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  • Aabhushan Times

सिल्वर 80 हजार के पार संभवइंटरनेशनल मार्केट के दबाव की वजह से












देश के बुलियन बाजारों में सिल्वर का जलवा देखने को मिल रहा है। कमाई देनेवाले सबसे महंगे मेटल के रूप में तेजी से बाजार में अपनी जगह बनाता जा रहा सिल्वर आजकल निवेशकों के लिए भी बाजार में सबसे बड़े ऑप्शन के रूप में हाजिर है। लोग गोल्ड के साथ ही सिल्वर में भी बड़े पैमाने पर निवेश करने लगे हैं। यह एक ऐसी चमकीली धातु है जो कि प्राचीन समय से ही मानव सभ्यता के लिए महत्वपूर्ण रही है। कहते हैं कि जब लोग गोल्ड की ज्वेलरी नहीं पहनते थे, तब से ही सिल्वर का समाज में चलन रहा है। वर्तमान में यह गोल्ड के बाद दूसरी सबसे ज्यादा चलन वाली महंगी धातु है और तथा इसका उपयोग ज्वेलरी, चिकित्सा, उद्योग आदि विभिन्न क्षेत्रों में होता है। भारत में सिल्वर को लेकर माना जाता है कि इसका उपयोग सामान्यतया ज्वेलरी के निर्माण तथा बर्तन व सजावटी सामान के लिए होता है, मगर वैश्विक स्तर पर वास्तव में सिल्वर की सबसे ज्यादा खपत औद्योगिक होती है, जो कि भारत में भी इसी क्षेत्र में सिल्वर की खपत है। सिल्वर की खास बात है इसके रेट्स, जो लगातार कमाई देते रहते हैं। इसी कारण ज्वेलर्स के लिए भी सिल्वर का बिजनेस गोल्ड जैसी ही चमकदार कमाई देनेवाले बिजनेस के रूप में हमेशा से अग्रणी रहा है। हाल ही में हमने देखा कि धन तेरस तथा दीपावली पर भी सिल्वर की सेल देश भर में जबरदस्त रही क्योंकि दीपावली पर सिल्वर के रेट्स 71500 रुपये प्रति किलो ग्राम के आसपास रहे, जो कि इसके सर्वोच्च शिखर 78 हजार से काफी नीचे हैं।


सिल्वर के रेट्स के मामले में हाल की घटनाओं का बाजार पर बहुत तेज असर रहा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की तीखी टिप्पणियों और मजबूत अमेरिकी डॉलर के दबाव में सिल्वर ने हाल ही में सबसे बड़ी गिरावट का अनुभव किया था, मगर उसके बाद जबरदस्त सपोर्ट के साथ सिल्वर में फिर से सुधार भी हुआ। जिससे सिल्वर के निवेशकों में इसके प्रति जोखिम लेने की क्षमता में सुधार हुआ है। जेरोम पॉवेल ने संकेत दिया कि यदि मुद्रास्फीति फेडरल रिजर्व के लक्ष्य से ऊपर रहती है तो ब्याज दरें बढ़ सकती हैं, जिससे डॉलर के मूल्य में वृद्धि होगी और सिल्वर के रेट्स पर भी दबाव पड़ेगा। मतलब बिल्कुल स्पष्ट है कि, सिल्वर के रेट्स बढ़ेगे, तो खरीददारों को भी आने वाले वक्त में लाभ ही होगा, जिसके बाद दुनिया भर में सिल्वर की बिक्री तेजी से बढ़ी और इस दीपावली पर तो गोल्ड के मुकाबले सिल्वर की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई। इंटरनेशनल लेवल पर सिल्वर का मार्केट अब उपभोक्ता मूल्य यानी मुद्रास्फीति और रिटेल सेल पर आने वाले आंकड़ों पर करीब से नजर रख रहा है। माना जा रहा है कि स्ल्वर के रेट्स आने वाले वक्त में और बढ़ेगें और अपने पिछले रिकॉर्ड 77 हजार 800 को ब्रेक करके और उससे आगे जाएंगे।


