संपादकीय महंगे गोल्ड और सिल्वर से मंदी ग्राहकी में आईआईजजेएस से उम्मीद
- Aabhushan Times
- Jul 21
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- सिद्धराज लोढ़ा
ज्वेलर्स की दुनिया में चिंता है कि ग्राहकी नहीं है, और आगे क्या होगा? लेकिन किसी भी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि न तो गोल्ड कभी सस्ता हुआ है, न कभी सिल्वर की चमक फीकी पड़ी है। बाजार में ग्राहक कम है, तो कोई बात नहीं, ये दौर भी निकल जाएगा। फिर, ज्वेलरी बिजनेस को बढ़ाने में हर बार सफल रहने वाली सबसे हिट आईआईजेएस एग्जिबिशन भी तो 30 जुलाई से आ रही है। 'आभूषण टाइम्स' सदा से ही इस बात का पक्षधर रहा है कि ज्वेलरी एग्ज्बिशन के जरिए बढ़ते बिजनेस को समझते हुए हर ज्वेलर को मुंबई में हो रहे इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी शो (आईआईजेएस) प्रीमियर के 41वें संस्करण का महत्व जानना चाहिए। ताकि ग्राहकी चिंताएं कम हो सके, नई नई तकनीक सीखने को मिलें, और व्यापार भी बढ़ सके। आईआईजेएस प्रीमियर न केवल भारतीय ज्वेलरी निर्माताओं को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय खरीदारों, वितरकों और खुदरा विक्रेताओं को भी आकर्षित करता है, जिससे व्यापार के अवसरों में वृद्धि होती है।
आईआईजेएस ज्वेलरी एग्जीबिशन, ज्वेलरी बिजनेस को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा हैं। 'आभूषण टाइम्स' का अब तक के इन एग्जिब्शन में हर बार सहभागी रहा है, अत: हमारा यह दावा है कि यह एग्जीबिशन सिफऱ् ज्वेलरी की खरीदी और बिक्री का मंच नहीं, बल्कि ये नए डिज़ाइन, तकनीक और व्यापारिक रणनीतियों को प्रदर्शित करने का अवसर भी हैं। सही मायऩे में देखा जाए, तो आईआईजेएस एग्जिबिशन बाजार के रुझान को समझने, अपने कंपीटिटर्स का विश्लेषण करने और इंडस्ट्री के विशेषज्ञों से बहुत कुछ सीखने का एक शानदार अवसर हैं। लेकिन वर्तामान हालात में आईआईजेएस प्रीमियर का यह 41वां संस्करण विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वैश्विक परिस्थितियों में हो रहे परिवर्तन तथा बदलते जिओ-पॉलिटिकल हालातों के बीच गोल्ड व सिल्वर के बढ़ते रेट्स के माहौल में खरीददारों और विक्रेताओं के बीच मजबूत रिश्ता कायम करने का मंच हना है। हर छोटे से छोटे ज्वेलर को भी बड़े ज्वेलर्स की बराबरी में ही अपनी ज्वेलरी को भारतीय ज्वेलरी उद्योग के इस शो में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के अवसर उपलब्ध है। 'आभूषण टाइम्स' का दावा है कि आईआईजेएस केवल एक इवेंट नहीं, बल्कि भारतीय ज्वेलरी शिल्प कौशल की उत्कृष्टता का एक उत्सव है, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में व्यापार के नए अवसर पैदा करता है। गोल्ड व सिल्वर के रेट्स भले ही तेजी से आसमान छू रहे हैं और बाजार में ज्वेलरी की ग्राहकी न के बराबर है, इसीलिए मुंबई में 30 जुलाई से शुरू होने वाला इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी शो आईआईजेएस प्रीमियर का 41वां संस्करण भारतीय ज्वेलरी उद्योग के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। हमारे ज्वेलरी बिजनेस से जुड़े साथियों को इसी मुद्दे पर गंभीरता से चिंतन की जरूरत है कि कैसे यह शो उनके बिजनेस को बढ़ावना देने में सहायक साबित हो सकता है। मुंबई में 30 जुलाई से शुरू हो रहे इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी शो आईआईजेएस प्रीमियर के 41वें संस्करण का महत्व ज्वेलरी सेक्टर के वर्तमान हालात में इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह शो ज्वेलरी उद्योग को मौजूदा बाजार की चुनौतियों के बीच नई रणनीतियों और नई तकनीक को अपनाकर व्यापार बढ़ाने में मदद करता है। 'आभूषण टाइम्स' आईआईजेएस प्रीमियर को अलग नजरिये से देखता है। गोल्ड के बढ़ते रेट्स के बीच ज्वेलरी की सेल मंदी होने से निश्चित तौर पर ज्वेलर्स चिंतित हैं। मगर, कोई ये मानकर बैठा है कि गोल्ड के रेट कम होंगे, तो भूल जाइए, इसकी गुंजाइश बेहद कम है। क्योंकि दुनिया के वर्तमान हालात के बीच हर देश गोल्ड खरीद रहा है। तय है कि गोल्ड के रेट और बढ़ेंगे। उधर, सिल्वर की बढ़ती खपत और चढ़ते रेट्स के बीच दुनिया भर के देशों में सिल्वर की सेल और बढ़ी है। यही कारण है कि सिल्वर को आने वाले भविष्य को गोल्ड कहा जा रहा है। ज्वेलर्स के लिए मौजूदा बाजार की अस्थिरता, खासकर गोल्ड के बढ़ते रेट्स और सिल्वर की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच चिंता स्वाभाविक है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि गोल्ड और सिल्वर दोनों ही सदियों से मूल्यवान धातुएं रही हैं और इन्होंने हमेशा अपनी चमक बनाए रखी है। इतिहास गवाह है कि गोल्ड की कीमत में भले ही अल्पकालिक उतार-चढ़ाव आए हों, लेकिन लंबी अवधि में यह कभी सस्ता नहीं हुआ है। इसे हमेशा एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखा गया है, खासकर आर्थिक अनिश्चितता के समय में। इसी तरह, सिल्वर की चमक भी कभी फीकी नहीं पड़ी है। यह सिफऱ् एक आकर्षक ज्वेलरी धातु नहीं है, बल्कि इसकी औद्योगिक मांग भी बहुत अधिक है, इसीलिए वर्तमान वैश्विक परिस्थितियां गोल्ड और सिल्वर को ऊपर की ओर ले जा रही हैं।
बाजार भले ही हमेशा बदलता रहता हैं, मगर ये गोल्ड और सिल्वर अपनी क्वालिटी रेटिंग के कारण हमेशा अपनी जगह बनाए रखेंगे। इसलिए, ज्वेलर्स को धैर्य रखने और बाजार की दीर्घकालिक संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। माना कि सिल्वर महंगा होता जा रहा है और गोल्ड की चमक भी लगातार बढ़ रही है, और बाजार में ग्राहकी भी नहीं है, लेकिन आईआईजेएस ज्वेलरी शो एशिया के सबसे बड़े ज्वेलरी एग्जिबिशन में से एक है, जिसमें आने वाले वैश्विक स्तर के ज्वेलर्स भी इसे व्यापार को बढ़ाने का महत्वपूर्ण आयोजन बताते हैं। 'आभूषण टाइम्स' हर हालात में आपके साथ खड़ा रहा है, अत: भरोसा रखिए, आगे भी सब अच्छा होगा।










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