सिल्वर का भविष्य समृद्धक्योंकि आने वाले दिनों में सिल्वर और महंगा होगा
- Aabhushan Times
- Jul 21
- 7 min read

सिल्वर अपने ऑल टाइम हाई पर हैं और गोल्ड की तरह सिल्वर के भी तेजी से आगे बढते रहने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं। इसका खास कारण है कि गोल्ड की तरह सिल्वर भी बाजार में निवेश, उपभोग और रुझानों के लिहाज से हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। गोल्ड की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि के बीच, सिल्वर एक आकर्षक विकल्प के रूप में उभर रही है। ऐसे में, वैश्विक स्तर पर सिल्वर के भविष्य, इसकी कीमतों के रुझानों, ज्वेलरी में इसकी भूमिका, खपत के मुख्य कारणों और प्रमुख खरीदी क्षेत्रों के मामले में व्यापाक विश्लेषण तथा विस्तृत अध्ययन जरूरी है, क्योंकि सिल्वर केवल गोल्ड की तरह ज्वेलरी और निवेश में ही नहीं बल्कि गोल्ड से भी ज्यादा क्षेत्रों मे इसकी खपत होती है। कई बाजार विश्लेषकों का मानना है कि 2025-26 तक सिल्वर की कीमतें भारत में 1.25 लाख रुपए प्रति किलो के पार तक भी पहुंच सकती है, और कुछ अधिक आशावादियों के पूर्वानुमान तो सिल्वर के 1.50 लाख रुपए प्रति किलो के पार तक भी जाने की बात करते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस बीच सिल्वर का बाजार अस्थिर भी हो सकता है और इसकी कीमतें वैश्विक स्तर पर राजनीतिक घटनाओं या आर्थिक झटकों से प्रभावित हो सकती हैं। लेकिन सिल्वर के प्रति ज्यादा आशावादी लोग मान रहे हैं कि जिस तरह से असकी खपत लगातार बढ़ती जा रही है, उसे देखकर इसका भविष्य गोल्ड से भी ज्यादा कमाई देने वाला माना जा रहा है। वर्ल्ड सिल्वर काउंसिल जैसे संगठन भी सिल्वर के भविष्य के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, जिसमें औद्योगिक मांग को प्राथमिक चालक के रूप में देखा जाता है। पिछले कुछ महीनों में देखें, तो ज्वेलरी में सिल्वर गोल्ड का विकल्प बन रहा है, क्योंकि गोल्ड महंगा हो रहा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि उच्च गोल्ड की कीमतों के कारण सिल्वर ज्वेलरी बाजार में एक व्यवहार्य और बढ़ती हुई वैकल्पिक धातु के रूप में अपनी जगह बना रही है। भारत और चीन जैसे बड़े गोल्ड की खपत वाले देशों में, जैसे-जैसे गोल्ड की कीमतें लगातार नए उच्च स्तरों को छू रही हैं, बहुत से उपभोक्ता, विशेष रूप से मध्यम आय वर्ग के, गोल्ड के ज्वेलरी खरीदने में असमर्थ हो रहे हैं। ऐसे में, सिल्वर एक आकर्षक और किफायती विकल्प के रूप में उभर रही है। क्योंकि सिल्वर गोल्ड की तुलना में काफी सस्ता है, जिससे यह आम लोगों के लिए अधिक सुलभ हो जाता है। यह उपभोक्ताओं को कम बजट में भी कीमती धातु के ज्वेलरी खरीदने की अनुमति देती है। आधुनिक सिल्वर के ज्वेलरी के डिज़ाइन काफी विविध और आकर्षक होते हैं। डिज़ाइनर नवीनतम फैशन रुझानों के अनुरूप सिल्वर में कई प्रकार के ज्वेलरी बना रहे हैं, जिनमें एंटीक, समकालीन और फ्यूजन स्टाइल शामिल हैं। यह विभिन्न अवसरों के लिए उपयुक्त होता है। कई ज्वेलरी ब्रांड अब विशेष रूप से सिल्वर के ज्वेलरी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और आकर्षक मार्केटिंग रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं। वे युवा और फैशन-प्रेमी उपभोक्ताओं को लक्षित कर रहे हैं जो पैसे के लिए मूल्य और स्टाइलिश विकल्पों की तलाश में हैं। हालांकि गोल्ड को पारंपरिक रूप से शुभ माना जाता है, फिर भी युवा पीढ़ी और शहरी क्षेत्रों में सिल्वर के ज्वेलरी की स्वीकार्यता बढ़ रही है। इसे अब सिर्फ एक सस्ते विकल्प के रूप में नहीं, बल्कि एक स्टाइलिश और फैशनेबल एक्सेसरी के रूप में देखा जा रहा है। इसके साथ ही त्योहारों, शादियों या अन्य अवसरों पर उपहार देने के लिए भी सिल्वर के ज्वेलरी एक लोकप्रिय विकल्प बन गए हैं, खासकर जब गोल्ड का बजट सीमित हो।