हालाँकि इसी महीने अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की शुरुआती टिप्पणियों की कुछ नरम व्याख्याओं के कारण डॉलर के रेट्स में थोड़ी कमजोरी आई थी, लेकिन कुल मिलाकर बाजार की धारणा सतर्क बनी हुई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व फंड की धारणा के मुताबिक सिल्वर के ट्रेडर्स अब जनवरी तक सिल्वर की अतिरिक्त दरों में बढ़ोतरी की 22 प्रतिशत संभावना का अनुमान लगा रहे हैं, क्योंकि वैश्विक मुद्रास्फीति की चिंताएं बनी हुई हैं और आगे आर्थिक सख्ती की संभावना मंडरा रही है। इस कारण माना जा रहा है कि 22 फीसदी के हिसाब से आज के सिल्वर के रेट्स में बढ़ोतरी मानें तो इसमें 15 हजार का इजाफा हो सकता है। साफ तौर पर देखा जाए, तो सिल्वर आने वाले साल की शुरूआत में 85 हजार के आसपास जाने के संकेत हैं। इसीलिए सिल्वर में निनेश को लेकर लोग ज्य़ादा सतर्क हैं।


हालांकि, इंटरनेशनल मार्केट के वित्त विशेषज्ञ सिल्वर के लिए मंदी के दृष्टिकोण को जोड़ते हुए, भविष्य की महंगाई और आर्थिक नीतियों की दिशाओं के बारे में रेट्स गिरने की निवेशकों की चिंताओं को दर्शाते हैं। क्योंकि हाल ही में अमेरिका में सिल्वर के 30-वर्षीय बांड की नीलामी की कमजोर मांग रही, जो कि सिल्वर की दीर्घकालिक आर्थिक दृष्टिकोण संबंधी चिंताओं का संकेत देती है। कहा जा रहा है कि जब तक इंटरनेशनल लेवल पर बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव यथावत रहेगा, अमेरिका से निराशाजनक आर्थिक रिपोर्ट नहीं आती, और महंगाई बढ़ती रहेगी, तब तक सिल्वर के लिए पूर्वानुमान नीचे की ओर जाते आसान प्रतीत नहीं होते। वैसे भी गोल्ड की तरह स्ल्वर भी ज्यादा लंबे वक्त तक नीचे नहीं रहता। विभिन्न उपयोगों की वजह से उसे अंतत: उपर की चाल को पकडऩा ही होता है।

उपयोग के मामले को देखें, तो सिल्वर का प्रथम उपयोग गोल्ड के सिक्कों को बनाने के लिए उसमें मिलाने के तौर पर किया जाता था। प्राचीन समय में, जिसे धातुयुग कहा जाता था, तब गोल्ड व सिल्वर का उपयोग सामंजस्यपूर्ण रूप से होता था। बाद के दिनों में सिल्वर की शानदार चमक ने उसे राजा-महाराजाओं और धनी वर्ग के लोगों के लिए पसंदीदा बना दिया। आजकल, सिल्वर का उपयोग विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में ज्यादा हो रहा है। सिल्वर को विभिन्न धातुओं के साथ मिश्रित करके ज्वेलरी और अन्य उत्पादों के निर्माण के लिए भी इस्तेमाल होता है। सही मायने में तो इसकी चमक ने इसे ज्वेलरी इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा लोकप्रिय बनाया तथा ज्वेलर्स व बुलियन विक्रेताओं के लिए मुनाफा कारक भी साबित किया है।


दरअसल, सिल्वर एक रूपांतरणीय मेटल है, जिसे आसानी से गलाकर ज्वेलरी और उपहार योग्य अन्य सामानों में रूपांतरित किया जा सकता है। यह अपने किसी भी स्वरूप में आकृतियों की सुंदरता और चमक को बढ़ाता है, जिससे यह लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गया है। सिल्वर का चिकित्सा उपयोग का इतिहास भी एक अलग है। प्राचीन समय में, सिल्वर को शांति का प्रतीक माना जाता था, और इसे रोगों को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता था। आजकल, कुछ चिकित्सा विज्ञानियों ने सिल्वर के रासायनिक गुणों का अध्ययन करके इसे एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट उपयोगी धातु के रूप में देखना शुरू किया है, तथा उसी तरीके से इसका उपयोग भी होने लगा है।


