसे बड़ा सबक है। साथ ही, डिजाइन, तकनीक और ट्रेडिंग का संगम इंडस्ट्री को नई ऊर्जा देता है। यह सच है कि गोल्ड और सिल्वर की बेतहाशा कीमतें बढ़ रही हैं, लेकिन ऐसे आयोजनों की सफलता यह संदेश देती है कि भारतीय ज्वेलरी इंडस्ट्री किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है।


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हमारा अपना शो के नाम को सार्थक करना वाली जीजेएस ज्वेलरी एग्जिबिशन की सच्ची तस्वीर यह है कि जब गोल्ड व सिल्वर के रेट्स लगातार ऊपर जा रहे है, फिर भी जीजेएस ज्वेलरी इंडस्ट्री को एक आश्वस्त आधार देने में कामयाब रहा है। हमारा ये प्रतिष्ठित शो इस बार भी डिजाइन, तकनीक, ट्रेडिंग का त्रिकोण बनाने में सफल रहा है।


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गोल्ड व सिल्वर में अब तक के चॉप पर पहुंचे रेट्स के बावजूद जीजेएस ज्वेलरी शो महंगाई और ग्राहकी का संगम बनाने में सफल रहा है। इस शो ने ज्वेलरी इंडस्ट्री को यह एहसास कराया है कि ग्राहकी अभी भी कहीं ठहर नहीं रही है, क्योंकि खरीदार बाजार की उच्च कीमतों के बावजूद लोग गोल्ड व सिल्वर में ज्वेलरी और निवेश को महत्व दे रहे हैं।



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जीजेएस में देश भर से आए ज्वेलरी व्यापारियों को उत्पादों की मांग और प्रवृत्तियों की ताज़ा जानकारी मिली है कि कौन से डिज़ाइन व सामग्री लोकप्रिय हो रहे हैं। इस शो में ज्वेलरी के हर प्रकार के व्यावसायिक लेन-देन सिर्फ दिखावे के लिए नहीं, बल्कि बाजार की वास्तविक जरूरतों और विश्वास का मजबूत आधार बने हैं।


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इस बार के जीजेएस ज्वेलरी शो की खास बात यह थी कि महंगाई की मार के बावजूद  शो की क्वालिटी प्रभावित नहीं हुई, बल्कि उल्टा एग्जिबिटर्स और बायर्स के बीच समय की सुविधा और वार्तालाप में गहराई आई। विक्रेता और खरीदार दोनों को हर स्टॉल पर आराम से समय मिला। सभी एग्जिबिटर्स की डिज़ाइनों को विजिटर्स ने करीब से देखा और व्यापारिक कॉट्रेक्ट हुए।



 
 
 

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