आज हर किसी के मन में है कि सिल्वर का वैश्विक स्तर पर क्या भविष्य है? इसके साथ ही लोग जानना चाहते हैं कि आने वाले दिनों में सिल्वर और कितना महंगा होगा? हालांकि देश में सिल्वर गोल्ड का विकल्प बन रहा है, क्योंकि गोल्ड महंगा हो रहा है, तो सिल्वर भी महंगा हो रहा है।
गोल्ड की तरह, सिल्वर को भी आर्थिक अनिश्चितता और मुद्रास्फीति के खिलाफ एक सुरक्षित निवेश माना जाता है। जब बाजार में अस्थिरता होती है, तो निवेशक अक्सर कीमती धातुओं की ओर रुख करते हैं। सिल्वर, गोल्ड की तुलना में अधिक किफायती होने के कारण, छोटे निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प हो सकती है। सिल्वर का वैश्विक स्तर पर क्या भविष्य है, यह सवाल हर किसी के जेहन में है। तो इसके जवाब में यही कहा जा सकता है कि सिल्वर का वैश्विक भविष्य काफी उज्ज्वल और बहुआयामी प्रतीत होता है। इसे अक्सर औद्योगिक धातु कहा जाता है, क्योंकि इसकी लगभग आधी से अधिक मांग औद्योगिक जरूरतों से आती है। हालांकि, यह गोल्ड की तरह एक कीमती धातु भी है और निवेश के साथ-साथ ज्वेलरी में भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है। आने वाले समय में सिल्वर की मांग कई प्रमुख कारकों से प्रेरित होने की संभावना है। मुद्रास्फीति और कमजोर डॉलर भी सिल्वर के महंगा होने का कारण बनते जा रहे हैं। यदि वैश्विक मुद्रास्फीति बनी रहती है या अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है, तो गोल्ड की तरह, सिल्वर को भी एक महंगाई-रोधी निवेश के रूप में देखा जाएगा, जिससे इसकी कीमतें बढ़ेंगी।
सिल्वर का उपयोग सौर पैनलों में एक महत्वपूर्ण चालक है। जैसे-जैसे दुनिया अक्षय ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रही है और सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ रहा है, सिल्वर की मांग में भी भारी वृद्धि होगी। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, वैश्विक सौर क्षमता तेजी से बढ़ रही है, और यह वृद्धि सीधे तौर पर सिल्वर की खपत से जुड़ी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी - स्मार्टफोन, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिक वाहन, मोबाइल में 5जी तकनीक और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स में सिल्वर एक महत्वपूर्ण कारण है। इसकी उच्च चालकता इसे इन प्रयोगों के लिए आदर्श बनाती है। प्रौद्योगिकी में नवाचार और विकास के साथ, इस क्षेत्र से सिल्वर की मांग बढ़ती रहेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों अर्थात ईवी में पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन वाहनों की तुलना में अधिक सिल्वर का उपयोग होता है। ईवी बैटरी, चार्जिंग सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक घटकों में सिल्वर का प्रयोग होता है। वैश्विक स्तर पर ईवी की बिक्री में उछाल से सिल्वर की मांग को बढ़ावा मिलेगा। चिकित्सा उपकरण, जल शोधन, फोटोग्राफी, और विभिन्न केमिकल प्रोसेसिंग में भी सिल्वर का उपयोग होता है।
अब बात करते हैं कि आने वाले दिनों में सिल्वर और कितना महंगा होगा? तो यकीन मानिए कि गोल्ड की तरह, सिल्वर की कीमतें भी बढ़ सकती हैं। ऐतिहासिक रूप से, गोल्ड-सिल्वर में रेट्स का अनुपात 10 ग्राम गोल्ड के बराबर 1 किलो सिल्वर का रहा है। हाल के वर्षों में, यह अनुपात अक्सर बराबरी के आसपास रहा है, जो यह दर्शाता है कि सिल्वर अभी भी उसकी वास्तविक कीमतों के मुकाबले बहुत सस्ता है। सिल्वर के अपने ऐतिहासिक औसत को देखें, तो सिल्वर की कीमतों में आने वाले दिनों में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल सकती है। वैश्विक स्तर पर सिल्वर की खपत के कई मुख्य कारण इसकी अनूठी भौतिक