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  • Aabhushan Times

बजट में कुछ नहीं मिला, लेकिन गोल्ड सिल्वर के रेट ऊपर ही है









बजट आ गया है, गोल्ड महंगा होता जा रहा है तथा सिल्वर की शाइनिंग भी बढ़ती जा रही है, ऐसे में हमारे लिए यह सबसे बड़ी खुशी की बात है कि ज्वेलरी मार्केट की देश की सबसे प्रमुख पत्रिका 'आभूषण टाइम्सÓ आपके हाथों में है तथा आप पढ़ रहे हैं हमारा वो संपादकीय जिसमें बाजार की तथा बाजार पर असर डालनेवाली देश दुनिया की सारी गतिविधियों का सार हम लेकर आते हैं। इस बार का बाजार की गतिविधियों का कुल मिलाकर सार यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में इस बार जो बजट पेश किया है, उसमें ज्वेलर्स को निराश किया है, गोल्ड इंडस्ट्री को हताश किया है तथा व्यापारिक जगत के हाथ कुछ भी नया नहीं दिया है। इसके साथ ही गोल्ड सेक्टर में तेजी साफ देखने को मिल रही है, भाव 64 हजार  से भी आगे निकलते जा रहे हैं तथा इस साल, यानी 2024 के अंत तक गोल्ड के रेट्स 75 हजार हो जाने की भविष्यवाणी के सच होने की तरफ गोल्ड के रेट अपने कदम बढ़ाते जा रहे हैं। इसके अलावा सिल्वर का बाजार भी तेजी पकडक़र लगातार गोल्ड की तरह ही ऊपर की ओर बढ़ता जा रहा है एवं जो लोग सिल्वर के रेट कम होने की आस में बैठें है उनको निराशा ही हाथ लगती जा रही है। सिल्वर तथा गोल्ड दोनों ही कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।


भारत में गोल्ड पर 3 प्रतिशत जीएसटी लगता है, इसके अतिरिक्त, ज्वेलर्स उसकी कीमत में मेकिंग चार्ज भी जोड़ते हैं, क्योंकि केवल गोल्ड तो ज्वेलरी है नहीं, ज्वेलरी तो कारीगर बनाता है, जो कि उसे बनाने की मजदूरी भी लेता ही है। ऐसे में बढ़ती महंगाई तथा बढ़ते गोल्ड के रेट्स के बीच लोगों को उम्मीद थी कि गोल्ड व ज्वेलरी पर जो 3 फीसदी जीएसटी है, सरकार को उसे कम करना चाहिए। सरकार का काम है कि बजट अनुमानों को उचित रखे ताकि व्यापार के विकास होता रहे। ऐसे में यह बेहद महत्वपूर्ण है कि जनभावना का भी खयाल रखा जाए। हालांकि, यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण है, खास तौर पर तब, जब कोई ज्वेलरी का व्यापार शुरू करने जा रहा हो। यदि कोई एक नया व्यवसाय शुरू कर रहा हैं और उस पर सबसे बड़ा टेंशन जीएसटी के रूप में होता है। इस बार के बजट में न तो सरकार ने जीएसटी पर कोई राहत दी है नही किसी भी प्रकार से गोल्ड की इंपोर्ट ड्यूटी कम की है। सरकार को समझना चाहिए ता कि व्यापारिक समाज बेहद कमजोर होता जा रहा हैस, क्यंकि गोल्ड ज्वेलरी की खपत भले ही बढ़ रही है, परंतु मुनाफा कम होता जा रहा है। बढ़ते खर्च और कम होती सेल के बीच में ज्वेलर्स की आय का अनुमान लगाने की तुलना में खर्चों का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है। खर्च भारी पड़े रहे हैं। सरकार अगर ज्वेलरी से जीएसटी कम कर देती या फिर इंपोर्ट ड्टी हटा देती, जो ज्वेलरी का व्यापार सरपट दौड़ता। ज्वलेरी इंडस्ट्री पर सबसे बड़ी परेशानी गोल्ड के बढ़ते रेट्स की है। गोल्ड की कीमतें लगातार ऊपर की तरफ जाने से ग्राहक परेशान है लेकिन उससे ज्यादा ज्वेलर्स परेशान है। वैडिंग सीजन की शुरुआत होने वाली है और गोल्ड महंगा होने से लोग खरीद कम पा रहे हैं और ज्वेलर बेच भी कम रहे हैं, तो ऐसे में कमाई कहां से निकलेगी, यह सबसे बडी परेशानी है। आम तौर पर वैडिंग सीजन शुरु होने से पहले अगर गोल्ड के दाम कम होते हैं, तो उससे जुड़ी खबरें लोगों को बहुत खुशी देती हैं, ज्वेलर्स भी खरीदारों को आकर्षित करने की रणनीति अपनाते हैं। मगर गोल्ड के रेट 64 हजार से ज्यादा हो रहे हैं, तो बाजार में ग्राहकों की कमी देखने को मिल रही है। बाजार में भाव ऊंचे होने के कारण लोगों में नया गोल्ड खरीदने के बजाय पुराने गोल्ड के बदले नई ज्वेलरी लेने का चलन जोरों पर हैं। इसकी प्रमुख वजह लोगों के मन में पुरानी ज्वेलरी बेचने पर लगने वाली बंदिश और कागजी जांच पड़ताल बढऩे की फैली आशंका है। ज्वेलरी इंडस्ट्री को इस बार के सीजन के अच्छा जाने की उम्मीद थी, लेकिन बढ़ते रेट के बीच ग्राहकी के काम होने की चिंता सता रही है।


सिल्वर के रेट्स भी लगातार बढ़ रहे हैं। गोल्ड के साथ साथ सिल्वर का सफर भी जारी है। बाजार के जानकार कहते हैं कि फिलहाल सिल्वर 75 हजार के अंदर ट्रेंड कर रही है, और खरीददारी थमी हुई है। लेकिन बाजेपर पर गहरी नजर रखनेवालों का कहना है कि साल के अंत तक चांदी 80 हजार रुपये प्रति किलोग्राम के भाव तक भी पहुंच जाए, तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। सिल्वर के फ्यूचर्स के रेट में बी बढ़ोतरी ही बताई जा रही है, लेकिन अमेरिकी आर्थिकी के आंकड़ों के साथ साथ सिल्वर पर बड़ा दांव खेलनेवाले खुश है, क्योंकि निवेश में तो उनको लाभ ही लाभ है। बाजार के जानकार मान रहे हैं कि सिल्वर में तेजी आने की संभावना को कई कारणों से बल मिल रहा है, तथा भाव 80 तो पहुंच ही सकते हैं। तेजी से बढ़ते गोल्ड व सिल्वर के रेट्स व बजट की बातों के बीच बाजार में ग्राहकी खुले, यही हमारी भावना है। आभूषण टाइम्स आप सब के विकास की कामना करता है तथा इस साल के अंत तक गोल्ड 75 हजार पर फिक्स व सिल्वर 80 हजार के पार जाने की खुशी के साथ ही ग्राहकी भी खुलने की उम्मीद करता है।


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