सिल्वर के आर्थिक महत्व और परंपरागत रूप से इसके सांस्कृतिक दृष्टिकोण को देखें, तो सिल्वर का व्यापारिक महत्व भी इसी वजह से सबसे ज्यादा है। हमारे देश में सिल्वर की मांग और आपूर्ति के कारण इसकी मूल्य में बदलाव होता रहता है। गोल्ड के साथ ही, सिल्वर भी एक सुरक्षित निवेश का स्रोत माना जाता है। बाजार में सिल्वर के सिक्के, बार, और ज्वेलरी की मांग को देखते हुए, सिल्वर की बढ़ती चमक के रूप में देखा जाता है। खास तौर पर समाज के एक बहुत बड़े तबके में सिल्वर की खपत गोल्ड के मुकाबले हमेशा से बहुत ज्यादा है। फिर, भारत में तो कुछ समुदायों में, खास तौर पर खेतीहर किसानों व मजदूर समुदायों में सिल्वर को सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। कई सांस्कृतिक आधारित रीति-रिवाजों में चांदी का उपयोग होता है, और यह सांस्कृतिक आदर्शों और परंपराओं का हिस्सा बन गया है। इन वजहों से उविवाह में गोल्ड के साथ साथ सिल्वर देना भी परंपरा का हिस्सा है। माना जाता है कि जब तक हमारी संस्कृति में विवाह पद्धति रहेगी, रिश्ते रहेंगे, तब तक सिल्वर का भविष्य मजजबूत रहेगा। सिल्वर के रेट्स पर खनन कंपनियों, ज्वेलरी के निर्माणकर्ताओं और सिल्वरजनित औद्योगिक सामग्रियों के उपयोगकर्ताओं द्वारा अपने मूल्य जोखिम का प्रबंधन करने का सीधा असर होता है। वैसे तो यह भी गोल्ड की ही तरह एक कीमती धातु है, और सिल्वर भी इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मगर गोल्ड तरह सिल्वर देशों की अर्थव्यवस्थी को बैलेंस करने में कोई भूमिका न होने से इसे गोल्ड जितना महत्व नहीं मिलता, फिर भी सिल्वर सामान्य निवेशकों को बहुत लुभाता है, क्योंकि इसके रेट्स में तोजी से उतार चढ़ाव लोगों को कमाई देते रहते हैं। दुनिया भर में सिल्वर के सबसे बड़े औद्योगिक उपयोगकर्ता फोटोग्राफिक, आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग हैं, तथा इसके सबसे बड़े उत्पादक मेक्सिको, पेरू और चीन, इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, चिली, बोलीविया, संयुक्त राज्य अमेरिका, पोलैंड और रूस आदि देश हैं, वहीं से पूरी दुनिया में सिल्वर की सप्लाई होती है।








सिल्वर में बाजार की धारणा मजबूत होने की संभावना बेहद पक्की है। यूरोपीय सेंट्रल बैंक की नरम टिप्पणी के बाद वैश्विक बॉण्ड में गिरावट से भी सिल्वर की मजबूती के मामले में कारोबारी धारणा मजबूत हुई है। दीपावली पर सिल्वर के जो रेट्स 72 हजार के आसपास थे, उनके आने वाले साल में और तेजी पकडने का अनुमान लगाया जा रहा है।

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सिल्वर अपनी चमक और मानव इतिहास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है। प्राचीन समय से लेकर आजकल तक, इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है, फिर ज्वेलरी व गिफ्ट के मामले में तो इसका महत्व सबसे ऊपर है, जो इसे एक आदर्श धातु बनाता है।

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गोल्ड के साथ ही, सिल्वर भी आभूषण, चिकित्सा, और औद्योगिक क्षेत्र में एक चुनौतीपूर्ण और उपयोगी धातु बना है। इसके रेट्स भले ही घटते बढ़ते रहे हों, मगर गोल्ड की ही तरह सिल्वर के रेट्स लंबे वक्त तक नीचे नहीं रहते। इस कारण से यह मुनाफे की चीज माना जाता है।

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इस दीपावली पर सिल्वर की सेल जबरदस्त रही। सिल्वर ज्वेलरी के गिफ्ट से लेकर सिल्वर बार व सिल्वर कॉइन सहित विभिन्नव आइटम्स की सेल कोफी शानदार रही। इसके रेट्स भी इस बार खरीदी के अनुकूल ही रहे, जिसमें आगे मुनाफे की संभावना बहुत ज्यादा लग रही है।


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