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अमेरिका के 50 प्रतिशत टैरिफ से भारतीय रत्न-आभूषण क्षेत्र पर असर - संयम मेहरा

  • Aabhushan Times
  • Aug 30
  • 2 min read
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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया है, जो रूस से तेल और हथियार खरीदने के कारण लगाया गया। इससे रत्न और आभूषण जैसे क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव पड़ा है, जो $48.2 अरब के निर्यात को प्रभावित कर सकता है। गुजरात के सूरत जैसे केंद्रों में 1.75 लाख से 2 लाख कारीगर बेरोजगार हो सकते हैं।


अठॅल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) के पूर्व चेयरमैन संयम मेहरा ने एक साक्षात्कार में कहा, भारतीय बाजार इसके लिए तैयार नहीं था। 25 प्रतिशत टैरिफ पहले लग चुका था, लेकिन अतिरिक्त 25 प्रतिशत से सूरत, मुंबई और कोलकाता के कारीगर प्रभावित होंगे। उन्होंने वैकल्पिक बाजारों की तलाश पर जोर दिया। हम यूएई, सऊदी अरब, कतर, यूके और ऑस्ट्रेलिया में मार्केटिंग बढ़ा रहे हैं। एफटीए से इन देशों में सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। तीन से छह महीनों में अमेरिकी प्रभाव को कम कर देंगे।

मेहरा ने घरेलू बाजार पर फोकस किया, भारत खुद बड़ा बाजार है, जहां 6 लाख से अधिक ज्वैलर्स हैं। एचएनआई की खरीद बढ़ी है। हम 800 टन सोना आयात करते हैं और दुनिया के सबसे बड़े हीरा निर्यातक हैं।


उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले का समर्थन किया। किसान और डेयरी क्षेत्र महत्वपूर्ण हैं। हम सरकार के साथ हैं, लेकिन अमेरिका से बातचीत जारी रखें। जीजेसी अंतरराष्ट्रीय रोडशो और इन्फ्लुएंसर्स की भर्ती कर सोने के निर्यात को 5 अरब से 12-15 अरब डॉलर तक बढ़ाने की योजना बना रहा है। मेहरा ने सलाह दी- पैनिक न करें। मजबूत मार्केटिंग टीम बनाएं, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंचें। दीवाली सीजन में घरेलू बिक्री बढ़ाएं। प्रभाव 3-6 महीनों से अधिक नहीं चलेगा।


उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह टैरिफ भारतीय कारखानों पर द्गद्वड्ढड्डह्म्द्दश जैसा है, लेकिन वैकल्पिक मार्गों से नुकसान कम किया जा सकता है।


 
 
 

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