और रासायनिक गुणों में निहित हैं, जो इसे विभिन्न उद्योगों के लिए अपरिहार्य बनाते हैं। इसलिए, यह जाननने कती जरूरत है कि कौनसा देश सिल्वर की खरीदी कितनी कर रहा है। इसे जानने के लिए, सिल्वर की वैश्विक खरीदी को दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है, एक तो है प्राथमिक उत्पादन (खनन) और दूसरा है खपत। वर्ल्ड सिल्वर काउंसिल और खनन रिपोर्टों के अनुसार, मेक्सिको, चीन, पेरू, चिली, ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड, रूस और अमेरिका सिल्वर के प्रमुख उत्पादक और उपभोक्ता देश हैं। मेक्सिको विश्व का सबसे बड़ा सिल्वर उत्पादक देश है। चीन भी एक महत्वपूर्ण उत्पादक देश है। पेरू भी एक बड़ा लैटिन अमेरिकी सिल्वर उत्पादक दैश है। चिली भी पेरू कू तरह ही अन्य प्रमुख लैटिन अमेरिकी सिल्वर उत्पादक देश है। ऑस्ट्रेलिया को भी एक महत्वपूर्ण सिल्वर उत्पादक देश के रूप में जाना जाता है। पोलैंड देश भी यूरोप में एक बड़ा सिल्वर उत्पादक देश के रूप में दुनिया मे विख्यात है। इनके अलावा रूस एक महत्वपूर्ण सिल्वर उत्पादक देश है, तो अमेरिका को एक मध्यम श्रेणी के सिल्वर उत्पादक के रूप में जाना जाता है। सिल्वर की खरीदी करने वाले देशों की बात करें, तो यह जानना आसान नहीं है कि कौन सा देश कितनी सिल्वर खरीदी कर रहा है, क्योंकि खपत उद्योग, ज्वेलरी, निवेश जैसै विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई है और यह लगातार बदलती रहती है। फिर भी चीन, अमेरिका, भारत और जापान, जर्मनी व दक्षिण कोरिया सबसे बड़े सिल्वर उपभोक्ता हैं। चीन औद्योगिक मांग और ज्वेलरी दोनों के लिए सिल्वर का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। इसकी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, सौर पैनल उत्पादन और बढ़ते उपभोक्ता बाजार के कारण इसकी खपत बहुत अधिक है। अमेरिका को प्रौद्योगिकी उद्योग, ज्वेलरी और निवेश मांग के कारण एक प्रमुख उपभोक्ता माना जाता है। भारत को देखें, तो ज्वेलरी, कलाकृतियों और निवेश के लिए सिल्वर का एक बहुत बड़ा उपभोक्ता माना जाता है। भारत में सिल्वर सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखती है। जापान को भी इलेक्ट्रॉनिक्स और औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए सिल्वर का एक बड़ा उपभोक्ता माना जाता है। जर्मनी को सिल्वर के मामले में यूरोप में औद्योगिक और निवेश के लिए एक प्रमुख उपभोक्ता के रूप मे देखा जाता है। दक्षिण कोरिया शुरू से ही इलेक्ट्रॉनिक्स और उच्च तकनीक उद्योगों के कारण एक महत्वपूर्ण उपभोक्ता। ये देश कुल वैश्विक सिल्वर की मांग का एक बड़ा हिस्सा बनाते हैं, जिसमें औद्योगिक अनुप्रयोगों का वर्चस्व रहता है।
इस सबके कारण, ज्वेलरी बाजार में सिल्वर का भविष्य निश्चित रूप से उज्ज्वल है, खासकर गोल्ड की बढ़ती कीमतों के संदर्भ में। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि "आने वाला भविष्य सिर्फ सिल्वर का है", क्योंकि गोल्ड का अपना एक सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और निवेश मूल्य है जो कभी पूरी तरह से फीका भले ही नहीं पड़ेगा। लेकिन सिल्वर का भी गोल्ड की तरह ही हमेशा एक प्रीमियम स्थान रहेगा। दरअसल, सिल्वर एक बहुमुखी और किफायती धातु है जिसका औद्योगिक मांग और ज्वेलरी बाजार में मजबूत भविष्य है। गोल्ड की कीमतों में वृद्धि के साथ, सिल्वर ज्वेलरी उद्योग में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएगी और उपभोक्ताओं के लिए एक पसंदीदा विकल्प बनी रहेगी। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि सिल्वर ज्वेलरी बाजार के एक बड़े हिस्से का भविष्य बन रही है, भले ही गोल्ड का अपना अद्वितीय स्थान बना रहेगा।

