किरीट भंसाली जीजेईपीसी के चेयरमैन, शौनक पारिख वाईस चेयरमैन बने साथ में नई प्रशासनिक समिति की घोषणा
- Aabhushan Times
- Feb 18
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Kirit Bhansali-Chairman –GJEPC
मुंबई। देश की सर्वोच्च नोडल व्यापार संस्था जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) के चेयरमैन के पद पर किरीट भंसाली एवं शौनक पारीख को वाइस चेयरमैन चुना गया। COA चुनाव 2024 के पूरा होने के बाद नई प्रशासन समिति (COA) के गठन की घोषणा की। GJEPC के चेयरमैन किरीट भंसाली ने कहा, हमारा लक्ष्य रणनीतिक पहलों, नवोन्मेषी परियोजनाओं और सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से भारत के रत्न और आभूषण उद्योग के लिए परिवर्तनकारी विकास को बढ़ावा देना है। मुंबई में इंडिया ज्वैलरी पार्क और जयपुर में जेम बोर्स जैसी प्रमुख परियोजनाओं को आगे बढ़ाने से लेकर सऊदी अरब में सऊदीजेक्स और दुबई में आईजेएक्स जैसी पहलों के साथ अपने वैश्विक पदचिन्ह का विस्तार करने तक, हमारा लक्ष्य भारत को प्रौद्योगिकी, डिजाइन और विनिर्माण में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है। हम सब मिलकर 2047 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के महत्वाकांक्षी निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करेंगे, जो हमारे माननीय प्रधान मंत्री के विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप होगा।

Shaunak Parikh - Vice Chairman-GJEPC भंसाली ने आगे कहा, हमारा लक्ष्य भारत के वैश्विक नेतृत्व को बनाए रखना, घरेलू बाजार की संभावनाओं का लाभ उठाना और अपने कारीगरों का समर्थन जारी रखते हुए अनुकूल नीतियों की वकालत करना है। इस क्षेत्र से निर्यात को बढ़ावा देने और भारत के आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए, GJEPC ने उनके आकार, क्षमता और रणनीतिक स्थान के आधार पर 17 प्रमुख समूहों की पहचान की है। इन समूहों को पोषित करके, हमारा लक्ष्य उन्हें संपन्न निर्यात केंद्रों के रूप में विकसित करना है। GJEPC के उपाध्यक्ष शौनक पारिख ने कहा, मैं इस जिम्मेदारी को सौंपने और मुझे हमारे उल्लेखनीय रत्न और आभूषण क्षेत्र की वृद्धि और सफलता में योगदान करने का अवसर देने के लिए सभी उद्योग सदस्यों का ईमानदारी से धन्यवाद करता हूं। यह उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण समय है, और हमारे सामने आने वाली चुनौतियों के लिए साहसिक दृष्टि और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारा उद्योग विश्व मंच पर प्रतिस्पर्धी बना रहे, सभी क्षेत्रों में श्रेणी संवर्धन, बुनियादी ढांचे के विकास, कौशल वृद्धि और वैश्विक मानकों को अपनाने पर ध्यान केंद्रित करना अनिवार्य है। परिषद सरकार के साथ मिलकर ऐसी नीतियां बनाना जारी रखेगी जो न केवल विकास को बढ़ावा देंगी बल्कि निरंतर विकसित हो रहे वैश्विक बाजार में हमारे निर्यातकों की चिंताओं का समाधान भी करेंगी।
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