कान्तिलाल मेहता, सिल्वर एम्पोरियम
सिल्वर ज्वेलरी भारतीय ज्वेलरी मार्केट में एक महत्वपूर्ण और बढ़ती हुई भूमिका निभा रही है। इसके साथ ही हमारी यह भी मान्यता है कि गोल्ड की कीमतें भी उच्च बनी रहने से सिल्वर ज्वेलरी की मांग जरूर बढ़ेगी, क्योंकि सिल्वर ज्वेलरी भारत के आम लोगों की जेब को सूट करती है।

विकास जैन, सिल्वेरियो अर्टेसा प्रा. लि.
वैश्विक आर्थिक के हालातों में सिल्वर की जरूरतें सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों में बढ़ रही है, तो इसकी मांग सीधे तौर पर सिल्वर की कीमतों को प्रभावित करेगी। ये उद्योग निरंतर विस्तार कर रहे हैं, जिससे सिल्वर की कीमतों जरूर बढ़ेगी, यह साफ दिख रहा है।

विनय शोभावत, आनंद दर्शन सिल्वर्स
ज्वेलरी डिज़ाइनर सिल्वर के साथ नए प्रयोग कर रहे हैं, जिससे यह पारंपरिक से लेकर आधुनिक, स्टेटमेंट पीस तक विभिन्न शैलियों की ज्वेलरी में उपलब्ध है। यह विविधता फैशन पसंद युवा वर्ग को आकर्षित करती है। इसीलिए गोल्ड की बढ़ती कीमतों में लोग सिल्वर की ओर रुख कर रहे हैं।

अमन सिंघवी, अरिहंत ९२५ सिल्वर
सिल्वर ज्वेलरी बड़े पैमाने पर खुदरा विक्रेताओं से लेकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक आसानी से उपलब्ध हैं, जिससे उपभोक्ताओं के लिए खरीदारी करना सुविधाजनक हो रहा है। फिर अब तो सिल्वर ज्वेलरी भी गोल्ड ज्वेलरी के साथ साथ फैशन व निवेश के रूप में भी तेजी से बढ़ रही है।










Comments